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Chandigarh: सरकारी अस्पतालों में घंटों के हिसाब से रखे जाएंगे डॉक्टर, रिटायर चिकित्सकों की सेवाएं लेगा प्रशासन
विशाल पाठक, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Fri, 19 Dec 2025 10:25 AM IST
सार
पंजाब में आम आदमी क्लीनिक भी इसी मॉडल पर चल रही हैं, जहां पर आम आदमी क्लीनिक में रिटायर और प्राइवेट डॉक्टरों को क्लीनिक में प्रति मरीज देखने पर उस हिसाब से सरकार फीस दे रही है। प्रशासन पंजाब सरकार के कई मॉडल को स्टडी कर रही है।
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डॉक्टर
- फोटो : Freepik.com
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विस्तार
चंडीगढ़ के सरकारी व सिविल अस्पताल के अलावा डिस्पेंसरियों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए प्रशासन नया कदम उठाने जा रहा है। पंजाब के तर्ज पर चंडीगढ़ प्रशासन सेवानिवृत्त डॉक्टरों और प्राइवेट सेक्टर के स्पेशलिस्टों की घंटों के हिसाब से सेवाएं लेगा।
शहर के कई सरकारी अस्पताल व डिस्पेंसरी ऐसी हैं, जहां हड्डियों, महिलाओं, ईएनटी के अलावा अन्य कई स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की पोस्ट खाली पड़ी है। इनमें सीनियर और जूनियर डॉक्टरों के कई परों पर लंबे समय से भर्ती नहीं हुई है, यहां तक की कई सैंक्शनड पोस्ट रद्द हो गई है।
शहर के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए प्रशासन ये कदम उठाने जा रहा है। मुख्य सचिव एच राजेश प्रसाद ने इस संदर्भ में स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि इसको लेकर पॉलिसी बनाकर प्रशासक गुलाब चंद कटारिया के पास मंजूरी के लिए भेजी जाए।
वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक नये साल में इस नई पॉलिसी की रुपरेखा तैयार कर लागू कर दी जाएगी। इसके लिए प्रशासन पंजाब सरकार के कई मॉडल को स्टडी कर रही है। बता दें कि पंजाब में आम आदमी क्लीनिक भी इसी मॉडल पर चल रही हैं, जहां पर आम आदमी क्लीनिक में रिटायर और प्राइवेट डॉक्टरों को क्लीनिक में प्रति मरीज देखने पर उस हिसाब से सरकार फीस दे रही है।
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शहर के कई सरकारी अस्पताल व डिस्पेंसरी ऐसी हैं, जहां हड्डियों, महिलाओं, ईएनटी के अलावा अन्य कई स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की पोस्ट खाली पड़ी है। इनमें सीनियर और जूनियर डॉक्टरों के कई परों पर लंबे समय से भर्ती नहीं हुई है, यहां तक की कई सैंक्शनड पोस्ट रद्द हो गई है।
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शहर के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए प्रशासन ये कदम उठाने जा रहा है। मुख्य सचिव एच राजेश प्रसाद ने इस संदर्भ में स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि इसको लेकर पॉलिसी बनाकर प्रशासक गुलाब चंद कटारिया के पास मंजूरी के लिए भेजी जाए।
वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक नये साल में इस नई पॉलिसी की रुपरेखा तैयार कर लागू कर दी जाएगी। इसके लिए प्रशासन पंजाब सरकार के कई मॉडल को स्टडी कर रही है। बता दें कि पंजाब में आम आदमी क्लीनिक भी इसी मॉडल पर चल रही हैं, जहां पर आम आदमी क्लीनिक में रिटायर और प्राइवेट डॉक्टरों को क्लीनिक में प्रति मरीज देखने पर उस हिसाब से सरकार फीस दे रही है।