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दूसरा पहलू: क्या आपका वजन भी बढ़ा हुआ है
उपमिता वाजपेयी
Published by: निर्मल कांत
Updated Mon, 22 Dec 2025 06:22 AM IST
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सार
मोटापा वैश्विक महामारी बन चुका है और डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दिल की बीमारियों, डायबिटीज और कैंसर की प्रमुख वजह भी है।
सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : अमर उजाला प्रिंट
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विस्तार
दुनिया में 43 प्रतिशत वयस्कों का वजन बढ़ा हुआ है। मोटापा वैश्विक महामारी बन चुका है और डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दिल की बीमारियों, डायबिटीज, कैंसर की प्रमुख वजह भी है। लेकिन मोटापे को लेकर अलग-अलग देशों में अलग-अलग मापदंड हैं। जापान में मेटाबो लॉ के जरिये कंपनी और सरकार हेल्थ चेकअप के दौरान लोगों की कमर का साइज भी लेती हैं और उसे कम करने के लिए बकायदा काउंसलिंग होती है। लक्ष्य यही है कि डायबिटीज और दिल की बीमारियां कम की जा सकें। यही नहीं, कर्मचारियों के परफॉर्मेंस को आंकने में भी इस नाप का हिसाब रखा जाता है।
इस नियम का विरोध हुआ और नतीजतन फोकस बीमारियों और स्वस्थ रहने की जगह सिर्फ कमर के साइज पर आकर अटक गया। मेक्सिको में शक्कर युक्त पेय पदार्थ पर टैक्स लगाया जाता है और उससे जो पैसा जमा होता है, उसे साफ पानी और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर खर्च किया जाता है। फिनलैंड में तो बच्चों के लिए भी न्यूट्रिशन लॉ है। हर स्कूल में सरकार मुफ्त खाना देती है। पोषण की पढ़ाई केजी क्लास से करवाई जाती है व देश में स्वास्थ्य से जुड़े अभियान के केंद्र में नमक का उपभोग कम करना होता है। इटली में भी बच्चों को खाद्य शिक्षा दी जाती है।
अमेरिका में हर रेस्तरां को अपने मेनू कार्ड में कैलोरी की जानकारी देने का कानून है। चीन में स्कूल के अंक पत्रों पर फिटनेस स्कोर भी होता है। डेनमार्क में फैट टैक्स लगाया गया था। उन सब खाद्य पदार्थों पर जिनमें वसा की मात्रा ज्यादा थी। नतीजतन लोग सीमा पार से वे सब सामान खरीदने लगे। अंततः इस टैक्स को बंद करना पड़ा।
डेनमार्क में लोग पैदल चलते हैं एवं शहर में हर जगह साइकिल ट्रैक हैं। चिली में खाने के पैकेट पर फूड वॉर्निंग लेबल लगे होते हैं। ब्रिटेन में बच्चों के टीवी टाइम के दौरान जंक फूड के विज्ञापन दिखाने पर पाबंदी है। यूरोप के कुछ इलाकों में मोटापा शब्द की जगह डॉक्टर मेडिकल कोड का इस्तेमाल करते हैं। फ्रांस में चटर-पटर खाने पर पाबंदी है। पूरे यूरोप में सबसे कम मोटापा वाला नीदरलैंड नो जिम कल्चर को फॉलो करता है, लेकिन लोग हर जगह साइकिल से ही जाते हैं।
सऊदी अरब ने अपने यहां एयर कंडीशन्ड वॉकिंग मॉल्स बनाए हैं। दक्षिण कोरिया में कम्युनिटी सेंटर व फार्मेसी में वजन तौलने की मशीन लगी होती हैं। फिजी और मिस्र में मोटापे को संपन्नता का प्रतीक माना जाता है। इटली में भी ज्यादा वजन स्टेटस सिंबल माना गया। नाइजीरिया में तो मोटा करने के अलग से कमरे होते थे। चीन में फिटनेस रिट्रीट के नाम पर फैट प्रिजन तैयार किए गए हैं, जहां लोग खुद जाकर कैद होते हैं और वहां दिन भर का रूटीन ऐसा होता है कि वजन कम हो सके।
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इस नियम का विरोध हुआ और नतीजतन फोकस बीमारियों और स्वस्थ रहने की जगह सिर्फ कमर के साइज पर आकर अटक गया। मेक्सिको में शक्कर युक्त पेय पदार्थ पर टैक्स लगाया जाता है और उससे जो पैसा जमा होता है, उसे साफ पानी और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर खर्च किया जाता है। फिनलैंड में तो बच्चों के लिए भी न्यूट्रिशन लॉ है। हर स्कूल में सरकार मुफ्त खाना देती है। पोषण की पढ़ाई केजी क्लास से करवाई जाती है व देश में स्वास्थ्य से जुड़े अभियान के केंद्र में नमक का उपभोग कम करना होता है। इटली में भी बच्चों को खाद्य शिक्षा दी जाती है।
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अमेरिका में हर रेस्तरां को अपने मेनू कार्ड में कैलोरी की जानकारी देने का कानून है। चीन में स्कूल के अंक पत्रों पर फिटनेस स्कोर भी होता है। डेनमार्क में फैट टैक्स लगाया गया था। उन सब खाद्य पदार्थों पर जिनमें वसा की मात्रा ज्यादा थी। नतीजतन लोग सीमा पार से वे सब सामान खरीदने लगे। अंततः इस टैक्स को बंद करना पड़ा।
डेनमार्क में लोग पैदल चलते हैं एवं शहर में हर जगह साइकिल ट्रैक हैं। चिली में खाने के पैकेट पर फूड वॉर्निंग लेबल लगे होते हैं। ब्रिटेन में बच्चों के टीवी टाइम के दौरान जंक फूड के विज्ञापन दिखाने पर पाबंदी है। यूरोप के कुछ इलाकों में मोटापा शब्द की जगह डॉक्टर मेडिकल कोड का इस्तेमाल करते हैं। फ्रांस में चटर-पटर खाने पर पाबंदी है। पूरे यूरोप में सबसे कम मोटापा वाला नीदरलैंड नो जिम कल्चर को फॉलो करता है, लेकिन लोग हर जगह साइकिल से ही जाते हैं।
सऊदी अरब ने अपने यहां एयर कंडीशन्ड वॉकिंग मॉल्स बनाए हैं। दक्षिण कोरिया में कम्युनिटी सेंटर व फार्मेसी में वजन तौलने की मशीन लगी होती हैं। फिजी और मिस्र में मोटापे को संपन्नता का प्रतीक माना जाता है। इटली में भी ज्यादा वजन स्टेटस सिंबल माना गया। नाइजीरिया में तो मोटा करने के अलग से कमरे होते थे। चीन में फिटनेस रिट्रीट के नाम पर फैट प्रिजन तैयार किए गए हैं, जहां लोग खुद जाकर कैद होते हैं और वहां दिन भर का रूटीन ऐसा होता है कि वजन कम हो सके।