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CG: कोर्ट के आदेश पर ठेकेदार देगा पीड़ित परिजनों को 5 लाख मुआवजा, रेलवे स्टेशन पर करंट से गई थी मजदूर की जान
अमर उजाला नेटवर्क, बिलासपुर
Published by: विजय पुंडीर
Updated Tue, 02 Sep 2025 04:45 PM IST
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रेलवे स्टेशन पर करंट से मजदूर की मौत का मामला
- फोटो : अमर उजाला
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बिलासपुर रेलवे स्टेशन में कार्यरत रेलवे ठेका श्रमिक के ओएचई तार के संपर्क में आने से मौत का मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने संबंधित ठेकेदार को मृतक के परिजनों को 5 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया। यह मुआवजा राशि 6 हफ्ते के भीतर देने कोर्ट ने कहा है। बता दें, कि ट्रेन का एसी ठीक करते वक्त ओएचई तार के संपर्क में आए रेलवे के ठेकाकर्मी प्रताप बर्मन की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मामले में हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की थी। चीफ जस्टिस के डीबी में सुनवाई हुई। इस दौरान रेलवे ने कहा- 16 लाख 40 हजार मुआवजा पहले से ही दिया गया है।

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बिलासपुर रेलवे कोचिंग डिपो में ओएचई तार से करंट लगने से ठेका मजदूर की मौत हो गई थी। पिछले 4 दिन से उसका शव मॉर्च्यूरी के फ्रीजर में रखा हुआ है। करंट से झुलसने और पोस्टमार्टम के बाद शव सड़ने की आशंका जताई जा रही है। दूसरी तरफ परिजन और समाज के लोग 1 करोड़ रुपये मुआवजा और नौकरी की मांग पर अड़े हैं। डीआरएम ऑफिस के बाहर उनका धरना-प्रदर्शन पिछले 6 दिनों से जारी है। वहीं, मंगलवार को हाईकोर्ट में इस केस की सुनवाई हुई।
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दरअसल, 23 अगस्त को रेलवे के कोचिंग डिपो में वंदे भारत के एक्स्ट्रा कोच के एसी की सफाई और मरम्मत की जा रही थी। इसी दौरान जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ निवासी ठेका श्रमिक प्रताप बर्मन ओएचई तार की करंट की चपेट में आ गया। जिससे वो बुरी तरह झुलस गया। इस हादसे के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन इस दौरान ठेकेदार और रेलवे प्रशासन ने मजदूर के इलाज में कोई मदद नहीं की, जिससे गुस्साए परिजन 26 अगस्त से डीआरएम ऑफिस का घेराव कर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस बीच 28 अगस्त को मजदूर की इलाज के दौरान मौत हो गई। रेलवे प्रशासन के रवैये से परिजनो में आक्रोश है।