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Chandigarh News: पीजीआई में हुए घोटाले में चार के खिलाफ चार्जशीट
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निदेशक प्रो. विवेक लाल बोले- 5 आरोपियों को निकाला, सीबीआई कर रही है कार्रवाई
संवाद न्यूज एजेंसी
चंडीगढ़। पीजीआई में आयुष्मान भारत योजना के नाम पर हुए घोटाले पर निदेशक प्रो. विवेक लाल ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि घोटाले के 5 आरोपियों को नौकरी से निकाल दिया है। 4 के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट भी फाइल कर दी गई है। यह घोटाला 2017 से 2022 के बीच हुआ था। इसकी जानकारी मिलने पर उन्होंने सीबीआई को सूचित किया था। अब इस मामले में सीबीआई कार्रवाई कर रही है। उसके बाद इंडेंटिंग को ऑनलाइन कर दिया गया है। इससे बहुत कुछ कवर हो जाएगा। प्रो. विवेक लाल पीजीआई के 62वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विजन के तहत मरीजों को आयुष्मान योजना का पूरा लाभ मिल रहा है। मरीजों के ट्रांसप्लांट, कैंसर केयर भी आयुष्मान के तहत हो रहा है। जिसका 50 लाख तक खर्च दवाओं पर खर्च होता है। वह 5-6 लाख की जेनेरिक दवाओं से ठीक कर देते हैं। मरीज पीजीआई में इलाज करवाने के लिए बहुत खुश हैं।
आयुष्मान भारत योजना के बिल पर दवा का नाम लिख लगाई थी फर्जी मुहर
फरवरी में एक युवक अमृत फार्मेसी में पीजीआई के नाम पर आयुष्मान भारत योजना के बिल पर दवा का नाम लिखकर फर्जी नर्सिंग मुहर लगाकर 60 हजार रुपये की दवाएं लेने गया था। उसे दवा मिल गई और बिल भी पास हो गया लेकिन बिल पर किसी और डिपार्टमेंट के डॉक्टर की मोहर लगी थी। पीजीआई सुरक्षाकर्मियों ने युवक को पकड़कर पीजीआई पुलिस चौकी के हवाले कर दिया। उसके कब्जे से आठ मोहरें, आयुष्मान भारत के फर्जी बिल और एक इंडेंट बुक बरामद हुई। सेक्टर-11 थाना पुलिस ने एक आरोपी को इस मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद केस की जांच क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी गई थी। घोटाले के खुलासे के बाद यहां ऑनलाइन व्यवस्था शुरू कर दी गई थी।
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संवाद न्यूज एजेंसी
चंडीगढ़। पीजीआई में आयुष्मान भारत योजना के नाम पर हुए घोटाले पर निदेशक प्रो. विवेक लाल ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि घोटाले के 5 आरोपियों को नौकरी से निकाल दिया है। 4 के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट भी फाइल कर दी गई है। यह घोटाला 2017 से 2022 के बीच हुआ था। इसकी जानकारी मिलने पर उन्होंने सीबीआई को सूचित किया था। अब इस मामले में सीबीआई कार्रवाई कर रही है। उसके बाद इंडेंटिंग को ऑनलाइन कर दिया गया है। इससे बहुत कुछ कवर हो जाएगा। प्रो. विवेक लाल पीजीआई के 62वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विजन के तहत मरीजों को आयुष्मान योजना का पूरा लाभ मिल रहा है। मरीजों के ट्रांसप्लांट, कैंसर केयर भी आयुष्मान के तहत हो रहा है। जिसका 50 लाख तक खर्च दवाओं पर खर्च होता है। वह 5-6 लाख की जेनेरिक दवाओं से ठीक कर देते हैं। मरीज पीजीआई में इलाज करवाने के लिए बहुत खुश हैं।
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आयुष्मान भारत योजना के बिल पर दवा का नाम लिख लगाई थी फर्जी मुहर
फरवरी में एक युवक अमृत फार्मेसी में पीजीआई के नाम पर आयुष्मान भारत योजना के बिल पर दवा का नाम लिखकर फर्जी नर्सिंग मुहर लगाकर 60 हजार रुपये की दवाएं लेने गया था। उसे दवा मिल गई और बिल भी पास हो गया लेकिन बिल पर किसी और डिपार्टमेंट के डॉक्टर की मोहर लगी थी। पीजीआई सुरक्षाकर्मियों ने युवक को पकड़कर पीजीआई पुलिस चौकी के हवाले कर दिया। उसके कब्जे से आठ मोहरें, आयुष्मान भारत के फर्जी बिल और एक इंडेंट बुक बरामद हुई। सेक्टर-11 थाना पुलिस ने एक आरोपी को इस मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद केस की जांच क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी गई थी। घोटाले के खुलासे के बाद यहां ऑनलाइन व्यवस्था शुरू कर दी गई थी।