क्या ये वही रणतुंगा हैं?: जयसूर्या और मुरलीधरन संग फोटो में उन्हें पहचान नहीं पाए फैंस, वजन घटाकर सबको चौंकाया
समारोह की एक फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई, जिसमें अर्जुन रणतुंगा लाल कुर्ते में नजर आए, लेकिन उनका बदला हुआ रूप देखकर फैंस हैरान रह गए।
विस्तार
समारोह की एक फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई, जिसमें अर्जुन रणतुंगा लाल कुर्ते में नजर आए, लेकिन उनका बदला हुआ रूप देखकर फैंस हैरान रह गए। कभी भारी शरीर वाले रणतुंगा अब बेहद स्लिम और फिट दिख रहे हैं, जिससे कई लोग उन्हें पहचान ही नहीं पाए। एक यूजर ने तो लिखा- क्या लाल कुर्ते वाला वाकई रणतुंगा हैं?
🇱🇰🏏 pic.twitter.com/H28ZlVZRhX
— Sanath Jayasuriya (@Sanath07) November 5, 2025
रणतुंगा अपने 18 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान हमेशा थोड़ा भारी शरीर वाले खिलाड़ी माने जाते थे, लेकिन यह कभी उनके प्रदर्शन के आड़े नहीं आया। उन्होंने टेस्ट और वनडे मिलाकर करीब 12,500 रन बनाए। हालांकि, कभी-कभी वह फिटनेस को लेकर विवादों में भी रहे, जैसे मैचों के दौरान रनर की मांग करना, जिसने ऑस्ट्रेलियाई कप्तान इयान हीली तक को नाराज कर दिया था।
अब 61 वर्षीय रणतुंगा ने बीते कुछ वर्षों में अपने रूप में जबरदस्त बदलाव किया है। 2023 के एशिया कप के दौरान भी उनका नया लुक चर्चा में रहा था, जब उन्होंने एसीसी और बीसीसीआई पर तीखी टिप्पणी की थी। हालांकि, उन्होंने वजन घटाने का कारण कभी सार्वजनिक नहीं किया, लेकिन फैंस का मानना है कि यह किसी स्वास्थ्य समस्या से ज़्यादा एक प्रभावशाली फिटनेस जर्नी है।
@grok who is person in RED ?
— S Anand (@S_AnAnD1990) November 6, 2025
Is Arjuna in Red? If yes, is he sick?
— Subramaniam Krishnan (@SubramaniamKr16) November 6, 2025
I Got To Know
— Abid Hussain (@abidhussain2187) November 6, 2025
Great Aravinda
Muthiah
But I Don't Know Who Is In The Red?
wait a minute is that the great Arjuna Ranatunga in red?
— LastOver BeforeDrinks (@LastoverB) November 5, 2025
What happend to Arjuna sir.
— Fbb (@Fahadbashir33) November 6, 2025
Ranathunga is unrecognisable
— Vivek Krish (@vivekvanchiyoor) November 6, 2025
रणतुंगा श्रीलंका के सबसे सफल वनडे कप्तानों में शामिल हैं। उन्होंने 193 मैचों में 89 जीत दिलाई और टीम को विश्व क्रिकेट की शीर्ष श्रेणी में पहुंचाया। उन्होंने 93 टेस्ट और 269 वनडे खेले, लेकिन उनकी असली पहचान बनी लीडरशिप से। एक बार तो उन्होंने मुरलीधरन को चकिंग के आरोप में नो-बॉल देने पर टीम को मैदान से बाहर ले गए थे और अपने खिलाड़ी के समर्थन में मैच खेलने से मना कर दिया था।