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Services Sector: नए व्यवसायों की संख्या बढ़ने से सेवा क्षेत्र में तेजी, नवंबर में वृद्धि रही जोरदार
एजेंसी
Published by: लव गौर
Updated Thu, 04 Dec 2025 06:22 AM IST
सार
भारत के सेवा क्षेत्र में नवंबर महीने में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है। नए व्यवसायों की संख्या में तेजी और कीमतों में नरमी आने से सेक्टर की गतिविधियों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स नवंबर में बढ़कर 59.8 पर पहुंच गया, जबकि अक्टूबर में यह 58.9 पर आ गया था।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : Adobestock
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विस्तार
नए व्यवसायों की संख्या में तेजी से वृद्धि और कीमतों में कमी से नवंबर में सेवा क्षेत्र की वृद्धि में तेजी आई है। एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स बढ़कर 59.8 हो गया। अक्तूबर में यह गिरकर 58.9 पर आ गया था। क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में, 50 से ऊपर का मतलब मजबूती और इससे नीचे का मतलब कमजोरी माना जाता है।
एचएसबीसी की मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, नए व्यवसायों के आने से सेवा क्षेत्र के उत्पादन वृद्धि को बढ़ावा मिला है। एशिया, यूरोप व मध्य पूर्व में कंपनियों के लाभ दर्ज करने के साथ अंतरराष्ट्रीय बिक्री में सुधार जारी रहा। हालांकि, विस्तार की दर आठ माह के निचले स्तर पर आ गई। कड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा व अन्य जगहों पर सस्ती सेवाओं की आपूर्ति ने विकास को बाधित किया। भंडारी ने कहा, विदेशी सेवाओं में प्रतिस्पर्धा के कारण अंतरराष्ट्रीय बिक्री आठ महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई। इनपुट मूल्य मुद्रास्फीति लगभग साढ़े पांच साल के निचले स्तर पर आ गई।
ये भी पढ़ें: GDP: भारत की तेज बढ़ती आर्थिक रफ्तार ग्लोबल पावरशिफ्ट की शुरुआत, पश्चिमी मीडिया ने कहा- यह कृत्रिम नहीं
बिक्री शुल्क में मामूली वृद्धि
बिक्री शुल्क में मामूली वृद्धि हुई। हालांकि नवंबर में भारत की सेवा अर्थव्यवस्था में और नौकरियां जुड़ीं, लेकिन विस्तार की दर मध्यम मोटे तौर पर पिछले दो महीनों के समान ही रही। अधिकतर कंपनियों ने इस दौरान पेरोल संख्या में कोई बदलाव नहीं बताया। एचएसबीसी इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स अक्तूबर के 60.4 से गिरकर नवंबर में 59.7 पर आ गया। यह मई के बाद से सबसे धीमी वृद्धि दर दर्शाता है। यह तीसरी वित्तीय तिमाही के मध्य तक विकास में नरमी और मुद्रास्फीति के कम दबाव के बीच हुआ।
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एचएसबीसी की मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, नए व्यवसायों के आने से सेवा क्षेत्र के उत्पादन वृद्धि को बढ़ावा मिला है। एशिया, यूरोप व मध्य पूर्व में कंपनियों के लाभ दर्ज करने के साथ अंतरराष्ट्रीय बिक्री में सुधार जारी रहा। हालांकि, विस्तार की दर आठ माह के निचले स्तर पर आ गई। कड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा व अन्य जगहों पर सस्ती सेवाओं की आपूर्ति ने विकास को बाधित किया। भंडारी ने कहा, विदेशी सेवाओं में प्रतिस्पर्धा के कारण अंतरराष्ट्रीय बिक्री आठ महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई। इनपुट मूल्य मुद्रास्फीति लगभग साढ़े पांच साल के निचले स्तर पर आ गई।
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बिक्री शुल्क में मामूली वृद्धि
बिक्री शुल्क में मामूली वृद्धि हुई। हालांकि नवंबर में भारत की सेवा अर्थव्यवस्था में और नौकरियां जुड़ीं, लेकिन विस्तार की दर मध्यम मोटे तौर पर पिछले दो महीनों के समान ही रही। अधिकतर कंपनियों ने इस दौरान पेरोल संख्या में कोई बदलाव नहीं बताया। एचएसबीसी इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स अक्तूबर के 60.4 से गिरकर नवंबर में 59.7 पर आ गया। यह मई के बाद से सबसे धीमी वृद्धि दर दर्शाता है। यह तीसरी वित्तीय तिमाही के मध्य तक विकास में नरमी और मुद्रास्फीति के कम दबाव के बीच हुआ।