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भारत कैसे जीतेगा T20 विश्वकप? कप्तान-उपकप्तान फॉर्म में नहीं, सवाल- बल्लेबाजी क्रम के प्रयोग क्यों फेल हो रहे?
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Fri, 12 Dec 2025 12:32 PM IST
सार
टीम इंडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने शीर्ष बल्लेबाजों शुभमन गिल और सूर्यकुमार यादव की खराब फॉर्म है। वर्ल्ड कप शुरू होने में अब कम समय बचा है और टीम अभी भी सही संयोजन, बैटिंग ऑर्डर और खिलाड़ियों की भूमिकाओं को लेकर प्रयोग कर रही है। अक्षर पटेल को नंबर-तीन पर भेजना हो या संजू सैमसन को बार-बार मौका न मिलना, इन फैसलों ने रणनीति पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
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भारतीय टीम
- फोटो : ANI
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विस्तार
टी20 विश्व कप 2026 केवल 57 दिन दूर है। भारत के लिए यह समय न केवल चयन और संयोजन तय करने का है, बल्कि यह रूपरेखा तय करने का भी है कि कौन सी बल्लेबाजी क्रम मजबूत है, किस खिलाड़ी पर भरोसा है और कौन से विकल्प टीम के लिए भरोसेमंद साबित होंगे।
भारत की वर्तमान स्थिति कुछ परेशान करने वाली लगती है। कप्तान सूर्यकुमार यादव और उपकप्तान शुभमन गिल दोनों ही टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गंभीर रूप से संघर्ष कर रहे हैं। पिछले मैचों में बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए दोनों का जल्दी आउट होना भारत की चिंताओं को और बढ़ा देता है। इतना ही नहीं, बल्लेबाजी क्रम में किए जा रहे प्रयोग- जैसे अक्षर पटेल को नंबर-तीन भेजना और शिवम दुबे को नंबर-आठ पर खिलाना, आलोचना का कारण बन रहे हैं। वैसे तो भारत के पास बहुत सारे बल्लेबाजी विकल्प हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह टीम विश्व कप के लिए सबसे बेहतर संयोजन है या सिर्फ प्रयोग?
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भारत की वर्तमान स्थिति कुछ परेशान करने वाली लगती है। कप्तान सूर्यकुमार यादव और उपकप्तान शुभमन गिल दोनों ही टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गंभीर रूप से संघर्ष कर रहे हैं। पिछले मैचों में बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए दोनों का जल्दी आउट होना भारत की चिंताओं को और बढ़ा देता है। इतना ही नहीं, बल्लेबाजी क्रम में किए जा रहे प्रयोग- जैसे अक्षर पटेल को नंबर-तीन भेजना और शिवम दुबे को नंबर-आठ पर खिलाना, आलोचना का कारण बन रहे हैं। वैसे तो भारत के पास बहुत सारे बल्लेबाजी विकल्प हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह टीम विश्व कप के लिए सबसे बेहतर संयोजन है या सिर्फ प्रयोग?
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शुभमन गिल और सूर्यकुमार यादव
- फोटो : ANI
कप्तान और उपकप्तान की खराब फॉर्म बड़ी चिंता
सूर्यकुमार यादव और शुभमन गिल दोनों ही 2025 में बेहतरीन टी20 अंतरराष्ट्रीय फॉर्म नहीं दिखा पाए हैं। गिल की स्थिति तो और खराब दिखती है। उन्होंने 14 टी20 अंतरराष्ट्रीय पारियों में एक भी 50+ रन की पारी नहीं खेली और 263 रन बनाए, जबकि सूर्यकुमार भी 2025 में 17 पारियों में सिर्फ 201 रन बना पाए हैं। इसमें एक भी अर्धशतक नहीं है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टी20 में गिल चार और सूर्यकुमार 12 रन बना पाए थे, जबकि दूसरे टी20 में गिल शून्य और सूर्यकुमार पांच रन बना सके। बैटिंग पिच पर दोनों को इस तरह जूझते देखना सवाल खड़े करता है। टी20 विश्व कप भी भारत और श्रीलंका में होना है। जब हम अपने ही घर में जूझते दिखेंगे तो विश्व कप कैसे जीत पाएंगे, यह बड़ा सवाल है।
