Punjab: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने दिया इस्तीफा, अब संगठन में करेंगे काम
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

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राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह फैसला लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए लिया गया है। पार्टी के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, उनको पार्टी संगठन में शामिल कर चुनाव लड़ाया जा सकता है। लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी के लिए भाजपा नेतृत्व ने विजय सांपला को सांविधानिक पद से मुक्त कर दिया है।

गृह मंत्री अमित शाह की गुरदासपुर रैली के समय भी सांपला उनके काफी करीब दिखे थे। सांपला 2014 में होशियारपुर से लोकसभा चुनाव जीते और नरेंद्र मोदी सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री बनाए गए थे। वह 2019 तक मंत्री रहे। इससे पहले वह पंजाब दलित विकास परिषद के अध्यक्ष, अनुसूचित जाति आरक्षण बचाओ मंच के राज्य समन्वयक और भारत गौरव के अध्यक्ष का पद संभाल चुके है। वह 2009- 2012 तक खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड, पंजाब के अध्यक्ष का कमान भी संभाल चुके हैं।
सांपला को संगठन में लाने की तैयारी
विजय सांपला को भाजपा संगठनात्मक में बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। दरअसल, भाजपा के पास राष्ट्रीय स्तर पर तीन बड़े दलित चेहरे थे, जिनकी भूमिका संक्षिप्त हो गई थी। पहला चेहरा थावर चंद गहलोत का था, जो भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव थे। उनको राज्यपाल बनाने के बाद संगठन एक कद्दावर दलित नेता की जरूरत महसूस कर रहा था। दूसरा चेहरा दुष्यंत गौतम का है, जो भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री हैं। वह अकेले बड़े दलित नेता हैं जो राष्ट्रीय संगठन में बड़े पद पर आसीन हैं। तीसरे नेता अर्जुन राम मेघवाल हैं, जो केंद्रीय मंत्रिमंडल में हैं। लिहाजा उनके पास मंत्रालय का कार्यभार है और वह संगठन के लिए उतने सक्रिय नहीं हो रहे हैं जितनी भाजपा के संगठन को जरूरत है। ऐसे में भाजपा की राष्ट्रीय टीम में दलित नेता की कमी महसूस की जा रही थी।
सांपला रविदासिया समाज से हैं और होशियारपुर से लोकसभा सांसद रहने के साथ साथ वह केंद्रीय राज्यमंत्री रह चुके हैं। सांपला 2021 से एनसीएससी अध्यक्ष का प्रभार संभाल रहे थे। पंजाब के प्रमुख दलित चेहरा रहे सांपला ने 1998 में जालंधर छावनी के सोफीपिंड गांव के सरपंच के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। अरब देशों में एक प्लंबर के रूप में काम कर चुके विजय सांपला पंजाब की राजनीति में तल्हण कांड के बाद उभरकर सामने आए थे।