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CG: मंत्रियों और पुलिस ऑफिसर्स को गॉर्ड ऑफ ऑनर देने की परंपरा खत्म; डिप्टी सीएम विजय की पहल पर एतिहासिक बदलाव

अमर उजाला नेटवर्क, रायपुर/कबीरधाम Published by: ललित कुमार सिंह Updated Thu, 25 Dec 2025 11:36 AM IST
सार

छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक सुधारों को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। प्रदेश के डिप्टी सीएम विजय शर्मा की पहल पर एक एतिहासिक बदलाव हुआ है।

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guard of honor tradition ended to ministers and police officers in Chhattisgarh
ग्रॉफिक्स: अमर उजाला डिजिटल - फोटो : अमर उजाला डिजिटल
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छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक सुधारों को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। प्रदेश के डिप्टी सीएम विजय शर्मा की पहल पर एक एतिहासिक बदलाव हुआ है। राज्य मत्रियों और पुलिस ऑफिसर्स को गार्ड ऑफ ऑनर देने की परंपरा खत्म कर दी गई है। गृह विभाग ने गार्ड ऑफ ऑनर के नियमों में संशोधन किए जाने का आदेश जारी कर दिया गया है। यह तत्काल प्रभाव से लागू  हो गया है।
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डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने अपने निवास में प्रेस ब्रीफिंग ली। उन्होंने कहा कि गार्ड ऑफ ऑनर की वर्तमान व्यवस्था की समीक्षा कर इसमें वर्तमान स्थिति में आवश्यकतानुसार बदलाव किया गया है। पुलिस बल को अनावश्यक औपचारिकताओं से मुक्त कर उनकी कार्यक्षमता का उपयोग उनके मूल दायित्वों के पालन के लिए यह संशोधन किया है। इसका उद्देश्य पुलिस बल की कार्यक्षमता का उपयोग कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने और औपनिवेशिक सोच से जुड़ी परंपराओं को खत्म करना है।  शर्मा ने स्वयं विभाग के अधिकारियों को गार्ड ऑफ ऑनर की वर्तमान व्यवस्था की समीक्षा कर इसमें वर्तमान स्थिति में आवश्यकतानुसार बदलाव करने के निर्देश दिए थे। जिसके परिपालन में गृह विभाग ने पुलिस बल को अनावश्यक औपचारिकताओं से मुक्त कर उनकी कार्यक्षमता का उपयोग उनके मूल दायित्वों के पालन के लिए यह संशोधन किया है। 
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सामान्य दौरों में सलामी गारद समाप्त
जारी आदेश के तहत राज्य के भीतर सामान्य दौरों, आगमन-प्रस्थान एवं निरीक्षण के दौरान अब गृहमंत्री, समस्त मंत्रीगण, पुलिस महानिदेशक सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सलामी गारद (गार्ड ऑफ ऑनर) नहीं दिया जाएगा। जिला भ्रमण, दौरे या निरीक्षण के समय पूर्व में प्रचलित सलामी व्यवस्था को पूर्णतः समाप्त कर दिया गया है। इससे पुलिस बल का समय और ऊर्जा का प्रभावी उपयोग सुरक्षा, कानून-व्यवस्था तथा जनसेवा के कार्यों में हो सकेगा। 


राष्ट्रीय एवं राजकीय आयोजनों में यथावत व्यवस्था
यह प्रतिबंध राष्ट्रीय और राजकीय समारोहों पर लागू नहीं होगा। गणतंत्र दिवस (26 जनवरी), स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त), शहीद पुलिस स्मृति दिवस (21 अक्टूबर), राष्ट्रीय एकता दिवस (31 अक्टूबर), राजकीय समारोहों तथा पुलिस दीक्षांत परेड जैसे अवसरों पर औपचारिक सलामी गारद की व्यवस्था पूर्ववत रहेगी। 


बता दें कि राज्य के मंत्रीगणों और पुलिस के आला अधिकारियों को सामान्य दौरे, निरीक्षण, भ्रमण के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता था। 

 



संवैधानिक पदों के लिए प्रोटोकॉल जारी
आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि प्रोटोकॉल के अनुसार संवैधानिक पदों पर आसीन महानुभावों एवं विशिष्ट अतिथियों के लिए सलामी गारद की व्यवस्था पहले की तरह यथावत रहेगी। यह निर्णय शासन की प्रशासनिक सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता और आधुनिक, जनोन्मुखी व्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे पुलिस बल की कार्यक्षमता में सकारात्मक सुधार होगा।

 
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