अंतरराष्ट्रीय: फिर एक नए युद्ध विराम की ओर... क्या इस्राइल और हमास में ऐसा करने की इच्छाशक्ति है?
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विस्तार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि इस्राइल ने गाजा में 60 दिन के युद्ध विराम की शर्तों पर सहमति जताई है। मार्च में आखिरी अल्पकालिक युद्ध विराम के टूटने के बाद फिर से दो महीने के युद्ध विराम पर चर्चा हो रही है। चूंकि गाजा में तबाही दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, तो क्या इस बार स्थिति कुछ अलग होगी? कतर के मध्यस्थों द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव में कथित तौर पर हमास द्वारा 60 दिनों की अवधि में दस जीवित बंधकों और 18 मृत बंधकों के शवों को सौंपने की बात कही गई है, जिसके बदले में कई फलस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाएगा। यदि दीर्घकालिक समझौता हो जाता है, तो शेष 22 बंधकों को रिहा कर दिया जाएगा। 60 दिन की युद्ध विराम अवधि में शत्रुता के स्थायी अंत और गाजा में युद्ध के बाद के शासन के लिए रोडमैप पर भी बातचीत होगी।
लेकिन यह योजना इस साल जनवरी से मार्च तक आठ सप्ताह के तीन चरण के युद्ध विराम के समान है, जो बंधकों के आदान-प्रदान के पहले चरण के बाद ही टूट गया था। हमास के लिए, दीर्घकालिक युद्ध विराम का मतलब युद्ध का स्थायी अंत और गाजा से इस्राइली सेना की वापसी है, जबकि इस्राइल सत्ता से हमास को पूरी तरह से हटाना, उसकी सैन्य शाखा को खत्म और निरस्त्र करना चाहता है तथा हमास के बचे हुए वरिष्ठ नेताओं को निर्वासित करना चाहता है।
चुनौतियों के बावजूद ऐसे कई कारण हैं कि युद्ध विराम का यह प्रयास अलग हो सकता है। सबसे पहला और महत्वपूर्ण कारण इस्राइल और ईरान के बीच हाल ही में हुआ तथाकथित ‘12-दिवसीय युद्ध’ है, जिसे इस्राइल ने ईरान की परमाणु क्षमताओं को कम करने की एक बड़ी सफलता के रूप में प्रचारित किया है। इस कथित जीत से नेतन्याहू को अपने गठबंधन के अति-दक्षिणपंथी कट्टरपंथियों की आपत्तियों के बावजूद युद्ध विराम के लिए राजनीतिक गतिशीलता मिल गई है, जिन्होंने सरकार को गिराने की धमकी दी थी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि प्रस्तावित शर्तों में 60 दिन की अवधि के बाद इस्राइल को युद्ध पुनः शुरू करने से रोकने की गारंटी शामिल होगी या नहीं। पिछले दौर की वार्ता के बाद से नए मुद्दे भी उठे हैं, जो आगे और भी चुनौतियां खड़ी कर सकते हैं। हमास गाजा में पारंपरिक मानवीय सहायता वितरण की वापसी की मांग कर रहा है।
पिछले युद्ध विराम के बाद से गाजा पर इस्राइल का सैन्य नियंत्रण और भी मजबूत हो गया है। नेतन्याहू ने हाल ही में कहा कि युद्ध के बाद भी इस्राइल ‘गाजा पर पूर्ण सुरक्षा नियंत्रण’ रखेगा। ऐसे में, भले ही अस्थायी युद्धविराम पर सहमति हो जाए, लेकिन दीर्घकालिक युद्धविराम की दिशा में आगे बढ़ना या स्वीकार्य ‘दिन के बाद’ समझौते पर पहुंचना मुश्किल है।
फिर भी, मौजूदा समय में सफलता का अवसर है। ट्रंप युद्ध विराम में फिर से दिलचस्पी ले रहे हैं और नेतन्याहू के पास समझौता करने और बंधकों को वापस घर लाने का एक दुर्लभ राजनीतिक अवसर है। हमास न केवल इस्राइली सैन्य हमलों के कारण कमजोर हुआ है, बल्कि गाजा के लोगों की बढ़ती निराशा के कारण भी कमजोर हुआ है, जो युद्ध समाप्ति के लिए आतुर हैं। सवाल यह है कि क्या इस्राइल और हमास में युद्ध खत्म करने की इच्छाशक्ति है।
(द कन्वर्सेशन से)