{"_id":"6946fd8c15e482783102728c","slug":"the-mayors-chair-may-slip-away-due-to-raising-hands-bjp-busy-with-electoral-mathematics-chandigarh-news-c-16-pkl1079-902088-2025-12-21","type":"story","status":"publish","title_hn":"Chandigarh News: हाथ खड़े करने से न खिसक जाए मेयर की कुर्सी... चुनावी गणित में जुटी भाजपा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Chandigarh News: हाथ खड़े करने से न खिसक जाए मेयर की कुर्सी... चुनावी गणित में जुटी भाजपा
विज्ञापन
विज्ञापन
चंडीगढ़। मेयर चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस बार का मेयर चुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि दिसंबर 2026 में निगम के आम चुनाव होने तय हैं। आम चुनाव में मेयर का पद कई मायनों में पॉलिटिकल माइलेज का काम करता है। भाजपा के पार्षदों ने मेयर की कुर्सी को लेकर अभी से लॉबिंग शुरू कर दी है। भाजपा के सामने मेयर पद को लेकर पहली चुनौती इस बार यह है कि इस बार क्रॉस वोटिंग का दांव काम नहीं करेगा। अबकी हाथ उठाकर वोटिंग होगी। इससे पहले भाजपा को मेयर पद पर जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस या आप से तीन पार्षदों को खींचकर अपने पाले में शामिल करवाना होगा।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा के चार पार्षद मेयर पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं। भाजपा से पार्षद सौरभ जोशी, महेशइंद्र सिंह सिद्धू, कंवरजीत सिंह राणा और दिलिप शर्मा की मेयर पद के लिए प्रत्याशी बनाए जाने की सबसे ज्यादा चर्चा है। अंदर खाने पार्षद भी अपने लिए मजबूत तरीके से लॉबी कर रहे हैं। हालांकि खुलकर बात करने से बच रहे है। बताया जा रहा है कि मेयर बनने के लिए इच्छुक पार्षद आरएसएस, संगठन के वरिष्ठ नेताओं और यहां तक की शहर के अलग-अलग वर्ग के प्रमुख लोगों के संपर्क साधा रहे हैं।
इस समय यह है पार्षदों की स्थिति
इस समय निगम में भाजपा के 16 पार्षद, आप के 13, कांग्रेस के 6 और एक सांसद का वोट है। कुल 36 में से जिस पार्टी के प्रत्याशी के पास 19 वोट होंगे, वही मेयर की कुर्सी पर विराजेगा। भाजपा को तीन वोट अतिरिक्त चाहिए। ऐसे चुनाव से पहले यह नेता अपना क्रेडिट लेते हुए आप और कांग्रेस के पार्षदों को भाजपा में शामिल कराने में भी जुट गए हैं।
संधू और शर्मा के नाम की चर्चा
भाजपा के पार्षद कुलजीत सिंह संधू और राजिंदर कुमार शर्मा के नाम को लेकर भी चर्चा है। पार्टी से जुड़े लोगों की मानें तो जरूरी नहीं कि इस बार भाजपा मेयर पद का उम्मीदवार किसी नामी चेहरे को ही मैदान में उतारे। पार्टी हाईकमान इस बार ऐसे पार्षद को भी मेयर पद के लिए अपना प्रत्याशी घोषित कर सकती है, जो पार्टी व संगठन का पुराना कार्यकर्ता रहकर जमीनी स्तर पर काम करता आया हो। संधू और शर्मा पर भी हाईकमान अपना दांव खेल सकती है।
किस्मत आजमा चुके नेता भी लाइन में
मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पद पर चुनाव लड़ने की चाह में कुछ नेता ऐसे भी लाइन में लगे हैं जो अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। भाजपा के जो पार्षद तीनों पद में से किसी पर भी एक बार जीतकर सेवाएं दे चुके हैं, वह दोबारा चुनाव में नहीं उतारे जाएंगे। सूत्रों की मानें तो पार्टी हाईकमान ने इसको लेकर संगठन में साफ तौर पर अपना संदेश दे दिया है।
Trending Videos
सूत्रों का कहना है कि भाजपा के चार पार्षद मेयर पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं। भाजपा से पार्षद सौरभ जोशी, महेशइंद्र सिंह सिद्धू, कंवरजीत सिंह राणा और दिलिप शर्मा की मेयर पद के लिए प्रत्याशी बनाए जाने की सबसे ज्यादा चर्चा है। अंदर खाने पार्षद भी अपने लिए मजबूत तरीके से लॉबी कर रहे हैं। हालांकि खुलकर बात करने से बच रहे है। बताया जा रहा है कि मेयर बनने के लिए इच्छुक पार्षद आरएसएस, संगठन के वरिष्ठ नेताओं और यहां तक की शहर के अलग-अलग वर्ग के प्रमुख लोगों के संपर्क साधा रहे हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
इस समय यह है पार्षदों की स्थिति
इस समय निगम में भाजपा के 16 पार्षद, आप के 13, कांग्रेस के 6 और एक सांसद का वोट है। कुल 36 में से जिस पार्टी के प्रत्याशी के पास 19 वोट होंगे, वही मेयर की कुर्सी पर विराजेगा। भाजपा को तीन वोट अतिरिक्त चाहिए। ऐसे चुनाव से पहले यह नेता अपना क्रेडिट लेते हुए आप और कांग्रेस के पार्षदों को भाजपा में शामिल कराने में भी जुट गए हैं।
संधू और शर्मा के नाम की चर्चा
भाजपा के पार्षद कुलजीत सिंह संधू और राजिंदर कुमार शर्मा के नाम को लेकर भी चर्चा है। पार्टी से जुड़े लोगों की मानें तो जरूरी नहीं कि इस बार भाजपा मेयर पद का उम्मीदवार किसी नामी चेहरे को ही मैदान में उतारे। पार्टी हाईकमान इस बार ऐसे पार्षद को भी मेयर पद के लिए अपना प्रत्याशी घोषित कर सकती है, जो पार्टी व संगठन का पुराना कार्यकर्ता रहकर जमीनी स्तर पर काम करता आया हो। संधू और शर्मा पर भी हाईकमान अपना दांव खेल सकती है।
किस्मत आजमा चुके नेता भी लाइन में
मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पद पर चुनाव लड़ने की चाह में कुछ नेता ऐसे भी लाइन में लगे हैं जो अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। भाजपा के जो पार्षद तीनों पद में से किसी पर भी एक बार जीतकर सेवाएं दे चुके हैं, वह दोबारा चुनाव में नहीं उतारे जाएंगे। सूत्रों की मानें तो पार्टी हाईकमान ने इसको लेकर संगठन में साफ तौर पर अपना संदेश दे दिया है।