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Mohsin Naqvi: 'मुझे तो पता भी नहीं ये कौन है', ट्रॉफी विवाद पर ICC के पूर्व अंपायर का मोहसिन नकवी पर बड़ा हमला
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Thu, 16 Oct 2025 10:33 AM IST
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सार
एक पॉडकास्ट पर बात करते हुए अनिल चौधरी ने मोहसिन नकवी की हरकत को शर्मनाक और बचकाना बताया। उन्होंने कहा, 'ट्रॉफी कोई भी दे सकता था। कहीं भी यह नहीं लिखा कि एक ही व्यक्ति को ट्रॉफी देना जरूरी है।'

अनिल चौधरी ने नकवी पर तंज कसा
- फोटो : Twitter
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विस्तार
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए एशिया कप 2025 के फाइनल को हुए दो हफ्ते से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन अब भी भारतीय टीम को विजेता ट्रॉफी और मेडल नहीं मिले हैं। अब इस पर आईसीसी के पूर्व अंपायर अनिल चौधरी का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने एशियाई एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख मोहसिन नकवी पर निशाना साधा है।

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क्या है मामला?
यह मामला तब शुरू हुआ जब मोहसिन नकवी, जो कि पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं, वह फाइनल मैच के बाद ट्रॉफी और भारतीय टीम का मेडल लेकर होटल चले गए। मैच के बाद सूर्यकुमार यादव और भारतीय खिलाड़ियों ने नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था क्योंकि उनका रवैया भारत-विरोधी था। इसके बाद नकवी ने बयान दिया कि 'अगर भारतीय टीम को ट्रॉफी चाहिए तो आकर मुझसे ले जाए।' इस बेतुके बयान के बाद क्रिकेट जगत में खलबली मच गई और अब पूर्व अंतरराष्ट्रीय अंपायर अनिल चौधरी ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
यह मामला तब शुरू हुआ जब मोहसिन नकवी, जो कि पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं, वह फाइनल मैच के बाद ट्रॉफी और भारतीय टीम का मेडल लेकर होटल चले गए। मैच के बाद सूर्यकुमार यादव और भारतीय खिलाड़ियों ने नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था क्योंकि उनका रवैया भारत-विरोधी था। इसके बाद नकवी ने बयान दिया कि 'अगर भारतीय टीम को ट्रॉफी चाहिए तो आकर मुझसे ले जाए।' इस बेतुके बयान के बाद क्रिकेट जगत में खलबली मच गई और अब पूर्व अंतरराष्ट्रीय अंपायर अनिल चौधरी ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
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'ट्रॉफी कोई भी दे सकता था, नियमों में कहीं नहीं लिखा'
आरजे रौनक के पॉडकास्ट पर बात करते हुए अनिल चौधरी ने मोहसिन नकवी की हरकत को शर्मनाक और बचकाना बताया। उन्होंने कहा, 'ट्रॉफी कोई भी दे सकता था। वहां यूएई अथॉरिटी के कई अधिकारी मौजूद थे। कहीं भी यह नहीं लिखा कि एक ही व्यक्ति को ट्रॉफी देना जरूरी है। कोई नियम नहीं है कि केवल एक शख्स ही पुरस्कार दे सकता है।' चौधरी ने व्यंग्य करते हुए कहा, 'वो सज्जन ट्रॉफी लेकर ही चले गए। अब सज्जन शब्द का दूसरा मतलब भी होता है।' उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह की घटना उन्होंने अपने पूरे करियर में कभी नहीं देखी।
आरजे रौनक के पॉडकास्ट पर बात करते हुए अनिल चौधरी ने मोहसिन नकवी की हरकत को शर्मनाक और बचकाना बताया। उन्होंने कहा, 'ट्रॉफी कोई भी दे सकता था। वहां यूएई अथॉरिटी के कई अधिकारी मौजूद थे। कहीं भी यह नहीं लिखा कि एक ही व्यक्ति को ट्रॉफी देना जरूरी है। कोई नियम नहीं है कि केवल एक शख्स ही पुरस्कार दे सकता है।' चौधरी ने व्यंग्य करते हुए कहा, 'वो सज्जन ट्रॉफी लेकर ही चले गए। अब सज्जन शब्द का दूसरा मतलब भी होता है।' उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह की घटना उन्होंने अपने पूरे करियर में कभी नहीं देखी।
