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Chandigarh News: 28 जुलाई को होगा जीएमसीएच-32 में 283 बेड के नए इमरजेंसी-ट्रॉमा ब्लॉक का उद्घाटन
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चंडीगढ़। सेक्टर-32 स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) में तैयार किए गए अत्याधुनिक 283 बेड वाले इमरजेंसी और ट्रॉमा ब्लॉक का उद्घाटन 28 जुलाई को किया जाएगा। मरीजों को बेहतर आपातकालीन सेवाएं देने के उद्देश्य से बनाए गए इस नए ब्लॉक के उद्घाटन से पहले 25 और 27 जुलाई को धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस परियोजना को 2019 में यूटी प्रशासन से मंजूरी मिली थी और निर्माण कार्य अगस्त 2020 में शुरू हुआ था।
ट्रॉमा सेंटर के शुरू होने से चंडीगढ़ को पीजीआई के बाद दूसरा समर्पित ट्रॉमा सेंटर मिलेगा, जिससे पूरे क्षेत्र की आपात स्थितियों से निपटने की क्षमता में इजाफा होगा। उद्घाटन से पहले अस्पताल प्रशासन की ओर से धार्मिक आयोजन किए जा रहे हैं ताकि इस ब्लॉक में भर्ती होने वाले मरीजों की जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की जा सके। 25 जुलाई को सुबह 9:30 बजे से 11 बजे तक सुखमनी साहिब का पाठ किया जाएगा। इसके बाद दोपहर 12 बजे तक कीर्तन होगा और फिर दोपहर 12:30 बजे लंगर लगेगा। इसके अलावा 27 जुलाई को हवन का आयोजन किया जाएगा। दोनों कार्यक्रम इमरजेंसी व ट्रॉमा ब्लॉक के स्थल पर ही होंगे। जीएमसीएच प्रशासन ने सभी फैकल्टी सदस्यों, स्टाफ, छात्रों और उनके परिजनों को इन आयोजनों में भाग लेने और आशीर्वाद लेने के लिए आमंत्रित किया है।
कोविड के चलते हुई देरी
यह परियोजना वर्ष 2019 में स्वीकृत हुई थी और इसे दो वर्ष में पूरा किया जाना था लेकिन कोविड महामारी के चलते इसमें देरी हुई। मौजूदा इमरजेंसी ब्लॉक अपनी क्षमता से कहीं अधिक दबाव में कार्य कर रहा है, जिससे यह नया ट्रॉमा सेंटर आवश्यक हो गया था। प्रशासन को उम्मीद है कि नई सुविधा से भीड़ कम होगी और मौजूदा आपात क्षेत्र का उपयोग अन्य विभागों के लिए किया जा सकेगा।
स्त्री रोग विभाग का विस्तार करने की योजना
वर्तमान में जीएमसीएच में लगभग 150 ट्रॉमा और आपातकालीन बेड हैं, जो ज्यादातर समय फुल ही रहते हैं। इसकी वजह से कई बार मरीज स्ट्रेचर पर गलियारों में ही देखे जाते हैं। बता दें कि ट्रॉमा सेवाओं को अलग करने की पहल दिवंगत डॉ. बीएस चवन के कार्यकाल में शुरू हुई थी। उन्होंने अस्पताल के विस्तार के लिए 52 करोड़ रुपये की मंजूरी दिलाई थी। ट्रॉमा सेंटर के चालू होने के बाद मुख्य भवन में जो जगह खाली होगी, वहां स्त्री रोग विभाग का विस्तार करने की योजना है, जहां लंबे समय से बेड की कमी बनी हुई है।
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कोविड के चलते हुई देरी
यह परियोजना वर्ष 2019 में स्वीकृत हुई थी और इसे दो वर्ष में पूरा किया जाना था लेकिन कोविड महामारी के चलते इसमें देरी हुई। मौजूदा इमरजेंसी ब्लॉक अपनी क्षमता से कहीं अधिक दबाव में कार्य कर रहा है, जिससे यह नया ट्रॉमा सेंटर आवश्यक हो गया था। प्रशासन को उम्मीद है कि नई सुविधा से भीड़ कम होगी और मौजूदा आपात क्षेत्र का उपयोग अन्य विभागों के लिए किया जा सकेगा।
स्त्री रोग विभाग का विस्तार करने की योजना
वर्तमान में जीएमसीएच में लगभग 150 ट्रॉमा और आपातकालीन बेड हैं, जो ज्यादातर समय फुल ही रहते हैं। इसकी वजह से कई बार मरीज स्ट्रेचर पर गलियारों में ही देखे जाते हैं। बता दें कि ट्रॉमा सेवाओं को अलग करने की पहल दिवंगत डॉ. बीएस चवन के कार्यकाल में शुरू हुई थी। उन्होंने अस्पताल के विस्तार के लिए 52 करोड़ रुपये की मंजूरी दिलाई थी। ट्रॉमा सेंटर के चालू होने के बाद मुख्य भवन में जो जगह खाली होगी, वहां स्त्री रोग विभाग का विस्तार करने की योजना है, जहां लंबे समय से बेड की कमी बनी हुई है।