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रेटिंग एजेंसियों का दावा, अगले साल 10 फीसदी से ज्यादा रहेगी विकास दर

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Amit Mandal Updated Wed, 09 Sep 2020 07:10 AM IST
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Rating agencies says, GDP will reach 10 percent next year
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कोरोना महामारी और लॉकडाउन से चालू वित्तवर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित रहेगी, लेकिन अगले साल विकास दर की रफ्तार 10 फीसदी से ज्यादा होगी। अधिकतर रेटिंग एजेंसियों ने दावा किया है कि 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार दिखेगा और रोजगार के मोर्चे पर भी राहत का अनुमान है।
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फिच रेटिंग्स : 11 फीसदी विकास दर
वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है कि 2021-22 में भारत अर्थव्यवस्था की विकास दर 11 फीसदी रह सकती है, जो इसके आगे के वर्षों में औसतन 6 फीसदी की दर से बढ़ेगी। एजेंसी ने चालू वित्तवर्ष (2020-21) के लिए अपने गिरावट के अनुमान को दोगुना कर दिया है। पहले जीडीपी में 5 फीसदी गिरावट का आकलन किया था, जो पहली तिमाही के आंकड़े देखने के बाद बढ़ाकर 10.5 फीसदी कर दिया है। अप्रैल-जून में विकास दर रिकॉर्ड (-23.9 फीसदी) नीचे पहुंच गई थी। फिच ने कहा है कि दूसरी तिमाही में विकास दर (-)9.6 फीसदी और तीसरी तिमाही में (-)4.8 फीसदी रहेगी, लेकिन चौथी तिमाही से तेजी लौट आएगी और विकास दर 4 फीसदी पहुंच जाएगी।
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इंडिया रेटिंग्स : 9.9 फीसदी तेजी का दावा
घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने भी अनुमान जताया है कि 2021-22 में भारत 9.9 फीसदी की विकास दर हासिल कर लेगा। एजेेंसी के मुख्य अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि अब हमें अगले साल का इंतजार है, जब भारत की जीडीपी तेजी की राह पर लौट आएगी। हालांकि, 9.9 फीसदी की विकास पहली या दूसरी तिमाही के बजाए तीसरी या चौथी तिमाही में आने की ज्यादा संभावना है। चालू वित्तवर्ष में जीडीपी शून्य से 11.8 फीसदी नीचे रहेगी, जो पहले 5.3 फीसदी नीचे रहने का अनुमान था। भारतीय के इतिहास में 1951 के बाद से यह छठी सबसे बड़ी गिरावट होगी, जिससे अर्थव्यवस्था को 18.44 लाख करोड़ का नुकसान होगा। राजकोषीय घाटा भी बजट अनुमान से दोगुना बढ़कर 15.17 लाख करोड़ हो जाएगा।

मॉर्गन स्टेनली : 9.5 फीसदी का अनुमान
वैश्विक वित्तीय सेवा फर्म मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि अगले वित्तवर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था 9.5 फीसदी की विकास दर हासिल करने में सफल रहेगी। कोविड-19 महामारी से 2020-21 में आर्थिक हालात खस्ता रहेगा और जीडीपी में 5 फीसदी गिरावट आ सकती है, लेकिन जल्द ही V आकार का सुधार दिखेगा। फर्म ने पहले 4.9 फीसदी गिरावट का अनुमान लगाया था।

गोल्डमैन सॉक्स :  15.7 फीसदी की तेज विकास दर
ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सॉक्स के अनुसार, 2021-22 में भारत की जीडीपी दोबारा तेज रफ्तार से आगे बढ़ेगी और 15.7 फीसदी की विकास दर हासिल कर लेगी। लॉकडाउन से जून के उत्पादन में आई गिरावट की 70 फीसदी तक भरपाई हो चुकी है और अगले वित्तवर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2021) में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 27.1 फीसदी रहने का अनुमान है, जो इस साल पहली तिमाही में (-)23.9 फीसदी थी। पहली तिमाही में बड़ी गिरावट के बाद ब्रोकरेज फर्म ने चालू वित्तवर्ष की विकास दर शून्य से 14.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। पहले यह अनुमान 11.8 फीसदी था। गोल्डमैन सॉक्स के अनुसार, दूसरी तिमाही में विकास दर (-)13.7 और तीसरी तिमाही में (-)9.8 फीसदी रह सकती है।

वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4.4 फीसदी कमी, चीन में रहेगी तेजी
फिच ने कहा है कि महामारी के प्रभाव से इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4.4 फीसदी गिरावट का अनुमान है। जून में यह अनुमान 4.6 फीसदी था, लेकिन दूसरी तिमाही के बाद आ रहे सुधारों की वजह से इसमें कटौती कर दी है। रेटिंग एजेंसी के अनुसार, अमेरिका की जीडीपी में 4.6 फीसदी गिरावट रहेगी, पूर्व के 5.6 फीसदी से कम है। इस दौरान चीन को छोड़ अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर (-)5.7 फीसदी रहेगी। चीन इस साल 2.7 फीसदी की विकास दर हासिल कर सकता है, जो पहले पहले 1.2 फीसदी रहने का अनुमान था।  

एजीआर पर 10 साल की अवधि से वोडा-आइडिया को राहत नहीं : फिच
नई दिल्ली। रेटिंग एजेंसी फिच का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से दूरसंचार कंपनियों को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के बकाया भुगतान के लिए 10 साल का समय मिलने से वोडाफोन आइडिया ज्यादा मदद नहीं मिलेगी।

फिच ने कहा, इस दौरान ग्राहकों की संख्या बढ़ने से जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी बढ़ जाएगी। मोबाइल दरों में अगले 12 महीने में 20 फीसदी वृद्धि की संभावना है। वोडा आइडिया ने इक्विटी और कर्ज के रूप में 25 हजार करोड़ जुटाने की योजना बनाई है, लेकिन इससे कंपनी के प्रतिस्पर्धी स्थिति में लौटने की संभावना नहीं है।

2025 तक देश में होगा 40 हजार करोड़ का टेलीमेडिसिन बाजार
नई दिल्ली। महामारी के बाद भारतीय चिकित्सा उद्योग बदलाव की राह पर है। चिकित्सकीय परामर्श का पारंपरिक तरीका तेजी से बदल रहा है, जिससे 2025 तक टेलीमेडिसिन बाजार 40 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

अर्न्स्ट एंड यंग-आईपीए ने एक सर्वे में बताया कि पांच वर्षों में हेल्थकेयर सिस्टम का 15-20 हिस्सा टेलीमेडिसिन में बदल जाएगा। जहां डॉक्टर की सलाह, स्वास्थ्य निगरानी आदि वर्चुअल तरीके से होने लगेगी। दवाओं की खरीद-बिक्री का तरीका भी बदल जाएगा, जो ई-फार्मेसी के बाजार को बढ़ावा देगा। इस दौरान टेलीमेडिसिन की औसत वृद्धि दर 31 फीसदी रहेगी।

स्टार्टअप पर राज्यों के कामकाज की रिपोर्ट 11 को
नई दिल्ली। स्टार्टअप को बढ़ावा देने की केंद्र सरकार की योजना के तहत बेहतर माहौल बनाने को लेकर राज्य सरकारों के कामकाज की रिपोर्ट 11 सितंबर को आएगी। वाणिज्य मंत्रालय की रिपोर्ट बताएगी कि किस राज्य ने स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए कितना बेहतर काम किया है।

उद्योग एवं आंतरिक संवर्द्धन विभाग ने 2018 से राज्यों के स्टार्टअप इकोसिस्टम की रैंकिंग तैयार करना शुरू की है। मंत्रालय का मानना है कि इस साल जारी होने वाली रैंकिंग स्टार्टअप के अनुकूल नीति बनाने, वित्तीय सहायता या सब्सिडी देने, शोध केंद्र और शुरुआती पूंजी उपलब्ध कराने कराने के पैमानों पर आधारित होगी। 2018 की पहली सूची में गुजरात का प्रदर्शन सबसे अच्छा था।

 
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