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आतंक पर वार: आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की चंडीगढ़-अमृतसर स्थित प्रॉपर्टी सील, एनआईए ने की कार्रवाई

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Sat, 23 Sep 2023 05:28 PM IST
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सार

मूल रूप से पंजाब के खानकोट से ताल्लुक रखने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नू के पास वर्तमान में अमेरिका की नागरिकता है। पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई करने के बाद पन्नू विदेश चला गया था तभी से वह कनाडा और अमेरिका में रह रहा है। वह विदेश में रहकर ही खालिस्तानी गतिविधियों को अंजाम देता रहता है।

NIA sealed cell of terrorist Gurpatwant Singh Pannu in Chandigarh
चंडीगढ़ में आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की कोठी सील - फोटो : अमर उजाला
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कनाडा में रह रहे सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू उर्फ गुरप्रताप सिंह पन्नू की चंडीगढ़ स्थित कोठी और अमृतसर स्थित जमीन को एनआईए ने कोर्ट के आदेशों के बाद अटैच कर दिया है। शनिवार को पन्नू की संपत्ति पर यह कार्रवाई अमृतसर में दर्ज देशद्रोह के एक मामले को लेकर की गई। खालिस्तान के मसले को लेकर कनाडा और भारत में बढ़े तनाव के बीच हुई इस कार्रवाई के बाद चंडीगढ़ समेत पूरे पंजाब में हलचल तेज हो गई है। 

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गौर हो कि कनाडा में रहने वाले हिंदुओं को खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने धमकी देकर कहा है कि वे देश छोड़ दें। इस पूरे मामले को लेकर कनाडाई हिंदुओं ने ट्रूडो सरकार से एक चिट्ठी में मांग करते हुए कहा है कि खालिस्तानी आतंकी पन्नू की स्पीच हेट क्राइम के तौर पर दर्ज की जाए। इधर, शनिवार को एनएआईए की टीम ने चंडीगढ़ के सेक्टर-15 स्थित कोठी नंबर 2033 को अटैच कर दिया।
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जानकारी के मुताबिक पन्नू के खिलाफ अमृतसर में दर्ज मामले के तहत पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि पन्नू का साथी सुखराज सिंह उर्फ राजू सुल्तान विंड गांव का रहने वाला है। वह कोई काम नहीं करता है। उसे खालिस्तान रेफरेंडम-2020 का प्रचार करने के लिए विदेश से पैसे आते हैं। 

वह लोगों के अंदर खालिस्तान के नाम पर दहशत पैदा करने के लिए खुद ही घर में खालिस्तान रेफरेंडम-2020 से जुड़े कपड़े के बैनर तैयार करता है। साथ ही इन्हें अमृतसर शहर के विभिन्न हिस्सों, सार्वजनिक स्थानों पर साथियों की मदद से लगाता है। इस वजह से इलाके में काफी डर का माहौल पैदा हो रहा है। इससे पंजाब का माहौल बिगड़ने का खतरा है। हिंदू व सिखों के बीच तकरार पैदा हो सकती है। राज्य की युवा पीढ़ी भी गुमराह हो सकती है। यह मुहिम सिख फॉर जास्टिस न्यूयार्क बेस्ड संस्था के लीगल एडवाइजर गुरप्रताप सिंह पन्नू के द्वारा चलाई जा रही है। इसके बाद पुलिस ने 19 अक्तूबर 2018 को सुल्तानविंड थाने में सुखराज सिंह, मलकीत सिंह और गुरप्रताप सिंह पन्नू उर्फ गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ धारा 124ए, 153ए, 153बी, 120बी के तहत केस दर्ज किया है। इसके बाद पंजाब पुलिस ने मामले की पड़ताल शुरू की। साथ ही यूपीए एक्ट की धारा -17, 18, 19 के साथ केस में आर्म्स एक्ट की धारा जोड़ी थी। पंजाब पुलिस ने मार्च 2019 में इस मामले 11 लोगों को गिरफ्तार कर अदालत में चार्जशीट दाखिल थी।

मामले की गंभीरता को देखते हुए 5 अप्रैल 2020 को केस नंबर आरसी-19/ 2020 दर्ज किया था। एनआईए द्वारा दर्ज केस की मोहाली स्थित एनआईए की विशेष अदालत में चल रही सुनवाई के दौरान पन्नू एक बार भी अदालत में पेश नहीं हुआ। जिसके बाद उसे अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया। साथ ही पन्नू के चंडीगढ़ के सेक्टर 15 स्थित कोठी के बाहर आर्डर चस्पां किए थे। जिसके बाद अदालत के निर्देशों को शनिवार दोपहर एनआईए की टीम की ओर से पन्नू की उक्त कोठी को अटैच करने की कार्रवाई की गई है। 

एनआईए ने बाकायदा कोठी के बाहर बोर्ड लगाते हुए साफ कर दिया है कि इस संपत्ति पर अब गुरपतवंत सिंह पन्नू का कोई अधिकार नहीं है। यह अब सरकारी संपत्ति बन गई है। मोहाली में 2020 में दर्ज एक मामले में पन्नू भगोड़ा घोषित है। इस कोठी के एक चौथाई हिस्से को एनआईए कोर्ट के आदेश पर पहले ही अटैच कर लिया गया था।

2020 में हुई थी संपत्ति कुर्क करने की कार्यवाही
इससे पहले साल 2020 में गुरपतवंत सिंह पन्नू को भगोड़ा घोषित करते हुए उसकी संपत्तियां कुर्क की गई थीं। उस समय कुर्की होने का मतलब ये था कि वो अपनी संपत्ति को बेच नहीं सकता था, लेकिन इस बार जब्त हुई संपत्तियों पर से उसका मालिकाना हक भी हट गया, अब ये संपत्तियां सरकारी हो गई हैं।
 
कौन है पन्नू
मूल रूप से पंजाब के खानकोट से ताल्लुक रखने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नू के पास वर्तमान में अमेरिका की नागरिकता है। पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई करने के बाद पन्नू विदेश चला गया था तभी से वह कनाडा और अमेरिका में रह रहा है। वह विदेश में रहकर ही खालिस्तानी गतिविधियों को अंजाम देता रहता है और समय-समय पर वीडियो जारी कर भारत सरकार के खिलाफ जहर उगलता है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से उसने सिख फॉर जस्टिस संगठन नाम के एक आतंकी संगठन का गठन भी किया है, जिस पर भारत ने 2019 में बैन लगा दिया था।
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