लोकसभा चुनाव 2019 : सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा चर्चा में हैं गांधी और गोडसे
लोकसभा चुनाव (lok sabha chunav 2019) अपने आखिरी राउंड (election phase 7) में है। चुनाव के सारे दूसरे मुद्दे हवा से काफी दूर कहीं खो चुके हैं। फिलहाल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे (nathuram godse and mahatma gandhi) पर फिर से बहस शुरू हो गई है। गोडसे और महात्मा गांधी को लेकर इन चुनावों में राजनीतिक दल वोट की रोटियां सेंकने के मूड में दिखाई दे रहे हैं। चुनावी मौसम में ही देशद्रोह, धर्मद्रोही, राष्ट्रद्रोही, देशभक्ति, राष्ट्रवाद और देशभक्त जैसे शब्द हवा में उछाले जा रहे हैं?
पहले फिल्म अभिनेता कमल हासन ने नाथूराम गोडसे को आजाद भारत का पहला आतंकवादी बताया। इसके बाद भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया। फिर इसके बाद भी मन नहीं भरा तो मध्यप्रदेश भाजपा के प्रवक्ता अनिल सौमित्र ने अपने फेसबुक पोस्ट में महात्मा गांधी को पाकिस्तान का राष्ट्रपिता बता दिया।
नेताओं की बदजुबानी के बाद गांधी और गोडसे को लेकर सोशल मीडिया पर बहस जोर-शोर से जारी है। दरअसल, गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को लेकर दक्षिण के सुपरस्टार जाने-माने अभिनेता कमल हासन ने सबसे पहले चुनाव प्रचार के दौरान हिंदू आतंकवाद से जोड़कर नया शब्द गढ़ा था।
तमिलनाडु के करूर में कमल हासन ने अपनी मक्काल नीधि मैयम पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में रोड शो के दौरान नाथूराम गोडसे को पहला हिंदू आतंकवादी करार दिया था। हासन ने अपने विवादित बयान में कहा था कि 'मैं ये इसलिए नहीं कह रहा कि यहां काफी संख्या में मुसलमान हैं, मैं महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने खड़ा होकर बोल रहा हूं कि आजाद भारत में पहला आतंकवादी एक हिंदू था और उसका नाम नाथूराम गोडसे था यानी आजाद भारत का पहला उग्रवादी एक हिंदू था।'
अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन का ये बयान चुनावी मौसम में मधुमक्खी के छत्ते पर पत्थर फेंकने जैसा साबित हो रहा है। बीजेपी तो इस पर भड़की ही है साथ ही हिंदूवादी नेता भी इस बयान का कड़ा विरोध कर रहे हैं। गोडसे को हिंदू आतंकवादी कहने वाले बयान पर भाजपा की ओर से कमल हासन की तीखी आलोचना की गई।
पहले विवादित बयान फिर माफी आखिर कब तक?
लेकिन मध्य प्रदेश की भोपाल सीट से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जुबान भी नाथूराम गोडसे को लेकर पूछे सवाल पर फिसल गई। साध्वी प्रज्ञा ने बताया नाथूराम गोडसे देश भक्त थे, हैं और रहेंगे। उनको आतंकवादी कहने वाले लोग स्वयं की गिरेबान में झांक कर देखें, ऐसा बोलने वालों को इस चुनाव में जवाब दे दिया जाएगा। हालांकि, जब साध्वी प्रज्ञा से पूछा गया कि क्या आप नाथूराम गोडसे का समर्थन करती हैं तो उन्होंने इस सवाल को नजरअंदाज कर दिया।
लेकिन, बाद में नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाले बयान पर प्रज्ञा ठाकुर ने माफी मांग ली। रात को 1 बजे किए गए ट्वीट में उन्होंने कहा, 'मैं नाथूराम गोडसे के बारे में दिये गए मेरे बयान के लिये देश की जनता से माफी मांगती हूं। मेरा बयान बिलकुल गलत था, मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का बहुत सम्मान करती हूं।'
मैं नाथूराम गोडसे के बारे में दिये गए मेरे बयान के लिये देश की जनता से माफ़ी माँगती हूँ । मेरा बयान बिलकुल ग़लत था । मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का बहुत सम्मान करती हूँ ।
— Sadhvi Pragya Official (@SadhviPragya_MP) May 16, 2019
खास बात ये है कि नाथूराम गोडसे और गांधी को लेकर नेता विवादित बयान तो चुके हैं लेकिन सोशल मीडिया पर बहस लगातार जारी है। ऐतिहासिक पुस्तकों, संदर्भों और मीडिया वेबसाइट्स पर छपी स्टोरीज के लिंक शेयर कर-करके यूजर्स इतिहास के संदर्भों में गांधी और गोडसे को लेकर वर्तमान संदर्भों पर चर्चा कर रहे हैं।
पाकिस्तान के राष्ट्रपिता हैं महात्मा गांधी- भाजपा प्रवक्ता
नाथूराम गोडसे पर साध्वी प्रज्ञा के बयान पर सियासी भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। साध्वी प्रज्ञा, कमल हासन के बयान पर सियासी हलचल खत्म भी नहीं हुई थी कि अब मध्य प्रदेश भाजपा प्रवक्ता अनिल सौमित्र ने महात्मा गांधी पर विवादित बयान दे डाला। मध्यप्रदेश भाजपा के प्रवक्ता अनिल सौमित्र ने अपने फेसबुक पोस्ट में महात्मा गांधी को पाकिस्तान का राष्ट्रपिता बता दिया।
सौमित्र के इस पोस्ट के बाद हंगामा और बढ़ गया है। विपक्ष भाजपा को घेरने के लिए पहले से ज्यादा सक्रिय हो गया है। हालांकि, भाजपा ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। उन्होंने ये पोस्ट देर रात की थी। इस स्क्रीन शॉट में आप देख सकते हैं कि अनिल ने अपने पोस्ट में क्या लिखा था।
Madhya Pradesh: BJP leader Anil Saumitra suspended from primary membership of the party over his social media post calling Mahatma Gandhi father of Pakistan. The party asks him to reply in 7 days. pic.twitter.com/w0MazFWfCZ
— ANI (@ANI) May 17, 2019
आधुनिक भारत में राजघाट शांति का ऐसा प्रतीक है जो नए भारत को संजोने की ऊर्जा का स्त्रोत है। एनसीईआरटी के प्रमुख रहे सुख्यात शिक्षाशास्त्री कृष्ण कुमार अपने एक लेख में कहते हैं- गांधी को मारने वाले गोडसे की चाहे जितनी मूर्तियां बना लें, वे गोडसे में प्राण नहीं फूंक सकते। जबकि गांधी को वे जितनी गोलियां मारें, गांधी जैसे अब भी हिलते-डुलते, सांस लेते हैं, उनकी खट-खट करती खड़ाऊं रास्ता बताती है।
सत्ता की चाहत में फिसलती जुबान न जाने राजनीति के धुरंधरों को किस अंधेरे में धकेलने का प्रयास कर रही है। फिलहाल बौद्धिक तर्कों के आधार पर ही आप भी आपस में बहस करें वरना सिवाय रिश्ते खराब करने के कुछ हाथ लगने वाला नहीं है। पहले भी लड़ाई विचारधारा की थी और आज भी है लेकिन आज मतभेद, मनभेद सब बिखर चुका है। लोग सत्य और तथ्य को समझने में आज भी भूल कर रहे हैं और सोशल मीडिया इसका बड़ा अड्डा बना हुआ है।