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कांकेर में धर्मांतरित शव दफन विवाद: आमाबेड़ा के ग्राम तेवड़ा में अब शांति बहाल, पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च

अमर उजाला ब्यूरो, रायपुर/कांकेर/जगदलपुर Published by: ललित कुमार सिंह Updated Sat, 20 Dec 2025 12:44 AM IST
सार

Conversions in Kanker: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र के बड़े ग्राम तेवड़ा में धर्मान्तरण को लेकर मचे बवाल के बीच अब शांति नजर आ रही है।

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Controversy erupts over religious conversions in Kanker, police conduct flag march
सुरक्षा को लेकर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती - फोटो : अमर उजाला डिजिटल
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Conversions in Kanker: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र के बड़े ग्राम तेवड़ा में धर्मान्तरण को लेकर मचे बवाल के बीच अब शांति नजर आ रही है। बीते तीन दिनों से धर्मान्तरित व्यक्ति के शव का गांव में कफ़न-दफन को लेकर विवाद हुआ था। दो पक्षों में मारपीट के बाद इलाके में तनाव हो गया था, लेकिन अब हालात बदल गए हैं। फिलहाल, इलाके में शांति कायम है। पुलिस ने फ्लैग मार्च निकालकर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। सुरक्षा को लेकर वहीं बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। कार्यपालिक दंडाधिकारी की ओर से निगरानी रखी जा रही है। सर्तकता बरती जा रही है।


 

संपत्तियों को भी भारी नुकसान
सभी घायल पुलिसकर्मियों को प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया गया, जिनमें से गंभीर रूप से घायल कर्मियों को बेहतर उपचार के लिये उच्च चिकित्सा केंद्रों में रेफर किया गया। 19 दिसंबर 2025 परिस्थितियों में भी आठ घायल पुलिसकर्मी कांकेर और रायपुर के अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इस घटना के दौरान कुछ संपत्तियों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।

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परिजनों ने किया अंतिम संस्कार
बता दें कि जिला कांकेर के ग्राम बड़े तेवड़ा (थाना आमाबेड़ा) निवासी चमरा राम सलाम (उम्र 70 वर्ष, पुरुष) की मृत्यु 16 दिसंबर 2025 को हुई थी। चमरा राम सलाम की मृत्यु को लेकर संदेह व्यक्त करते हुए और दफन प्रक्रिया के संबंध में गांव के कुछ ग्रामीणों ने विरोध किया था और शव को बाहर निकालने की मांग की थी। ग्रामीणों की शिकायत पर कार्यपालिक दंडाधिकारी ने विधिक प्रावधानों के अंतर्गत शव को बाहर निकालने का आदेश जारी किया था। पंचनामा एवं पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद 19 दिसंबर को परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार किया।

 

जानें क्या था मामला
इस मामले में गुरुवार को विवाद और बढ़ गया था। एक ओर आदिवासी समाज के लोग रास्तों को रोकककर बाहरी व्यक्तियों को आने-जाने नहीं दे रहे थे। वहीं आमाबेड़ा और बड़े तेवड़ा गांव में आक्रोशित लोग लाठी डंडों से लैस होकर शव को बाहर निकालने की मांग पर अड़े हुए थे। प्रशासन के शव निकालने के बाद भी मामला शांत नहीं हुआ। गुस्साई भीड़ ने सबसे पहले बड़े तेवड़ा गांव में बनाए गए चर्च को आग के हवाले कर दिया था। इसके बाद भीड़ आगे बढ़ी आमाबेड़ा में स्थित दो चर्चो में तोड़-फोड़ की गई। इस दौरान पुलिस ने रोका तो आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया था। वहीं लाठी-डंडों से पुलिस पर हमला भी किया गया। इस दौरान पुलिस ने भीड़ को खदेडने बल का प्रयोग करना पड़ा। इस दौरान अंतागढ़ एडिशनल एसपी अंतागढ़ आशीष बंछोर सहित 20 पुलिस कर्मी भी घायल हुए थे।

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