कमेंटेटर और पूर्व खिलाड़ी इस बात से नाखुश हैं। इरफान पठान ने भी कहा, 'शुभमन गिल का टी20 फॉर्म विश्व कप से पहले एक बड़ी चिंता है। उम्मीद है कि वह अपनी बल्लेबाजी की चमक वापस पाएंगे, वरना यह भारत के लिए बड़ी समस्या बन सकता है।' इस बेमौसमी फॉर्म स्लंप के बावजूद, टीम मैनेजमेंट अभी तक इन दोनों खिलाड़ियों पर भरोसा बनाए हुए है। खासकर गिल पर, जिन्हें ओपनिंग साथी के रूप में बरकरार रखा गया है। गिल को टीम में लाने के लिए इन फॉर्म बल्लेबाज संजू सैमसन को अपनी जगह खाली करनी पड़ी।
सूर्यकुमार यादव और शुभमन गिल दोनों ही 2025 में बेहतरीन टी20 अंतरराष्ट्रीय फॉर्म नहीं दिखा पाए हैं। गिल की स्थिति तो और खराब दिखती है। उन्होंने 14 टी20 अंतरराष्ट्रीय पारियों में एक भी 50+ रन की पारी नहीं खेली और 263 रन बनाए, जबकि सूर्यकुमार भी 2025 में 17 पारियों में सिर्फ 201 रन बना पाए हैं। इसमें एक भी अर्धशतक नहीं है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टी20 में गिल चार और सूर्यकुमार 12 रन बना पाए थे, जबकि दूसरे टी20 में गिल शून्य और सूर्यकुमार पांच रन बना सके। बैटिंग पिच पर दोनों को इस तरह जूझते देखना सवाल खड़े करता है। टी20 विश्व कप भी भारत और श्रीलंका में होना है। जब हम अपने ही घर में जूझते दिखेंगे तो विश्व कप कैसे जीत पाएंगे, यह बड़ा सवाल है।
कमेंटेटर और पूर्व खिलाड़ी इस बात से नाखुश हैं। इरफान पठान ने भी कहा, 'शुभमन गिल का टी20 फॉर्म विश्व कप से पहले एक बड़ी चिंता है। उम्मीद है कि वह अपनी बल्लेबाजी की चमक वापस पाएंगे, वरना यह भारत के लिए बड़ी समस्या बन सकता है।' इस बेमौसमी फॉर्म स्लंप के बावजूद, टीम मैनेजमेंट अभी तक इन दोनों खिलाड़ियों पर भरोसा बनाए हुए है। खासकर गिल पर, जिन्हें ओपनिंग साथी के रूप में बरकरार रखा गया है। गिल को टीम में लाने के लिए इन फॉर्म बल्लेबाज संजू सैमसन को अपनी जगह खाली करनी पड़ी।
अक्षर पटेल
- फोटो : ANI
अक्षर पटेल को नंबर-3 पर क्यों?
भारतीय टीम के चयन और रणनीति पर सबसे बड़ा रोष खेल में किए गए प्रयोगों पर है। जब भारत ने 214 रन के लक्ष्य का पीछा शुरू किया, तो पहला विकेट जल्दी गिर गया। स्थिति यह थी कि टीम को अपने सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज की जरूरत थी, लेकिन इसके बजाय अक्षर पटेल को नंबर-तीन पर भेजा गया, जो अक्सर अपनी बल्लेबाजी के लिए काफी आक्रामक विकल्प नहीं माने जाते। यह निर्णय कई क्रिकेट विशेषज्ञों और फैन्स को समझ में नहीं आया। खासकर तब जब टीम के पास बल्लेबाजी के शीर्ष क्रम में खेलने के लिए और भी बेहतर तकनीकी विकल्प मौजूद हैं। नंबर तीन पर सूर्यकुमार आते हैं, लेकिन वह नहीं आए।
तिलक वर्मा ने अच्छी बल्लेबाजी की और उन्हें भी जल्दी भेजा जा सकता था, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। अक्षर ने 21 गेंद में 21 रन बनाए। बड़े स्कोर का पीछा करते हुए यह पारी काफी धीमी थी। शिवम दुबे को नंबर-आठ निवेश करना भी टीम की बल्लेबाजी रणनीति पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। विकेट गिरने के बाद धैर्य और एकाग्रता की जरूरत थी, लेकिन इन प्रयोगों ने टीम को बैटिंग में मजबूती देने के बजाय उलझन में डाल दिया। दुबे सीएसके में स्लॉग बैटर के तौर पर इस्तेमाल किए जाते रहे हैं और रन रेट बढ़ाने के लिए उन्हें नंबर तीन भेजकर उन पर विश्वास भी जताया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
भारतीय टीम के चयन और रणनीति पर सबसे बड़ा रोष खेल में किए गए प्रयोगों पर है। जब भारत ने 214 रन के लक्ष्य का पीछा शुरू किया, तो पहला विकेट जल्दी गिर गया। स्थिति यह थी कि टीम को अपने सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज की जरूरत थी, लेकिन इसके बजाय अक्षर पटेल को नंबर-तीन पर भेजा गया, जो अक्सर अपनी बल्लेबाजी के लिए काफी आक्रामक विकल्प नहीं माने जाते। यह निर्णय कई क्रिकेट विशेषज्ञों और फैन्स को समझ में नहीं आया। खासकर तब जब टीम के पास बल्लेबाजी के शीर्ष क्रम में खेलने के लिए और भी बेहतर तकनीकी विकल्प मौजूद हैं। नंबर तीन पर सूर्यकुमार आते हैं, लेकिन वह नहीं आए।
