भूत-भूत कहकर भागे: नदी में मिली थी लाश, घर में चल रही थी अंतिम संस्कार की तैयारी, चार दिन बाद जिंदा लौटा हरिओम
जिसे मृत मानकर परिजन रो रहे थे, जब वह सामने आया तो बस्ती में अफरातफरी मच गई। लोग भूत-भूत चिल्लाकर इधर-उधर भागने लगे। बाद में जब सबको यकीन हुआ कि हरीओम जीवित है, तब जाकर माहौल शांत हुआ।


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कोरबा जिले में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई, जिसने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी। मामला बांकी मोंगरा थाना क्षेत्र का है, जहां नदी से मिले एक शव को परिजनों ने अपना लापता बेटा समझ लिया और घर में रो-रोकर कोहराम मच गया। अंतिम संस्कार की तैयारी तक हो गई थी, तभी अचानक जिसको मरा मान रहे थे वह घर आ गया। यह नजारा देखकर रिश्तेदारों और मोहल्लेवालों के बीच हड़कंप मच गया।
गेवरा बस्ती विश्रामपुर बस्ती निवासी हरीओम वैष्णव (27 वर्ष), पिता हेमेश्वर वैष्णव, चार दिन पहले कुसमुंडा से अपने ससुराल दर्री आया था। घर लौटने के लिए निकला, लेकिन वापस नहीं पहुंचा। परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की और गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्री थाने में दर्ज कराई।
इस बीच सोमवार की दोपहर बांकीमोंगरा थाना क्षेत्र के डंगनिया नदी में एक अज्ञात शव मिला। पुलिस ने शव को बाहर निकाला। पानी में लंबे समय तक रहने के कारण शव की पहचान करना मुश्किल हो रहा था। हालांकि, कद-काठी, रंग-रूप और हाथ पर बने आर अक्षर वाले टैटू के आधार पर परिजनों ने शव को हरिओम का मान लिया। पुलिस ने पंचनामा कर शव परिजनों को सौंप दिया। घर में शव आते ही मातम छा गया, महिलाएं-बच्चे फूट-फूटकर रोने लगे। रिश्तेदारों को अंतिम संस्कार की सूचना दी जाने लगी और तैयारी भी शुरू हो गई।
इसी बीच हरीओम अचानक जिंदा घर पहुंच गया। जिसे मृत मानकर परिजन रो रहे थे, जब वह सामने आया तो बस्ती में अफरातफरी मच गई। लोग भूत-भूत चिल्लाकर इधर-उधर भागने लगे। बाद में जब सबको यकीन हुआ कि हरीओम जीवित है, तब जाकर माहौल शांत हुआ।
दर्री सीएसपी विमल कुमार पाठक ने बताया कि नदी से मिले शव को पहले हरीओम का मानकर कार्रवाई की गई थी, लेकिन उसके जीवित लौट आने के बाद स्पष्ट हुआ कि शव किसी और व्यक्ति का है। शव को फिलहाल बाकीमोंगरा अस्पताल में सुरक्षित रखा गया है। अब पुलिस दोबारा मृतक की पहचान में जुट गई है।