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बिलासपुर: हाईकोर्ट से तोमर बंधुओं को बड़ी राहत, कोर्ट ने मकान तोड़ने की कार्रवाई पर लगाई अस्थायी रोक
अमर उजाला नेटवर्क, बिलासपुर
Published by: Digvijay Singh
Updated Wed, 30 Jul 2025 06:41 PM IST
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सार
बिलासपुर हाईकोर्ट से तोमर बंधुओं को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने मकान तोड़ने की कार्रवाई पर अस्थायी रोक लगा दी है। तोमर बन्धुओं पर सूदखोरी के जरिए अवैध संपत्ति बनाने के आरोप में रायपुर के तोमर बंधुओं पर अपराध दर्ज है।

बिलासपुर हाईकोर्ट
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बिलासपुर हाईकोर्ट से तोमर बंधुओं को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने मकान तोड़ने की कार्रवाई पर अस्थायी रोक लगा दी है। तोमर बन्धुओं पर सूदखोरी के जरिए अवैध संपत्ति बनाने के आरोप में रायपुर के तोमर बंधुओं पर अपराध दर्ज है। प्रशासन उनकी संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने की कार्यवाही कर रहा है। प्रशासन की बुलडोजर कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाते हाईकोर्ट ने कहा- कानून से ऊपर प्रशासन नहीं है। मामले में कोर्ट ने जिला प्रशासन से जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई जस्टिस रविंद्र अग्रवाल के सिंगल बेंच में हुई।

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रायपुर निवासी तोमर बंधुओं पर आरोप है कि वे लंबे समय से सूदखोरी के अवैध धंधे में लिप्त हैं। प्रशासन ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए चल-अचल संपत्तियों को जब्त करने और मकान को ध्वस्त करने की योजना बनाई थी। रविवार को उनके निवास परिसर में बने कार्यालय पर बुलडोजर भी चलाया गया था। प्रशासन का तर्क था कि अवैध कमाई से अर्जित संपत्ति को नष्ट करना कानून सम्मत है।
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तोमर बंधुओं की ओर से हाई कोर्ट में पेश हुए पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद वर्मा और वरिष्ठ अधिवक्ता सजल गुप्ता ने अदालत में पैरवी करते हुए दलील दी, कि प्रशासन द्वारा बिना किसी उचित कानूनी प्रक्रिया के मकान गिराने की कार्रवाई की जा रही है, जो कि न्यायिक सिद्धांतों और प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ किया कि प्रशासन भी कानून से ऊपर नहीं हो सकता। यदि कोई कार्रवाई की जाती है तो उसके पीछे स्पष्ट और वैध प्रक्रिया होनी चाहिए। मकान तोड़ने जैसे कदम बिना सक्षम न्यायिक आदेश और कानूनी प्रक्रिया के मनमानी की श्रेणी में आता है। बहरहाल मामले में कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए कहा- अंतिम निर्णय आगामी सुनवाई के बाद लिया जाएगा।