तिलक वर्मा ने अच्छी बल्लेबाजी की और उन्हें भी जल्दी भेजा जा सकता था, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। अक्षर ने 21 गेंद में 21 रन बनाए। बड़े स्कोर का पीछा करते हुए यह पारी काफी धीमी थी। शिवम दुबे को नंबर-आठ निवेश करना भी टीम की बल्लेबाजी रणनीति पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। विकेट गिरने के बाद धैर्य और एकाग्रता की जरूरत थी, लेकिन इन प्रयोगों ने टीम को बैटिंग में मजबूती देने के बजाय उलझन में डाल दिया। दुबे सीएसके में स्लॉग बैटर के तौर पर इस्तेमाल किए जाते रहे हैं और रन रेट बढ़ाने के लिए उन्हें नंबर तीन भेजकर उन पर विश्वास भी जताया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
शुभमन गिल और संजू सैमसन
- फोटो : ANI
सैमसन बनाम गिल: कौन उपयुक्त ओपनर?
शायद सबसे बड़ा विवाद यह है कि संजू सामसन क्यों टीम से बाहर हैं, जबकि उन्होंने 2024 में टी20 अंतरराष्ट्रीय में तीन शतक जड़े थे। सैमसन और अभिषेक शर्मा की ओपनिंग जोड़ी ने एशिया कप से पहले अधिकतर मैचों में शानदार प्रदर्शन किया था और भारत को मजबूत शुरुआत दी थी। इसके बावजूद, टीम मैनेजमेंट ने उन्हें मध्यक्रम में भेज दिया और अंततः टीम से ही बाहर कर दिया। विशेषज्ञों ने प्वाइंट आउट किया है कि यह निर्णय आंकड़ों और वर्तमान फॉर्म के खिलाफ लिया गया है। 2024 से अब तक सैमसन ने 22 टी20 अंतरराष्ट्रीय पारियों में 621 रन बनाए। इनमें दो अर्धशतक और तीन शतक शामिल हैं। वहीं, गिल ने साल 2025 में 14 टी20 अंतरराष्ट्रीय पारियों में 263 रन बनाए हैं। कहना का तात्पर्य यह है कि सैमसन का फॉर्म बरकरार था, लेकिन एशिया कप 2025 से सबकुछ बदल गया।
इस पर रॉबिन उथप्पा की भी प्रतिक्रिया आई। उन्होंने कहा, 'मैं पूछता हूं कि अभिषेक और सैमसन की जोड़ी ने ऐसा क्या गलत किया कि इसे बदल दिया गया? सैमसन ने तीन शतक लगाए और उन्होंने अपने अवसर का पूरा फायदा उठाया। उन्हें मौका मिलने के बावजूद टीम द्वारा हटाया जाना समझ से परे है।' उथप्पा का मानना है कि सैमसन जैसे खिलाड़ी को मौका मिलना चाहिए था, खासकर जब उन्होंने टी20 अंतरराष्ट्रीय में वापसी के बाद धमाकेदार पारियां खेलीं।
शायद सबसे बड़ा विवाद यह है कि संजू सामसन क्यों टीम से बाहर हैं, जबकि उन्होंने 2024 में टी20 अंतरराष्ट्रीय में तीन शतक जड़े थे। सैमसन और अभिषेक शर्मा की ओपनिंग जोड़ी ने एशिया कप से पहले अधिकतर मैचों में शानदार प्रदर्शन किया था और भारत को मजबूत शुरुआत दी थी। इसके बावजूद, टीम मैनेजमेंट ने उन्हें मध्यक्रम में भेज दिया और अंततः टीम से ही बाहर कर दिया। विशेषज्ञों ने प्वाइंट आउट किया है कि यह निर्णय आंकड़ों और वर्तमान फॉर्म के खिलाफ लिया गया है। 2024 से अब तक सैमसन ने 22 टी20 अंतरराष्ट्रीय पारियों में 621 रन बनाए। इनमें दो अर्धशतक और तीन शतक शामिल हैं। वहीं, गिल ने साल 2025 में 14 टी20 अंतरराष्ट्रीय पारियों में 263 रन बनाए हैं। कहना का तात्पर्य यह है कि सैमसन का फॉर्म बरकरार था, लेकिन एशिया कप 2025 से सबकुछ बदल गया।
इस पर रॉबिन उथप्पा की भी प्रतिक्रिया आई। उन्होंने कहा, 'मैं पूछता हूं कि अभिषेक और सैमसन की जोड़ी ने ऐसा क्या गलत किया कि इसे बदल दिया गया? सैमसन ने तीन शतक लगाए और उन्होंने अपने अवसर का पूरा फायदा उठाया। उन्हें मौका मिलने के बावजूद टीम द्वारा हटाया जाना समझ से परे है।' उथप्पा का मानना है कि सैमसन जैसे खिलाड़ी को मौका मिलना चाहिए था, खासकर जब उन्होंने टी20 अंतरराष्ट्रीय में वापसी के बाद धमाकेदार पारियां खेलीं।
शुभमन गिल और संजू सैमसन
- फोटो : ANI
क्या गिल की फॉर्म में निरंतर गिरावट शक का विषय है?
