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Chhattisgarh: हाईकोर्ट ने संविदा नर्स को मातृत्व अवकाश वेतन न देने पर जताई नाराजगी, अधिकारियों से मांगा जवाब
अमर उजाला नेटवर्क, बिलासपुर
Published by: अनुज कुमार
Updated Fri, 01 Aug 2025 10:03 PM IST
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सार
बिलासपुर हाईकोर्ट ने संविदा नर्स राखी वर्मा को मातृत्व अवकाश का वेतन न देने पर शासन से जवाब मांगा है। कोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई 17 अगस्त 2025 के सप्ताह में निर्धारित की।

बिलासपुर हाईकोर्ट
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
हाईकोर्ट ने संविदा पर कार्यरत नर्स को मातृत्व अवकाश का वेतन भुगतान न करने पर कड़ी आपत्ति जताी है। सिंगल बेंच ने शासन से पूछा कि पूर्व में कोर्ट के आदेश के बाद भी अब तक वेतन भुगतान क्यों नहीं किया गया। स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश देते हुए कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त 2025 के सप्ताह में होगी।
न्यायालय ने पूर्व में इस प्रकरण में कहा था कि मातृत्व और शिशु की गरिमा के अधिकार को संवैधानिक संरक्षण प्राप्त है। इसे प्रशासनिक अधिकारियों की इच्छा पर निर्भर नहीं किया जा जा सकता। कोर्ट ने राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि याचिकाकर्ता द्वारा मातृत्व अवकाश वेतन की मांग पर नियमानुसार तीन माह के माह के भीतर निर्णय लिया जाए। लेकिन इसके बाद भी मातृत्व अवकाश का वेतन न मिलने पर पीड़ित नर्स ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी।
याचिकाकर्ता राखी वर्मा, जिला अस्पताल ,कबीरधाम में स्टाफ नर्स के रूप में संविदा पर कार्यरत हैं। उन्होंने 16 जनवरी 2024 से 16 जुलाई 2024 तक मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन किया था। इसे स्वीकृत कर लिया गया। उन्होंने 21 जनवरी 2024 को एक कन्या को जन्म दिया और 14 जुलाई 2024 को पुनः ड्यूटी ज्वाइन की।
इसके बावजूद, उन्हें मातृत्व अवधि का वेतन नहीं दिया गया। इससे उन्हें और उनके नवजात को आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ा। उन्होंने 25 फरवरी 2025 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को वेतन की मांग का आवेदन दिया। कार्रवाई न होने पर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट के आदेश के बाद भी उसको वेतन का भुगतान नहीं किया गया।

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न्यायालय ने पूर्व में इस प्रकरण में कहा था कि मातृत्व और शिशु की गरिमा के अधिकार को संवैधानिक संरक्षण प्राप्त है। इसे प्रशासनिक अधिकारियों की इच्छा पर निर्भर नहीं किया जा जा सकता। कोर्ट ने राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि याचिकाकर्ता द्वारा मातृत्व अवकाश वेतन की मांग पर नियमानुसार तीन माह के माह के भीतर निर्णय लिया जाए। लेकिन इसके बाद भी मातृत्व अवकाश का वेतन न मिलने पर पीड़ित नर्स ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी।
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याचिकाकर्ता राखी वर्मा, जिला अस्पताल ,कबीरधाम में स्टाफ नर्स के रूप में संविदा पर कार्यरत हैं। उन्होंने 16 जनवरी 2024 से 16 जुलाई 2024 तक मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन किया था। इसे स्वीकृत कर लिया गया। उन्होंने 21 जनवरी 2024 को एक कन्या को जन्म दिया और 14 जुलाई 2024 को पुनः ड्यूटी ज्वाइन की।
इसके बावजूद, उन्हें मातृत्व अवधि का वेतन नहीं दिया गया। इससे उन्हें और उनके नवजात को आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ा। उन्होंने 25 फरवरी 2025 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को वेतन की मांग का आवेदन दिया। कार्रवाई न होने पर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट के आदेश के बाद भी उसको वेतन का भुगतान नहीं किया गया।