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Explainer: ऐसा क्या हुआ कि लगातार 4 मैच से नहीं खेले सैमसन? गंभीर ने कहा था 21 डक के बाद भी नहीं करेंगे ड्रॉप
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, कटक
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Wed, 10 Dec 2025 10:02 AM IST
सार
यह सवाल जायज है कि क्या गिल को इस वर्ल्ड कप के लिए जगह बनाने के बजाय इंतजार करना चाहिए था? और क्या यह विश्व कप सैमसन का होना चाहिए था? फिलहाल जवाब इतना ही है कि सैमसन स्क्वॉड में हैं, लेकिन प्लेइंग-11 में उनकी जगह की कोई गारंटी नहीं है।
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गिल और सैमसन
- फोटो : ANI
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विस्तार
संजू सैमसन और गौतम गंभीर की बातचीत पिछले एक साल में कई बार सुर्खियों में रही है। एक पुरानी क्लिप में सैमसन बताते दिखते हैं कि गंभीर ने उनसे एक बेहद भरोसा देने वाली बात कही थी, 'अगर तुम लगातार 21 बार शून्य पर भी आउट हो तो, मैं तुम्हें ड्रॉप नहीं करूंगा।' हालांकि, मौजूदा परिस्थिति में सबकुछ बदल चुका है। पिछले एक साल में टी20 में जिस संयोजन के साथ भारतीय टीम उतर रही थी, अचानक उसमें बदलाव कर दिए गए। ओपनर बदल गए, मध्यक्रम बदल गया।
सैमसन, जिनकी जगह टी20 विश्व कप प्लेइंग-11 में लगभग पक्की मानी जा रही थी, अब प्लेइंग-11 का भी हिस्सा नहीं हैं। गंभीर का उनको दिया भरोसा धरा का धरा रह गया, क्योंकि कोच ही अब इस पर यू-टर्न ले चुके हैं। पिछले चार टी20 मैचों में सैमसन भारतीय प्लेइंग-11 का हिस्सा नहीं रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पांच टी20 मैचों की सीरीज के आखिरी तीन मैच और अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टी20 में उन्हें प्लेइंग-11 में जगह नहीं मिली। अब उनके टी20 विश्व कप में भी खेलने पर संशय है। आखिर ऐसा क्या हुआ, जिससे सबकुछ बदल गया...आइए जानते हैं...
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सैमसन, जिनकी जगह टी20 विश्व कप प्लेइंग-11 में लगभग पक्की मानी जा रही थी, अब प्लेइंग-11 का भी हिस्सा नहीं हैं। गंभीर का उनको दिया भरोसा धरा का धरा रह गया, क्योंकि कोच ही अब इस पर यू-टर्न ले चुके हैं। पिछले चार टी20 मैचों में सैमसन भारतीय प्लेइंग-11 का हिस्सा नहीं रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पांच टी20 मैचों की सीरीज के आखिरी तीन मैच और अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टी20 में उन्हें प्लेइंग-11 में जगह नहीं मिली। अब उनके टी20 विश्व कप में भी खेलने पर संशय है। आखिर ऐसा क्या हुआ, जिससे सबकुछ बदल गया...आइए जानते हैं...