गिल के साथ बड़ी उम्मीदें जुड़ी हैं। वह लंबे समय से टीम के टेस्ट और वनडे संयोजनों का नेतृत्व कर रहे हैं, लेकिन टी20 अंतरराष्ट्रीय में अब तक उनके रन नहीं आ रहे हैं। पिछले 14 पारियों में कोई 50+ पारी नहीं और लगातार संघर्ष का सामना। यह प्रश्न उठता है कि क्या गिल की निरंतर झलकता हुआ स्लंप टीम के लिए सुरक्षित विकल्प है? या क्या टीम को प्रतिभा के अनुसार और अधिक तर्कसंगत विकल्प चुनना चाहिए?
गिल के साथ बड़ी उम्मीदें जुड़ी हैं। वह लंबे समय से टीम के टेस्ट और वनडे संयोजनों का नेतृत्व कर रहे हैं, लेकिन टी20 अंतरराष्ट्रीय में अब तक उनके रन नहीं आ रहे हैं। पिछले 14 पारियों में कोई 50+ पारी नहीं और लगातार संघर्ष का सामना। यह प्रश्न उठता है कि क्या गिल की निरंतर झलकता हुआ स्लंप टीम के लिए सुरक्षित विकल्प है? या क्या टीम को प्रतिभा के अनुसार और अधिक तर्कसंगत विकल्प चुनना चाहिए?
हार्दिक पांड्या
- फोटो : ANI
हार्दिक पंड्या: अलग पिच, अलग समस्या
हार्दिक के प्रदर्शन पर भी सवाल उठे हैं। पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने कहा, 'कुछ पिच पर हार्दिक का बल्लेबाजी स्टाइल फेल हो जाता है क्योंकि वह पिच की गति और बाउंस को सही तरीके से नहीं पढ़ पाए। जब पिच में गति कम होती है, तो आपको अपने पैरों को मूव करना होता है और यह चीज दूसरे टी20 में हार्दिक के आउट होने की वजह बनी।' यह संकेत देता है कि टीम स्ट्राइक बल तकनीकी बदलावों और पिच की परिस्थितियों के अनुसार अनुकूल नहीं हो पा रहा है।
हार्दिक के प्रदर्शन पर भी सवाल उठे हैं। पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने कहा, 'कुछ पिच पर हार्दिक का बल्लेबाजी स्टाइल फेल हो जाता है क्योंकि वह पिच की गति और बाउंस को सही तरीके से नहीं पढ़ पाए। जब पिच में गति कम होती है, तो आपको अपने पैरों को मूव करना होता है और यह चीज दूसरे टी20 में हार्दिक के आउट होने की वजह बनी।' यह संकेत देता है कि टीम स्ट्राइक बल तकनीकी बदलावों और पिच की परिस्थितियों के अनुसार अनुकूल नहीं हो पा रहा है।
सूर्यकुमार, गिल और सैमसन
- फोटो : ANI
विश्व कप की दौड़ और समय की कमी
अब जब विश्व कप केवल 57 दिन दूर है, भारत के पास समय कम है। विश्व कप की तैयारी के लिए टीम को यह तय करना है कि क्या ओपनिंग संयोजन सैमसन और अभिषेक के बीच होना चाहिए? क्या गिल को ऊपर रखा जाए या नए खिलाड़ी को मौका मिले? नंबर-3 पर कौन बल्लेबाज ज्यादा फायदेमंद होगा? क्या बार बार बल्लेबाजी क्रम में बदलाव एक सही रणनीति है? क्योंकि जब तक रोहित और कोहली टीम का हिस्सा थे, नंबर चार तक शायद ही कोई बदलाव देखने को मिला। यानी शीर्ष-चार आपके मुख्य बल्लेबाज ही होने चाहिए, जो कि मौजूदा परिस्थिति में नहीं देखने को मिल रहा। वनडे में भारत के संयोजन में रणनीति स्पष्ट रही है, लेकिन टेस्ट और टी20 अंतरराष्ट्रीय में यह संयोजन बोझिल और भ्रमित प्रतीत हो रहा है।
