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बीएसएफ मामला: पंजाब को केंद्र का फैसला मंजूर नहीं, मंत्रिमंडल की विशेष बैठक होगी, चन्नी बोले- जरूरत पड़ी तो बुलाएंगे विस सत्र
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Mon, 18 Oct 2021 07:45 PM IST
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सार
बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि को लेकर पंजाब में सियासत तेज हो गई है। पंजाब सरकार केंद्र के फैसले के खिलाफ खुलकर उतर चुकी है। राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि केंद्र के इस फैसले को स्वीकार नहीं किया जाएगा। सीएम चन्नी ने कैबिनेट की विशेष बैठक बुलाने की बात कही।

मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी
- फोटो : फाइल
विस्तार
केंद्र सरकार की ओर से पंजाब में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जान को लेकर राज्य सरकार भी खुलकर मैदान में आ गई है। पंजाब सरकार ने कहा कि केंद्र के फैसले को मंजूर नहीं किया जाएगा। सोमवार को पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि पंजाब सरकार केंद्र के इस फैसले के खिलाफ जल्दी ही मंत्रिमंडल की विशेष बैठक बुलाएगी।
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उन्होंने कहा कि यह मुद्दा किसी एक सियासी पार्टी की सरकार का नहीं है, बल्कि पूरे पंजाब का मसला है, जिसके लिए जरूरत हुई तो सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी। यह एक संवेदनशील मुद्दा है और इसके खिलाफ कार्रवाई दर्ज करने के लिए पंजाब सरकार विधानसभा का विशेष सत्र भी बुला सकती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अपने दायरे में रहकर काम करना चाहिए। जल्दी ही वह केंद्रीय गृह मंत्री के साथ मुलाकात कर फैसले को वापस लेने की अपील करेंगे। चन्नी ने यह भी कहा कि वह इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखकर ऐतराज जता चुके हैं।
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मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल को इस संवेदनशील मुद्दे पर ध्यान से बयानबाजी करनी चाहिए, क्योंकि वह नहीं चाहते कि पंजाब में अमन-शांति भंग हो। उन्होंने कहा कि सुखबीर बादल ने अपने बयान में आशंका जताई थी कि बीएसएफ श्री हरमंदिर साहिब और दुर्गयाना मंदिर में घुस जाएगी। पंजाब में आतंकवाद का पहला दौर आया था, उसके लिए अकाली दल जिम्मेदार है। बादल को इस मामले में भड़काऊ बयान नहीं देना चाहिए।
गृह मंत्री से बस इतनी हुई थी बातचीत: चन्नी
सीएम चन्नी ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री से मुलाकात के दौरान कहा था कि सरकार कोई भी आए और मुख्यमंत्री चाहे जो कोई भी बने लेकिन पंजाब में अमन-शांति बनाए रखना जरूरी है। जातपात और धर्म के नाम पर अगर कोई भड़काता है तो वह राजनीति कर रहा है और देश का दुश्मन है।
केंद्र को समझना चाहिए कि पंजाब सरकार अपना काम करने में पूरी तरह योग्य है और पंजाब पुलिस जिसने आतंकवाद का खात्मा किया था, सूबे में अमन-शांति बनाए रखने की काबिलियत रखती है। केंद्र को ऐसे मामलों में कोई भी फैसला लेने से पहले संबंधित राज्यों से बातचीत करनी चाहिए लेकिन पंजाब के मामले में राज्य सरकार को कोई जानकारी नहीं दी गई।