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रफी साहब कभी किसी पार्टी में नहीं जाते थे, मेरी शादी में आए थे: फरीदा जलाल
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चंडीगढ। सेक्टर-18 के टैगोर में शाम से ही दर्शक अभिनेत्री फरीदा जलाल का इंतजार हो रहा था। आयोजक थोड़ी देर थोड़ी देर में आने की बात करते रहे। फरीदा टैगोर में 9 बजे पहुंची। लोगों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। फरीदा ने फ्लाइंग किस से बराबर कर दिया।
लीजेंड बॉलीवुड गायक मोहम्मद रफी का 101वां जन्मदिन चंडीगढ़ सेक्टर-18 टैगोर थिएटर में मनाया गया। इस दौरान यादगार-ए-रफी सोसाइटी की ओर से गीतों का कार्यक्रम हुआ। इस मौके पर कार्यक्रम में फरीदा जलाल और उनके बेटे यासीन बमरावर स्टार गेस्ट थे।
स्टार गेस्ट फरीदा जलाल के आने पर सुमन रानी ने सुनाया-आइए बहार को हम बांट लें। इस गीत पर अपने सीट पर बैठी फरीदा गुनगुनाती रहीं और मस्ती में ताली बजाती रही। पुष्पा सक्सेना के शहरी बाबू दिल लहरी बाबू हाय रे...पर वे अपने दिनों की याद में डूब गईं। बंटी ने देखो देखो देखो ऐसा मौका कहां मिलेगा...गीत पेश किया।
गीतों के कार्यक्रम में बाद फरीदा जलाल मंच पर आई और मोहम्मद रफी के चित्र पर फूल माला अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि फ्लाइट के लेट होने और दूसरी फ्लाइट से आने के ऐसा हुआ। उन्होंने कहा कि मैं देर करती नहीं देर हो जाती है। इस पर लोगों ने तालियां बजाईं। यादगार ए रफी सोसाइटी के संस्थापक बीडी शर्मा ने बताया कि यह संस्था 1985 से लगातार मोहम्मद रफी का जन्मदिन मनाती आ रही है।
रफी साहब कभी किसी पार्टी में नहीं जाते थे, मेरी शादी में आए थे: फरीदा जलाल
फरीदा जलाल ने कहा कि रफी साहब जिंदादिल इंसान थे। उनके जैसा कोई दूसरा नहीं होगा। रफी साहब कहीं भी किसी पार्टी में नहीं जाते थे। लेकिन वे मेरी शादी में आए थे। यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। वह लम्हा मैं जिंदगी भर नहीं भूल सकती। दुआएं देकर गए थे।
फरीदा ने कहा कि रफी साहब दिल से गाते थे। उनके चेहरे से मुस्कुराहट कभी जाती नहीं थी। रफी साहब अक्सर कहा करते थे कि जिस इंसान के चेहरे पर छोटी मुस्कान रहती है वह बहुत मुबारक इंसान होता है। जहां भी वे हैं अल्लाह उनकी हिफाजत करें। फरीदा ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि मैं इस मौके पर यहां हूंं।
सीढ़ियों पर बैठे और खड़े रहे दर्शक...