अब जब विश्व कप केवल 57 दिन दूर है, भारत के पास समय कम है। विश्व कप की तैयारी के लिए टीम को यह तय करना है कि क्या ओपनिंग संयोजन सैमसन और अभिषेक के बीच होना चाहिए? क्या गिल को ऊपर रखा जाए या नए खिलाड़ी को मौका मिले? नंबर-3 पर कौन बल्लेबाज ज्यादा फायदेमंद होगा? क्या बार बार बल्लेबाजी क्रम में बदलाव एक सही रणनीति है? क्योंकि जब तक रोहित और कोहली टीम का हिस्सा थे, नंबर चार तक शायद ही कोई बदलाव देखने को मिला। यानी शीर्ष-चार आपके मुख्य बल्लेबाज ही होने चाहिए, जो कि मौजूदा परिस्थिति में नहीं देखने को मिल रहा। वनडे में भारत के संयोजन में रणनीति स्पष्ट रही है, लेकिन टेस्ट और टी20 अंतरराष्ट्रीय में यह संयोजन बोझिल और भ्रमित प्रतीत हो रहा है।
अभिषेक-गिल-सैमसन
- फोटो : ANI
क्या भारत की रणनीति सही दिशा में है?
विश्लेषकों के मत में यह है कि भारत के पास श्रेष्ठ खिलाड़ी हैं और टीम में बल्लेबाजी विकल्पों की गहराई है, लेकिन टीम फॉर्म, चयन और प्रयोगों के कारण भ्रमित और असंगठित प्रतीत होती है। टी20 विश्व कप जैसी बड़ी प्रतियोगिता में दिशा, स्पष्ट भूमिका और फॉर्म की जरूरत होती है। सिर्फ अनुक्रम (हाइरार्की) या प्रतिष्ठा पर भरोसा कर मैच नहीं जीते जाते, वो भी विश्व कप से करीब दो महीने पहले। जब आपको टी20 विश्व कप तक सिर्फ आठ और टी20 मैच खेलने हैं। ऐसे में आपकी तय प्लेइंग-11 और बेस्ट प्लेइंग-11 को ही मौका मिलना चाहिए। अगर भारत को टी20 वर्ल्ड कप के खिताब का बचाव करना है, तो कप्तान और उपकप्तान दोनों को फॉर्म में लौटना ही होगा, साथ ही टीम मैनेजमेंट को स्थिर और स्पष्ट रणनीति अपनानी होगी। अभी समय है, लेकिन गलतियों को सुधारने की जरूरत और भी ज्यादा है।
विश्लेषकों के मत में यह है कि भारत के पास श्रेष्ठ खिलाड़ी हैं और टीम में बल्लेबाजी विकल्पों की गहराई है, लेकिन टीम फॉर्म, चयन और प्रयोगों के कारण भ्रमित और असंगठित प्रतीत होती है। टी20 विश्व कप जैसी बड़ी प्रतियोगिता में दिशा, स्पष्ट भूमिका और फॉर्म की जरूरत होती है। सिर्फ अनुक्रम (हाइरार्की) या प्रतिष्ठा पर भरोसा कर मैच नहीं जीते जाते, वो भी विश्व कप से करीब दो महीने पहले। जब आपको टी20 विश्व कप तक सिर्फ आठ और टी20 मैच खेलने हैं। ऐसे में आपकी तय प्लेइंग-11 और बेस्ट प्लेइंग-11 को ही मौका मिलना चाहिए। अगर भारत को टी20 वर्ल्ड कप के खिताब का बचाव करना है, तो कप्तान और उपकप्तान दोनों को फॉर्म में लौटना ही होगा, साथ ही टीम मैनेजमेंट को स्थिर और स्पष्ट रणनीति अपनानी होगी। अभी समय है, लेकिन गलतियों को सुधारने की जरूरत और भी ज्यादा है।