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सूर्यकुमार, गिल और सैमसन
- फोटो : ANI
पिछले साल ओपनिंग की जिम्मेदारी मिली
सैमसन को अक्तूबर 2024 में बांग्लादेश के खिलाफ टी20 सीरीज में ओपनिंग की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद सैमसन ने लगातार दो शतक जड़े। मे टी20 में लगातार शतकों पर शतक लगाने के बाद सैमसन ने कहा था, 'गौतम गंभीर एक बार मेरे पास आए और पूछा कि क्या हुआ। मैंने उनसे कहा कि मैं अपनी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदल नहीं पा रहा हूं। तब उन्होंने मुझसे कहा- अगर तुम 21 बार भी शून्य पर आउट हो जाओ, तब भी मैं तुम्हें नहीं ड्रॉप करूंगा। उस बात ने मुझे बहुत सुरक्षित महसूस कराया और उसी भरोसे की वजह से मैं बाद में रन बना पाया।'
सैमसन को अक्तूबर 2024 में बांग्लादेश के खिलाफ टी20 सीरीज में ओपनिंग की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद सैमसन ने लगातार दो शतक जड़े। मे टी20 में लगातार शतकों पर शतक लगाने के बाद सैमसन ने कहा था, 'गौतम गंभीर एक बार मेरे पास आए और पूछा कि क्या हुआ। मैंने उनसे कहा कि मैं अपनी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदल नहीं पा रहा हूं। तब उन्होंने मुझसे कहा- अगर तुम 21 बार भी शून्य पर आउट हो जाओ, तब भी मैं तुम्हें नहीं ड्रॉप करूंगा। उस बात ने मुझे बहुत सुरक्षित महसूस कराया और उसी भरोसे की वजह से मैं बाद में रन बना पाया।'
सैमसन और गंभीर
- फोटो : BCCI
सैमसन को गंभीर ने दिया भरोसा
यह बयान सैमसन के करियर के उस दौर से जुड़ा था जब वह शुरुआत तो करते थे, लेकिन बड़ी पारियों में बदल नहीं पाते थे। गंभीर ने उन्हें यह कहकर बैक किया कि सुरक्षित महसूस करो, टीम तुम्हारे पीछे खड़ी है। इसी भरोसे ने सैमसन को खुलकर खेलने का आत्मविश्वास दिया और उन्होंने टी20 अंतरराष्ट्रीय में लगातार बड़े स्कोर किए, जिससे वे भारत के सबसे विस्फोटक टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों में शुमार होने लगे। सैमसन ने कई इंटरव्यू में गंभीर और कप्तान सूर्यकुमार यादव, दोनों का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने उनके खेल को पहचानकर निरंतर मौके दिए और उन्हें वह रोल दिया जिसमें वह निडर होकर खेल सकें।
यह बयान सैमसन के करियर के उस दौर से जुड़ा था जब वह शुरुआत तो करते थे, लेकिन बड़ी पारियों में बदल नहीं पाते थे। गंभीर ने उन्हें यह कहकर बैक किया कि सुरक्षित महसूस करो, टीम तुम्हारे पीछे खड़ी है। इसी भरोसे ने सैमसन को खुलकर खेलने का आत्मविश्वास दिया और उन्होंने टी20 अंतरराष्ट्रीय में लगातार बड़े स्कोर किए, जिससे वे भारत के सबसे विस्फोटक टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों में शुमार होने लगे। सैमसन ने कई इंटरव्यू में गंभीर और कप्तान सूर्यकुमार यादव, दोनों का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने उनके खेल को पहचानकर निरंतर मौके दिए और उन्हें वह रोल दिया जिसमें वह निडर होकर खेल सकें।
सैमसन और सूर्यकुमार
- फोटो : BCCI
सबकुछ ठीक चल रहा था… फिर अचानक बदलाव क्यों?
बीते एक साल में सैमसन टी20 क्रिकेट में भारत के सबसे स्थिर और खतरनाक विकल्प के रूप में उभरे। उनका और अभिषेक शर्मा का ओपनिंग कॉम्बिनेशन भारत की सबसे बड़ी ताकत बन चुका था। आंकड़े भी इसकी गवाही देते हैं। इस जोड़ी 12 मैचों में छह बार 200+ का स्कोर लगाने में मदद की थी। लेकिन एशिया कप से ठीक पहले परिस्थितियां बदलनी शुरू हुईं। शुभमन गिल की वापसी ने टीम मैनेजमेंट को संतुलन बदलने पर मजबूर कर दिया।
इसके बाद चीजें लगातार बदलती रहीं। सैमसन को कभी मिडिल ऑर्डर, तो कभी लोअर ऑर्डर में भेजा गया। उनकी नैचुरल ओपनिंग भूमिका उनसे छीन ली गई। गिल की वापसी के बाद भारत के टॉप ऑर्डर की रनरेट में गिरावट तो दिखी, लेकिन अनुक्रम के चलते गिल को प्लेइंग-11 में बनाए रखना टीम का प्राथमिक फैसला बन गया। हालांकि, एशिया कप 2025 तक सैमसन मिडिल ऑर्डर और लोअर ऑर्डर में बल्लेबाजी करते रहे। हम अगर दोनों के आंकड़े की तुलना करें तो...
