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Dream11: नए कानून की वजह से ड्रीम-11 ने बीच में ही तोड़ा करार; अनुबंध के इस क्लॉज ने BCCI के जुर्माने से बचाया

स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: स्वप्निल शशांक Updated Mon, 25 Aug 2025 10:45 AM IST
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सार

दिलचस्प बात यह है कि बीसीसीआई इस अचानक हुई समाप्ति पर ड्रीम-11 को कोई आर्थिक दंड नहीं दे सकता। इसकी वजह अनुबंध का एक विशेष क्लॉज है। आइए जानते हैं...

BCCI Cannot Penalise Dream11 Despite before time Termination Of Rs 358 Crore Contract Due To This Clause
भारतीय टीम - फोटो : ANI
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विस्तार
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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और फैंटेसी स्पोर्ट्स कंपनी ड्रीम-11 (Dream11) के बीच हुआ 358 करोड़ रुपये का प्रमुख प्रायोजन करार समय से पहले ही खत्म हो गया है। यह करार 2023 में तीन साल की अवधि के लिए हुआ था, जिसके तहत टीम इंडिया की जर्सी पर ड्रीम-11 का लोगो दिखाई देता था, लेकिन हाल ही में पारित 'ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025' के कारण कंपनी को अपने संचालन में मुश्किलों का सामना करना पड़ा और उसने अनुबंध से बाहर निकलने का फैसला किया।
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इस क्लॉज ने ड्रीम-11 को जुर्माने से बचाया?
दिलचस्प बात यह है कि बीसीसीआई इस अचानक हुई समाप्ति पर ड्रीम-11 को कोई आर्थिक दंड नहीं दे सकता। इसकी वजह अनुबंध का एक विशेष क्लॉज है। इस क्लॉज के मुताबिक, यदि सरकार का कोई कानून किसी कंपनी के मुख्य कारोबार को प्रभावित करता है तो वह कंपनी अनुबंध से बिना किसी पेनल्टी के बाहर निकल सकती है। चूंकि ड्रीम-11 की आमदनी का बड़ा हिस्सा फैंटेसी स्पोर्ट्स से आता है और अब यह व्यवसाय प्रतिबंधित श्रेणी में आ चुका है, इसलिए कंपनी कानूनी रूप से सुरक्षित है।
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बीसीसीआई असमंजस की स्थिति में
ड्रीम-11 के इस कदम से बीसीसीआई असमंजस की स्थिति में है। एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट करीब हैं और टीम इंडिया के पास इस समय कोई आधिकारिक प्रमुख प्रायोजक नहीं है। ऐसे में बोर्ड को तुरंत नया स्पॉन्सर ढूंढना होगा। यह आसान नहीं होगा क्योंकि इतने कम समय में बड़े ब्रांड को जोड़ना चुनौतीपूर्ण है। अतीत में भी ऐसी स्थिति आई थी जब भारतीय टीम बिना किसी स्पॉन्सर के उतरी थी, लेकिन इस बार चुनौती और भी बड़ी है क्योंकि टूर्नामेंट की शुरुआत नजदीक है और क्रिकेट की व्यावसायिक दुनिया में प्रायोजक की मौजूदगी वित्तीय मजबूती और ब्रांड वैल्यू दोनों के लिए अहम होती है। ड्रीम-11 ने 2023 में BCCI का लीड स्पॉन्सर बनने का अधिकार हासिल किया था, जब उसने बायजू (Byju’s) की जगह ली थी। इस स्पॉन्सरशिप डील की कीमत लगभग ₹358 करोड़ तय की गई थी, लेकिन ताजा परिस्थितियों में कंपनी को करार से पीछे हटना पड़ा है।

ये कंपनियां ले सकती हैं स्पॉन्सरशिप
विशेषज्ञ मानते हैं कि अब अवसर देश के बड़े कॉरपोरेट घरानों और फिनटेक कंपनियों के पास है, जो इस खाली जगह को भर सकते हैं। टाटा, रिलायंस, अदाणी जैसी कंपनियां या फिर नए दौर की फिनटेक फर्में जैसे जीरोधा (Zerodha) और ग्री (Groww), संभावित दावेदार हो सकती हैं। हालांकि, अंतिम निर्णय बीसीसीआई के सामने समय की कमी और व्यावहारिक कठिनाइयों को देखते हुए जल्द लेना होगा।

एशिया कप से पहले मिलेगा स्पॉन्सर?
यह स्पष्ट है कि ड्रीम-11 के अचानक बाहर होने से बीसीसीआई की आय पर असर पड़ेगा, लेकिन इससे भी बड़ी चुनौती टीम इंडिया की जर्सी पर नया चेहरा खोजना है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन-सी कंपनी भारतीय क्रिकेट के साथ जुड़कर करोड़ों दर्शकों तक पहुंचने का यह सुनहरा मौका हासिल करती है। इसने एशिया कप से पहले भारतीय टीम को सुर्खियों में ला दिया है।
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