'मुझे तो पता भी नहीं ये मोहसिन नकवी कौन हैं'
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे कभी मोहसिन नकवी से मिले हैं, तो चौधरी ने हंसते हुए कहा, 'मुझे तो पता भी नहीं कि वो हैं कौन। मैं तो सिर्फ मोहसिन रजा को जानता हूं। मीडिया में ही पहली बार नाम सुना।' उन्होंने आगे मजाकिया अंदाज में कहा, 'मैं तो वैसे भी कोट-पैंट पहनने वालों से ज्यादा मिलता नहीं हूं। अपने काम से काम रखता हूं। लेकिन ऐसी हरकत तो मैंने स्थानीय क्रिकेट में भी नहीं देखी।' पूर्व अंपायर के मुताबिक, यह पहला मौका है जब किसी टूर्नामेंट में विजेता टीम को ट्रॉफी नहीं सौंपी गई और आयोजक खुद उसे लेकर चले गए।
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे कभी मोहसिन नकवी से मिले हैं, तो चौधरी ने हंसते हुए कहा, 'मुझे तो पता भी नहीं कि वो हैं कौन। मैं तो सिर्फ मोहसिन रजा को जानता हूं। मीडिया में ही पहली बार नाम सुना।' उन्होंने आगे मजाकिया अंदाज में कहा, 'मैं तो वैसे भी कोट-पैंट पहनने वालों से ज्यादा मिलता नहीं हूं। अपने काम से काम रखता हूं। लेकिन ऐसी हरकत तो मैंने स्थानीय क्रिकेट में भी नहीं देखी।' पूर्व अंपायर के मुताबिक, यह पहला मौका है जब किसी टूर्नामेंट में विजेता टीम को ट्रॉफी नहीं सौंपी गई और आयोजक खुद उसे लेकर चले गए।
हैंडशेक विवाद पर भी बोले अनिल चौधरी
अनिल चौधरी ने इस मौके पर भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान हुए हैंडशेक विवाद पर भी अपनी बात रखी। भारत ने एशिया कप के तीनों मैचों के दौरान पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया था, जिस पर सोशल मीडिया में बवाल मचा था।
चौधरी ने कहा, 'ऐसा कोई नियम नहीं है कि हर खिलाड़ी को हैंडशेक करना ही होगा। यह बस एक जेस्चर है, न कि कोई अनिवार्य परंपरा।' उन्होंने बताया कि जब उन्होंने रणजी ट्रॉफी में अंपायरिंग शुरू की थी, तब ऐसा कोई चलन नहीं था। उन्होंने कहा, 'पहले सिर्फ कप्तान हाथ मिलाते थे, अब तो लगभग 70 लोग एक-दूसरे से हाथ मिलाते हैं। यह पूरी तरह आपकी मर्जी पर निर्भर है।'
अनिल चौधरी ने इस मौके पर भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान हुए हैंडशेक विवाद पर भी अपनी बात रखी। भारत ने एशिया कप के तीनों मैचों के दौरान पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया था, जिस पर सोशल मीडिया में बवाल मचा था।
चौधरी ने कहा, 'ऐसा कोई नियम नहीं है कि हर खिलाड़ी को हैंडशेक करना ही होगा। यह बस एक जेस्चर है, न कि कोई अनिवार्य परंपरा।' उन्होंने बताया कि जब उन्होंने रणजी ट्रॉफी में अंपायरिंग शुरू की थी, तब ऐसा कोई चलन नहीं था। उन्होंने कहा, 'पहले सिर्फ कप्तान हाथ मिलाते थे, अब तो लगभग 70 लोग एक-दूसरे से हाथ मिलाते हैं। यह पूरी तरह आपकी मर्जी पर निर्भर है।'
नकवी की हरकतों पर सवाल, एसीसी की चुप्पी
जहां भारतीय क्रिकेट फैंस और दिग्गज मोहसिन नकवी की हरकत की निंदा कर रहे हैं, वहीं एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) अब तक इस मामले पर चुप है। कई पूर्व खिलाड़ी और अधिकारी इसे क्रिकेट की मर्यादा का उल्लंघन बता रहे हैं। अनिल चौधरी के बयान ने अब इस विवाद को और हवा दे दी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि, 'यह खेल की भावना के खिलाफ है। कोई भी ट्रॉफी लेकर नहीं जा सकता। खिलाड़ियों और आयोजकों के बीच सम्मान बना रहना चाहिए।'
जहां भारतीय क्रिकेट फैंस और दिग्गज मोहसिन नकवी की हरकत की निंदा कर रहे हैं, वहीं एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) अब तक इस मामले पर चुप है। कई पूर्व खिलाड़ी और अधिकारी इसे क्रिकेट की मर्यादा का उल्लंघन बता रहे हैं। अनिल चौधरी के बयान ने अब इस विवाद को और हवा दे दी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि, 'यह खेल की भावना के खिलाफ है। कोई भी ट्रॉफी लेकर नहीं जा सकता। खिलाड़ियों और आयोजकों के बीच सम्मान बना रहना चाहिए।'