बीते एक साल में सैमसन टी20 क्रिकेट में भारत के सबसे स्थिर और खतरनाक विकल्प के रूप में उभरे। उनका और अभिषेक शर्मा का ओपनिंग कॉम्बिनेशन भारत की सबसे बड़ी ताकत बन चुका था। आंकड़े भी इसकी गवाही देते हैं। इस जोड़ी 12 मैचों में छह बार 200+ का स्कोर लगाने में मदद की थी। लेकिन एशिया कप से ठीक पहले परिस्थितियां बदलनी शुरू हुईं। शुभमन गिल की वापसी ने टीम मैनेजमेंट को संतुलन बदलने पर मजबूर कर दिया।
इसके बाद चीजें लगातार बदलती रहीं। सैमसन को कभी मिडिल ऑर्डर, तो कभी लोअर ऑर्डर में भेजा गया। उनकी नैचुरल ओपनिंग भूमिका उनसे छीन ली गई। गिल की वापसी के बाद भारत के टॉप ऑर्डर की रनरेट में गिरावट तो दिखी, लेकिन अनुक्रम के चलते गिल को प्लेइंग-11 में बनाए रखना टीम का प्राथमिक फैसला बन गया। हालांकि, एशिया कप 2025 तक सैमसन मिडिल ऑर्डर और लोअर ऑर्डर में बल्लेबाजी करते रहे। हम अगर दोनों के आंकड़े की तुलना करें तो...
- छह अक्तूबर 2024 को बांग्लादेश के खिलाफ सैमसन को ओपनर के तौर पर नया किरदार मिला था। तब से बतौर ओपनर 12 पारियों में 37.90 की औसत और 183.70 के स्ट्राइक रेट से 417 रन बनाए। 111 रन सर्वश्रेष्ठ रहा। 37 चौके और 30 छक्के लगाए। सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे। तिलक 413 रन के साथ दूसरे नंबर पर रहे। अभिषेक 411 रन के साथ तीसरे नंबर पर रहे।
- इसके बाद एशिया कप में गिल की वापसी हुई। और उन्होंने तबसे 13 पारियों में ओपनिंग करते हुए 26.30 की औसत और 143.71 के स्ट्राइक रेट से महज 263 रन बनाए हैं। 47 रन उनका सर्वश्रेष्ठ रहा है। इनमें 33 चौके और चार छक्के शामिल हैं। अभिषेक ने 494 रन बनाए। वहीं, सैमसन ने इस दौरान पांच पारियों में मिडिल ऑर्डर या लोअर ऑर्डर में बल्लेबाजी की। इन पांच पारियों में उन्होंने 26.80 की औसत और 121.81 के स्ट्राइक रेट से 134 रन बनाए। 56 रन उनका सर्वश्रेष्ठ रहा।
- छह अक्तूबर 2024 को बांग्लादेश के खिलाफ ओपनिंग रोल मिलने से पहले सैमसन को सिर्फ पांच पारियों में ओपनिंग का मौका मिला था। तब उन्होंने 21.00 की औसत से 105 रन बनाए थे। छह अक्तूबर 2024 से पहले सैमसन ने 30 टी20 मैचों की 26 पारियों में 19.30 की औसत और 131.36 के स्ट्राइक रेट से 444 रन बनाए थे। हालांकि, पिछले साल ओपनिंग रोल ने उन्हें एक नई उम्मीद दी, जो कि फिर से छीन ली गई है।
अभिषेक-गिल-सैमसन
- फोटो : ANI
ऑस्ट्रेलिया दौरे से शुरू हुआ बाहर होने का सिलसिला
