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ED Raid in CG: मेडिकल कॉलेज मान्यता घोटाले में ईडी की छत्तीसगढ़ समेत 10 राज्यों में छापेमारी
अमर उजाला नेटवर्क, रायपुर
Published by: अमन कोशले
Updated Thu, 27 Nov 2025 04:02 PM IST
सार
मेडिकल कॉलेजों की मान्यता दिलाने के नाम पर चल रहे कथित भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के नेटवर्क पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज बड़ी कार्रवाई की है। केंद्रीय एजेंसी ने देश के विभिन्न राज्यों में कुल 15 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मेडिकल कॉलेजों की मान्यता दिलाने के नाम पर चल रहे कथित भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के नेटवर्क पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज बड़ी कार्रवाई की है। केंद्रीय एजेंसी ने देश के विभिन्न राज्यों में कुल 15 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया। जिन परिसरों पर छापे मारे गए, उनमें रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर और संस्थान के डायरेक्टर अतुल तिवारी से जुड़े पते भी शामिल हैं।
ईडी की यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ से लेकर मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक फैली रही। बताया जा रहा है कि तलाशी की सूची में रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज के अलावा देशभर के सात अन्य मेडिकल कॉलेजों के कार्यालय और एफआईआर में आरोपी बनाए गए निजी व्यक्तियों के ठिकाने शामिल हैं। कई स्थानों से इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज़, वित्तीय रिकॉर्ड और डिजिटल डिवाइस जब्त किए जाने की खबर है।
ईडी की यह छापेमारी सीबीआई द्वारा 30 जून 2024 को दर्ज एफआईआर पर आधारित है। एफआईआर में गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि मेडिकल कॉलेजों की मान्यता तय करने वाली शीर्ष संस्था नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के कुछ अधिकारी कॉलेज प्रबंधन से मिलकर निरीक्षण संबंधी प्रक्रियाओं में गड़बड़ी कर रहे थे।
शिकायत के अनुसार, कॉलेजों का निरीक्षण करने से पहले ही संबंधित संस्थानों को गोपनीय सूचनाएं लीक की जाती थीं। इसके बाद कॉलेज अपनी कमियों को छिपाने या कागज़ी तौर पर पूरा दिखाने के लिए बिचौलियों के माध्यम से मोटी रकम अधिकारियों तक पहुंचाते थे। आरोप है कि इस प्रणाली के जरिए कई कॉलेजों ने चिकित्सा शिक्षा से जुड़े पाठ्यक्रमों की अप्रूवल अनुचित तरीके से प्राप्त की।
पैसे के लेनदेन और रिकॉर्ड की जांच
सूत्रों के अनुसार, ईडी को आशंका है कि रिश्वतखोरी का यह नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ था और मनचाहे निरीक्षण रिपोर्ट तैयार कराने के लिए अवैध भुगतान किए जा रहे थे। एजेंसी अब यह जांच कर रही है कि रिश्वत की राशि किस प्रकार से ली गई- नकद, बैंक ट्रांजैक्शन या शेल कंपनियों के माध्यम से। इन छापों के दौरान मिली डिजिटल फाइलें, मोबाइल फोन, लैपटॉप और संदिग्ध दस्तावेज़ों की फोरेंसिक जांच की जाएगी। जांच एजेंसियों का कहना है कि आगे पूछताछ के लिए कई अधिकारी और निजी व्यक्तियों को समन भी भेजे जा सकते हैं।
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ईडी की यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ से लेकर मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक फैली रही। बताया जा रहा है कि तलाशी की सूची में रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज के अलावा देशभर के सात अन्य मेडिकल कॉलेजों के कार्यालय और एफआईआर में आरोपी बनाए गए निजी व्यक्तियों के ठिकाने शामिल हैं। कई स्थानों से इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज़, वित्तीय रिकॉर्ड और डिजिटल डिवाइस जब्त किए जाने की खबर है।
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ईडी की यह छापेमारी सीबीआई द्वारा 30 जून 2024 को दर्ज एफआईआर पर आधारित है। एफआईआर में गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि मेडिकल कॉलेजों की मान्यता तय करने वाली शीर्ष संस्था नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के कुछ अधिकारी कॉलेज प्रबंधन से मिलकर निरीक्षण संबंधी प्रक्रियाओं में गड़बड़ी कर रहे थे।
शिकायत के अनुसार, कॉलेजों का निरीक्षण करने से पहले ही संबंधित संस्थानों को गोपनीय सूचनाएं लीक की जाती थीं। इसके बाद कॉलेज अपनी कमियों को छिपाने या कागज़ी तौर पर पूरा दिखाने के लिए बिचौलियों के माध्यम से मोटी रकम अधिकारियों तक पहुंचाते थे। आरोप है कि इस प्रणाली के जरिए कई कॉलेजों ने चिकित्सा शिक्षा से जुड़े पाठ्यक्रमों की अप्रूवल अनुचित तरीके से प्राप्त की।
पैसे के लेनदेन और रिकॉर्ड की जांच
सूत्रों के अनुसार, ईडी को आशंका है कि रिश्वतखोरी का यह नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ था और मनचाहे निरीक्षण रिपोर्ट तैयार कराने के लिए अवैध भुगतान किए जा रहे थे। एजेंसी अब यह जांच कर रही है कि रिश्वत की राशि किस प्रकार से ली गई- नकद, बैंक ट्रांजैक्शन या शेल कंपनियों के माध्यम से। इन छापों के दौरान मिली डिजिटल फाइलें, मोबाइल फोन, लैपटॉप और संदिग्ध दस्तावेज़ों की फोरेंसिक जांच की जाएगी। जांच एजेंसियों का कहना है कि आगे पूछताछ के लिए कई अधिकारी और निजी व्यक्तियों को समन भी भेजे जा सकते हैं।