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बिलासपुर:कुत्ते का जूठा खाना छात्रों को खिलाने का मामला, हाईकोर्ट ने बतया गंभीर लापरवाही, सचिव को दिया ये आदेश

अमर उजाला नेटवर्क, बिलासपुर Published by: Digvijay Singh Updated Tue, 05 Aug 2025 02:10 PM IST
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सार

हाईकोर्ट ने बलौदाबाजार जिले के पलारी ब्लाक स्थित लच्छनपुर के सरकारी मिडिल स्कूल में कुत्ते द्वारा जूठा किया गया भोजन 83 स्टूडेंट्स को परोसने  की घटना पर कड़ा रुख अपनाया है।

Case of feeding dog leftover food to students High Court called it serious negligence gave this order to the s
बिलासपुर हाईकोर्ट - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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हाईकोर्ट ने बलौदाबाजार जिले के पलारी ब्लाक स्थित लच्छनपुर के सरकारी मिडिल स्कूल में कुत्ते द्वारा जूठा किया गया भोजन 83 स्टूडेंट्स को परोसने  की घटना पर कड़ा रुख अपनाया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस विभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने इस घटना को गंभीर लापरवाही बताते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।

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दरअसल, 3 अगस्त को मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया कि 28 जुलाई 2025 को स्कूल में मिड-डे मील के तहत बच्चों को वह खाना परोसा गया, जिसे आवारा कुत्ता पहले ही जूठा कर चुका था। जब छात्रों ने यह बात अभिभावकों को बताई तो स्कूल समिति की बैठक हुई और दबाव में आकर 83 छात्रों को दो डोज एंटी रेबीज वैक्सीन दी गई। खबर के अनुसार 84 बच्चों ने भोजन किया, जिसमें 78 को वैक्सीन दी गई, जबकि एक मीडिया ने 83 बच्चों को वैक्सीन दिए जाने की बात कही।
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मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि, छात्रों को परोसा जाने वाला भोजन कोई औपचारिकता नहीं है, यह गरिमा के साथ होना चाहिए। कुत्ते द्वारा जूठा भोजन परोसना न सिर्फ घोर लापरवाही है बल्कि बच्चों की जान को सीधा खतरे में डालना है। एक बार रेबीज हो जाने पर इलाज संभव नहीं होता। कोर्ट ने घटना को गंभीर प्रशासनिक विफलता और अमानवीय कृत्य करार दिया और राज्य सरकार से पूछा कि, क्या सभी छात्रों को समय पर एंटी रेबीज वैक्सीन दी गई है। स्व-सहायता समूह और शिक्षकों पर क्या कार्रवाई हुई। क्या छात्रों को मुआवजा दिया गया। भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने क्या ठोस उपाय किए जाएंगे। कोर्ट ने शिक्षा सचिव को अगली सुनवाई 19 अगस्त तक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करना करने कहा है। कोर्ट ने माना कि इस घटना से राज्य सरकार की योजनाओं और बच्चों के जीवन को सीधा खतरा पहुंचा है। यह मामला स्वत: संज्ञान जनहित याचिका के तहत चल रहा है।


 
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