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की टी20 सीरीज में सैमसन शुरुआती दो मैचों में टीम में थे, लेकिन आखिरी तीन में उन्हें बाहर कर दिया गया। यह वही दौर था जब अभिषेक-सैमसन ओपनिंग को लगातार तोड़ा गया और गिल को ऊपर भेजा जाने लगा। इसके बाद से सैमसन भले ही स्क्वॉड में रहे हों, लेकिन लगातार चार मैचों से प्लेइंग-11 से बाहर बैठे हैं। इनमें तीन मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ और एक मैच अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शामिल है।
कटक में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले मैच में वह फिर बाहर बैठे और यही वह जगह है कि गंभीर का '21 डक' वाला बयान दोबारा वायरल हो गया, क्योंकि इसका मतलब यह नहीं था कि सैमसन हमेशा प्लेइंग-11 में होंगे, बल्कि यह कि मैनेजमेंट किसी एक खिलाड़ी को लगातार रोल और भरोसा देगा। वास्तविकता यह है कि फिलहाल वह भरोसा किसी और को दिया जा रहा है। साथ ही सैमसन का मध्यक्रम में उतना अच्छा रिकॉर्ड नहीं रहा है तो इस वजह से उन पर जितेश शर्मा को तरजीह दी जा रही है, जो फिनिशर के रूप में अच्छे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की टी20 सीरीज में सैमसन शुरुआती दो मैचों में टीम में थे, लेकिन आखिरी तीन में उन्हें बाहर कर दिया गया। यह वही दौर था जब अभिषेक-सैमसन ओपनिंग को लगातार तोड़ा गया और गिल को ऊपर भेजा जाने लगा। इसके बाद से सैमसन भले ही स्क्वॉड में रहे हों, लेकिन लगातार चार मैचों से प्लेइंग-11 से बाहर बैठे हैं। इनमें तीन मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ और एक मैच अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शामिल है।
कटक में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले मैच में वह फिर बाहर बैठे और यही वह जगह है कि गंभीर का '21 डक' वाला बयान दोबारा वायरल हो गया, क्योंकि इसका मतलब यह नहीं था कि सैमसन हमेशा प्लेइंग-11 में होंगे, बल्कि यह कि मैनेजमेंट किसी एक खिलाड़ी को लगातार रोल और भरोसा देगा। वास्तविकता यह है कि फिलहाल वह भरोसा किसी और को दिया जा रहा है। साथ ही सैमसन का मध्यक्रम में उतना अच्छा रिकॉर्ड नहीं रहा है तो इस वजह से उन पर जितेश शर्मा को तरजीह दी जा रही है, जो फिनिशर के रूप में अच्छे हैं।
शुभमन गिल
- फोटो : BCCI
गिल की वापसी, टीम संरचना की सबसे बड़ी पहेली!