कार्यक्रम में सुमन रानी ने आइए बहार को हम बांट लें। गणेश और हर्षिका ने लड़की बड़ी अनजानी है पेश कर तालियां बटोरी। नेहा खट्टर ने सत्यम शिवम सुंदरम गीत पेश कर तालियां बटोरीं। एसएस प्रसाद और रंजू प्रसाद ने सारे शहर में आप सा कोई नहीं...और ये दिल तुम बिन लगता नहीं हम क्या करें..गीत पेश कर तालियां बटोरी। सुनील छाबड़ा और सुचिता ने की आज तेरी याद आए...पेश किया। डॉ अनिल शर्मा ने आज मौसम बेईमान है बड़ा गीत गाए। जसप्रीत जस्सल और श्वेता ने नैना लड़ गई भोले भाले गीत सुनाया तो पूरा हॉल तालियाें से गूंज पड़ा। कार्यक्रम देखने पहुंचे दर्शक सीढ़ियों पर बैठे और खड़े रहे।
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लीजेंड बॉलीवुड गायक मोहम्मद रफी का 101वां जन्मदिन चंडीगढ़ सेक्टर-18 टैगोर थिएटर में मनाया गया। इस दौरान यादगार-ए-रफी सोसाइटी की ओर से गीतों का कार्यक्रम हुआ। इस मौके पर कार्यक्रम में फरीदा जलाल और उनके बेटे यासीन बमरावर स्टार गेस्ट थे।
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स्टार गेस्ट फरीदा जलाल के आने पर सुमन रानी ने सुनाया-आइए बहार को हम बांट लें। इस गीत पर अपने सीट पर बैठी फरीदा गुनगुनाती रहीं और मस्ती में ताली बजाती रही। पुष्पा सक्सेना के शहरी बाबू दिल लहरी बाबू हाय रे...पर वे अपने दिनों की याद में डूब गईं। बंटी ने देखो देखो देखो ऐसा मौका कहां मिलेगा...गीत पेश किया।
गीतों के कार्यक्रम में बाद फरीदा जलाल मंच पर आई और मोहम्मद रफी के चित्र पर फूल माला अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि फ्लाइट के लेट होने और दूसरी फ्लाइट से आने के ऐसा हुआ। उन्होंने कहा कि मैं देर करती नहीं देर हो जाती है। इस पर लोगों ने तालियां बजाईं। यादगार ए रफी सोसाइटी के संस्थापक बीडी शर्मा ने बताया कि यह संस्था 1985 से लगातार मोहम्मद रफी का जन्मदिन मनाती आ रही है।
रफी साहब कभी किसी पार्टी में नहीं जाते थे, मेरी शादी में आए थे: फरीदा जलाल
फरीदा जलाल ने कहा कि रफी साहब जिंदादिल इंसान थे। उनके जैसा कोई दूसरा नहीं होगा। रफी साहब कहीं भी किसी पार्टी में नहीं जाते थे। लेकिन वे मेरी शादी में आए थे। यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। वह लम्हा मैं जिंदगी भर नहीं भूल सकती। दुआएं देकर गए थे।
फरीदा ने कहा कि रफी साहब दिल से गाते थे। उनके चेहरे से मुस्कुराहट कभी जाती नहीं थी। रफी साहब अक्सर कहा करते थे कि जिस इंसान के चेहरे पर छोटी मुस्कान रहती है वह बहुत मुबारक इंसान होता है। जहां भी वे हैं अल्लाह उनकी हिफाजत करें। फरीदा ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि मैं इस मौके पर यहां हूंं।
सीढ़ियों पर बैठे और खड़े रहे दर्शक...
कार्यक्रम में सुमन रानी ने आइए बहार को हम बांट लें। गणेश और हर्षिका ने लड़की बड़ी अनजानी है पेश कर तालियां बटोरी। नेहा खट्टर ने सत्यम शिवम सुंदरम गीत पेश कर तालियां बटोरीं। एसएस प्रसाद और रंजू प्रसाद ने सारे शहर में आप सा कोई नहीं...और ये दिल तुम बिन लगता नहीं हम क्या करें..गीत पेश कर तालियां बटोरी। सुनील छाबड़ा और सुचिता ने की आज तेरी याद आए...पेश किया। डॉ अनिल शर्मा ने आज मौसम बेईमान है बड़ा गीत गाए। जसप्रीत जस्सल और श्वेता ने नैना लड़ गई भोले भाले गीत सुनाया तो पूरा हॉल तालियाें से गूंज पड़ा। कार्यक्रम देखने पहुंचे दर्शक सीढ़ियों पर बैठे और खड़े रहे।