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चयन उम्र नहीं जज्बे के आधार पर हो: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत की हार पर रहाणे बोले- वहां मेरी जरूरत थी
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Mayank Tripathi
Updated Sun, 26 Oct 2025 10:17 PM IST
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सार
रहाणे ने कहा, 'उम्र सिर्फ एक संख्या है। अगर खिलाड़ी फिट है, घरेलू क्रिकेट खेल रहा है और अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहा है, तो चयनकर्ताओं को उसे मौका देना चाहिए। यह उम्र की नहीं, बल्कि इरादे और मेहनत की बात है।'
अजिंक्य रहाणे
- फोटो : ANI
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विस्तार
भारत के अनुभवी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए नजरअंदाज किए जाने पर निराशा जताई है। रहाणे का कहना है कि चयन उम्र के बजाय खिलाड़ी के इरादे, जुनून और मेहनत पर होना चाहिए। रहाणे ने रविवार को रणजी ट्रॉफी में छत्तीसगढ़ के खिलाफ मुंबई की ओर से 303 गेंदों में 159 रनों की शानदार पारी खेली। हालांकि, वे अब भी इस बात से आहत हैं कि उन्हें 2024-25 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए टीम में जगह नहीं मिली, जिसमें भारत को 3-1 से हार का सामना करना पड़ा था।
'BGT में नहीं मिला मौका'
रहाणे ने कहा, 'उम्र सिर्फ एक संख्या है। अगर खिलाड़ी फिट है, घरेलू क्रिकेट खेल रहा है और अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहा है, तो चयनकर्ताओं को उसे मौका देना चाहिए। यह उम्र की नहीं, बल्कि इरादे और मेहनत की बात है। ऑस्ट्रेलिया के माइकल हसी ने भी देर से टेस्ट डेब्यू किया था, लेकिन उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। अनुभव रेड-बॉल क्रिकेट में बहुत मायने रखता है। मुझे व्यक्तिगत रूप से लगा कि भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया में मेरी जरूरत थी।' रहाणे ने 2020-21 में भारत को ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक 2-1 की जीत दिलाई थी। उन्होंने कहा कि 2023 में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में वापसी की थी और उसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ आखिरी टेस्ट खेला।
रहाणे ने कहा, 'उम्र सिर्फ एक संख्या है। अगर खिलाड़ी फिट है, घरेलू क्रिकेट खेल रहा है और अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहा है, तो चयनकर्ताओं को उसे मौका देना चाहिए। यह उम्र की नहीं, बल्कि इरादे और मेहनत की बात है। ऑस्ट्रेलिया के माइकल हसी ने भी देर से टेस्ट डेब्यू किया था, लेकिन उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। अनुभव रेड-बॉल क्रिकेट में बहुत मायने रखता है। मुझे व्यक्तिगत रूप से लगा कि भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया में मेरी जरूरत थी।' रहाणे ने 2020-21 में भारत को ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक 2-1 की जीत दिलाई थी। उन्होंने कहा कि 2023 में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में वापसी की थी और उसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ आखिरी टेस्ट खेला।
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चयनकर्ताओं पर फूटा गुस्सा