इस पूरी कहानी की जड़ है शुभमन गिल की वापस एंट्री। गिल एक शानदार बल्लेबाज हैं, पर टी20 अंतरराष्ट्रीय में उनका स्ट्राइक रेट और खेलने का टेंपो भारत के नए मॉडल से मेल नहीं खाता। फिर भी, उनकी वापसी ने सैमसन की ओपनिंग जगह छीनी ही, साथ ही टीम के टॉप ऑर्डर को धीमा बनाया और सबसे महत्वपूर्ण टीम अनुक्रम में बदलाव कर दिया, क्योंकि गिल टी20 उपकप्तान भी हैं। हार्दिक पांड्या और अक्षर पटेल के बाद गिल को उपकप्तानी सौंपी गई। कई विश्लेषकों का कहना है कि अगर अनुक्रम के कारण प्लेइंग-11 तय होगी, तो भारत की आक्रामक टी20 फिलॉसफी पिछड़ जाएगी।
इस पूरी कहानी की जड़ है शुभमन गिल की वापस एंट्री। गिल एक शानदार बल्लेबाज हैं, पर टी20 अंतरराष्ट्रीय में उनका स्ट्राइक रेट और खेलने का टेंपो भारत के नए मॉडल से मेल नहीं खाता। फिर भी, उनकी वापसी ने सैमसन की ओपनिंग जगह छीनी ही, साथ ही टीम के टॉप ऑर्डर को धीमा बनाया और सबसे महत्वपूर्ण टीम अनुक्रम में बदलाव कर दिया, क्योंकि गिल टी20 उपकप्तान भी हैं। हार्दिक पांड्या और अक्षर पटेल के बाद गिल को उपकप्तानी सौंपी गई। कई विश्लेषकों का कहना है कि अगर अनुक्रम के कारण प्लेइंग-11 तय होगी, तो भारत की आक्रामक टी20 फिलॉसफी पिछड़ जाएगी।
शुभमन गिल और गौतम गंभीर
- फोटो : PTI
सवाल यह है कि भारत क्या चाहता है?
भारत ने अभिषेक-सैमसन के साथ जिस तरह के टोटल बनाए, 250 के आसपास जाने की काबिलियत बनाई, वह गिल के लौटने के बाद कमजोर होती गई है। कटक टी20 मैच में भी, भारत 175 तक तो पहुंचा, लेकिन ओपनिंग का टेंपो टूटने के कारण शुरुआती ओवर्स में धक्का लगा। एशिया कप 2025 में भी पाकिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ सुपर-फोर मुकाबलों को छोड़ दिया जाए तो गिल और अभिषेक की जोड़ी कुछ नहीं कर सकी थी। अभिषेक तो फॉर्म में थे, लेकिन गिल बार-बार जल्दी आउट होकर पवेलियन लौट रहे थे। सैमसन ने पिछले साल तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय शतकों के साथ खुद को साबित किया है, जो आज के टी20 युग में भी दुर्लभ है। ऐसे में उनका लगातार बाहर बैठना सवाल खड़े करता है।
भारत ने अभिषेक-सैमसन के साथ जिस तरह के टोटल बनाए, 250 के आसपास जाने की काबिलियत बनाई, वह गिल के लौटने के बाद कमजोर होती गई है। कटक टी20 मैच में भी, भारत 175 तक तो पहुंचा, लेकिन ओपनिंग का टेंपो टूटने के कारण शुरुआती ओवर्स में धक्का लगा। एशिया कप 2025 में भी पाकिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ सुपर-फोर मुकाबलों को छोड़ दिया जाए तो गिल और अभिषेक की जोड़ी कुछ नहीं कर सकी थी। अभिषेक तो फॉर्म में थे, लेकिन गिल बार-बार जल्दी आउट होकर पवेलियन लौट रहे थे। सैमसन ने पिछले साल तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय शतकों के साथ खुद को साबित किया है, जो आज के टी20 युग में भी दुर्लभ है। ऐसे में उनका लगातार बाहर बैठना सवाल खड़े करता है।
शुभमन गिल और संजू सैमसन
- फोटो : ANI
क्या भारत 2022 की गलती दोहरा रहा है?
2022 टी20 वर्ल्ड कप में धीमी शुरुआत और रूढ़िवादी टॉप ऑर्डर ने टीम को भारी नुकसान पहुंचाया था।बाद में रोहित शर्मा ने साफ कहा था कि भारत तेज, निडर और आधुनिक टी20 खेल अपनाएगा। गंभीर और सूर्यकुमार ने इसी फिलॉसफी को और विकसित किया। लेकिन गिल की अनिवार्य उपस्थिति के चलते भारत का मॉडल फिर पुराना सा लगने लगा है। अब सवाल सीधे-सीधे यही है कि क्या गिल इस फॉर्मेट के लिए सही भूमिका निभा रहे हैं? क्या वह T20 टीम में अनुक्रम के कारण खेल रहे हैं? और क्या सैमसन को बाहर करना रणनीतिक है या मजबूरी? क्या विश्व कप से एक साल पहले यह प्रयोग करना जरूरी था?
