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बेहतरीन तरीके से रंगमंच की बारीकियों को समझे बिना आप आगे नहीं बढ़ सकते : आन्या जटाना
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चंडीगढ़। जब मैं पांचवी कक्षा में पढ़ती थी तो उसी समय से नाटक से जुड़ गई। धीरे-धीरे रंगमंच की बारीकियां सीखी। पहली बार निर्देशन में आई हूं। यह कहना है नाटक काफिर की निर्देशक आन्या जटाना का। यह नाटक सेक्टर-18 के टैगोर थिएटर के मिनी ऑडिटोरियम में हुआ।
आन्या जटाना ने पीयू से अंग्रेजी में एमए किया है। वे रंगमंच के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि वह थिएटर में कैरियर बनाना चाहती हैं। उनका मानना है कि लगन और निष्ठा के साथ कोई भी काम किया जाए तो उसमें सफलता मिलती है। आपको धैर्य और संतोष के साथ डटे रहना है। बेहतरीन तरीके सेम। आन्या ने बताया कि उन्होंने अब तक करीब 14 नाटकों में अभिनय किया है।
आन्या कहती हैं कि जब आप बेहतरीन तरीके से रंगमंच को समझ लेंगे तो आपको आगे बढ़ने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि रंगमंच के लिए केवल दो चीजों का होना बहुत जरूरी है। एक दर्शक और दूसरा एक्टर। नाटक एक गमछा और दुपट्टे से भी किया जा सकता है। बजट कितना भी बढ़ा लें कोई फर्क नहीं पड़ता। नाटक में स्क्रिप्ट और अभिनय दमदार है तो दर्शक उसकी सराहना करते हैं। दर्शक का सराहना ही एक कलाकार के लिए ऑक्सीजन का काम करती है।
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आन्या जटाना ने पीयू से अंग्रेजी में एमए किया है। वे रंगमंच के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि वह थिएटर में कैरियर बनाना चाहती हैं। उनका मानना है कि लगन और निष्ठा के साथ कोई भी काम किया जाए तो उसमें सफलता मिलती है। आपको धैर्य और संतोष के साथ डटे रहना है। बेहतरीन तरीके सेम। आन्या ने बताया कि उन्होंने अब तक करीब 14 नाटकों में अभिनय किया है।
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आन्या कहती हैं कि जब आप बेहतरीन तरीके से रंगमंच को समझ लेंगे तो आपको आगे बढ़ने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि रंगमंच के लिए केवल दो चीजों का होना बहुत जरूरी है। एक दर्शक और दूसरा एक्टर। नाटक एक गमछा और दुपट्टे से भी किया जा सकता है। बजट कितना भी बढ़ा लें कोई फर्क नहीं पड़ता। नाटक में स्क्रिप्ट और अभिनय दमदार है तो दर्शक उसकी सराहना करते हैं। दर्शक का सराहना ही एक कलाकार के लिए ऑक्सीजन का काम करती है।