रहाणे ने यह भी खुलासा किया कि चयनकर्ताओं ने उन्हें बाहर करने का कोई कारण नहीं बताया। उन्होंने कहा, 'मैंने भारतीय टीम के लिए बहुत क्रिकेट खेला है। ऐसे में मुझे लगा कि अनुभव के आधार पर मुझे और मौके मिलने चाहिए थे। लेकिन कोई संवाद नहीं हुआ। अब मैं सिर्फ उन्हीं चीज़ों पर ध्यान देता हूं जो मेरे नियंत्रण में हैं।' रहाणे ने कहा कि वे चयन समिति के निर्देश के अनुसार नियमित रूप से घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, "चयनकर्ता हमेशा कहते हैं कि घरेलू क्रिकेट खेलो। मैं पिछले 4-5 साल से लगातार खेल रहा हूं। लेकिन कभी-कभी यह सिर्फ प्रदर्शन की बात नहीं होती, बल्कि इरादे और अनुभव की भी होती है।'
रहाणे ने यह भी खुलासा किया कि चयनकर्ताओं ने उन्हें बाहर करने का कोई कारण नहीं बताया। उन्होंने कहा, 'मैंने भारतीय टीम के लिए बहुत क्रिकेट खेला है। ऐसे में मुझे लगा कि अनुभव के आधार पर मुझे और मौके मिलने चाहिए थे। लेकिन कोई संवाद नहीं हुआ। अब मैं सिर्फ उन्हीं चीज़ों पर ध्यान देता हूं जो मेरे नियंत्रण में हैं।' रहाणे ने कहा कि वे चयन समिति के निर्देश के अनुसार नियमित रूप से घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, "चयनकर्ता हमेशा कहते हैं कि घरेलू क्रिकेट खेलो। मैं पिछले 4-5 साल से लगातार खेल रहा हूं। लेकिन कभी-कभी यह सिर्फ प्रदर्शन की बात नहीं होती, बल्कि इरादे और अनुभव की भी होती है।'
रोहित-कोहली की तारीफ
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई वनडे सीरीज के आखिरी मुकाबले में रोहित शर्मा ने 121 और विराट कोहली ने 74 रनों की नाबाद पारी खेलकर टीम को नौ विकेट से जीत दिलाई। रहाणे ने इन दोनों का उदाहरण देते हुए कहा, 'यह साबित करता है कि उम्र सिर्फ एक आंकड़ा है। टीम को अनुभव की जरूरत होती है, खासकर टेस्ट क्रिकेट में। टीम में केवल नए खिलाड़ियों के साथ नहीं उतरा जा सकता। युवा खून जरूरी है, लेकिन अनुभव भी उतना ही अहम होता है। रेड-बॉल क्रिकेट में संतुलन से ही सफलता मिलती है।'
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई वनडे सीरीज के आखिरी मुकाबले में रोहित शर्मा ने 121 और विराट कोहली ने 74 रनों की नाबाद पारी खेलकर टीम को नौ विकेट से जीत दिलाई। रहाणे ने इन दोनों का उदाहरण देते हुए कहा, 'यह साबित करता है कि उम्र सिर्फ एक आंकड़ा है। टीम को अनुभव की जरूरत होती है, खासकर टेस्ट क्रिकेट में। टीम में केवल नए खिलाड़ियों के साथ नहीं उतरा जा सकता। युवा खून जरूरी है, लेकिन अनुभव भी उतना ही अहम होता है। रेड-बॉल क्रिकेट में संतुलन से ही सफलता मिलती है।'
सरफराज को भी दिया संदेश
इस दौरान रहाणे ने सरफराज खान को सलाह दी कि वे निराश न हों। उन्होंने कहा, 'सरफराज को मैं यही कहूंगा धैर्य रखो और मेहनत जारी रखो। निराश होना आसान है, लेकिन ध्यान केंद्रित रखना मुश्किल। मुंबई क्रिकेट उनके साथ है, बस समय की बात है।' दरअसल, सरफराज खान को हाल ही में चुनी गई भारत ए टीम के लिए नजरअंदाज कर दिया गया था।
इस दौरान रहाणे ने सरफराज खान को सलाह दी कि वे निराश न हों। उन्होंने कहा, 'सरफराज को मैं यही कहूंगा धैर्य रखो और मेहनत जारी रखो। निराश होना आसान है, लेकिन ध्यान केंद्रित रखना मुश्किल। मुंबई क्रिकेट उनके साथ है, बस समय की बात है।' दरअसल, सरफराज खान को हाल ही में चुनी गई भारत ए टीम के लिए नजरअंदाज कर दिया गया था।