2022 टी20 वर्ल्ड कप में धीमी शुरुआत और रूढ़िवादी टॉप ऑर्डर ने टीम को भारी नुकसान पहुंचाया था।बाद में रोहित शर्मा ने साफ कहा था कि भारत तेज, निडर और आधुनिक टी20 खेल अपनाएगा। गंभीर और सूर्यकुमार ने इसी फिलॉसफी को और विकसित किया। लेकिन गिल की अनिवार्य उपस्थिति के चलते भारत का मॉडल फिर पुराना सा लगने लगा है। अब सवाल सीधे-सीधे यही है कि क्या गिल इस फॉर्मेट के लिए सही भूमिका निभा रहे हैं? क्या वह T20 टीम में अनुक्रम के कारण खेल रहे हैं? और क्या सैमसन को बाहर करना रणनीतिक है या मजबूरी? क्या विश्व कप से एक साल पहले यह प्रयोग करना जरूरी था?
शुभमन गिल और संजू सैमसन
- फोटो : ANI
यह वर्ल्ड कप किसका है, गिल का या सैमसन का?
गिल भारतीय क्रिकेट के भविष्य हैं, इसमें कोई संदेह नहीं। लेकिन फिलहाल, टी20 अंतरराष्ट्रीय में भारत की जरूरत पावरप्ले में विस्फोटक, निडर और टेंपो-ड्रिवन बल्लेबाजी की है। उसमें सैमसन की आक्रामकता भारत के आधुनिक मॉडल को ज्यादा सूट करती है। यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि भारतीय टीम अगले साल फरवरी-मार्च में होने वाले टी20 विश्व कप में डिफेंडिंग चैंपियन के रूप में उतरेगी। गिल और अभिषेक उस टीम के लिए ओपनिंग करेंगे, जिसका टेंपो कभी रोहित शर्मा की तूफानी पारी सेट करती थी। टी20 विश्व कप में एक भी चूक भारत को ट्रॉफी से वंचित कर देगी। इसलिए यह सवाल जायज है कि क्या गिल को इस वर्ल्ड कप के लिए जगह बनाने के बजाय इंतजार करना चाहिए था? और क्या यह विश्व कप सैमसन का होना चाहिए था? फिलहाल जवाब इतना ही है कि सैमसन स्क्वॉड में हैं, लेकिन प्लेइंग-11 में उनकी जगह की कोई गारंटी नहीं है।
गिल भारतीय क्रिकेट के भविष्य हैं, इसमें कोई संदेह नहीं। लेकिन फिलहाल, टी20 अंतरराष्ट्रीय में भारत की जरूरत पावरप्ले में विस्फोटक, निडर और टेंपो-ड्रिवन बल्लेबाजी की है। उसमें सैमसन की आक्रामकता भारत के आधुनिक मॉडल को ज्यादा सूट करती है। यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि भारतीय टीम अगले साल फरवरी-मार्च में होने वाले टी20 विश्व कप में डिफेंडिंग चैंपियन के रूप में उतरेगी। गिल और अभिषेक उस टीम के लिए ओपनिंग करेंगे, जिसका टेंपो कभी रोहित शर्मा की तूफानी पारी सेट करती थी। टी20 विश्व कप में एक भी चूक भारत को ट्रॉफी से वंचित कर देगी। इसलिए यह सवाल जायज है कि क्या गिल को इस वर्ल्ड कप के लिए जगह बनाने के बजाय इंतजार करना चाहिए था? और क्या यह विश्व कप सैमसन का होना चाहिए था? फिलहाल जवाब इतना ही है कि सैमसन स्क्वॉड में हैं, लेकिन प्लेइंग-11 में उनकी जगह की कोई गारंटी नहीं है।