रांची वनडे के बाद ड्रामा: कोहली ने दक्षिण अफ्रीका के कोच से नहीं मिलाया हाथ? 'ग्रोवेल' विवाद फिर सुर्खियों में
वीडियो के वायरल होने के बाद फैंस उस पर जमकर कमेंट कर रहे हैं। ग्रोवेल शब्द का इस्तेमाल दक्षिण अफ्रीका के कोच कोनराड ने गुवाहाटी टेस्ट के दौरान किया था। इस पर खूब विवाद हुआ था। गावस्कर से लेकर कुंबले और स्टेन ने इस पर प्रतिक्रिया दी थी। अब रांची वनडे के बाद यह विवाद फिर सुर्खियों में है।
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वीडियो में मैच खत्म होने के बाद जब भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ियों और स्टाफ से हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़ती है तो विराट के सामने कोनराड आते हैं। कोनराड हाथ मिलाने के लिए हाथ आगे बढ़ाते हैं, लेकिन विराट उन्हें इग्नोर कर उनके पीछे आ रहे दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी से हाथ मिलाते हैं। फैंस इस वीडियो पर जमकर कमेंट कर रहे हैं। उनका कहना है कि विराट ने भारतीय टीम का अपमान करने वाले कोनराड क अच्छा सबक चखाया और उनके ही अंदाज में जवाब दिया। दूसरे फैन ने लिखा, 'ग्रोवेल ट्रीटमेंट'। एक और फैन ने लिखा, 'कोहली के रहते उनके देश का मजाक नहीं उड़ाया जा सकता।'
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 349/8 का बड़ा स्कोर खड़ा किया। विराट कोहली ने 120 गेंदों में 135 रन की पारी खेली, जबकि रोहित शर्मा ने 51 गेंदों में 57 रन बनाए। दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत खराब रही और उन्होंने 11 रन पर तीन विकेट खो दिए। हालांकि, पुछल्ले बल्लेबाजों के दम पर दक्षिण अफ्रीका की टीम 49.2 ओवर में 332 रन बनाने में कामयाब रही, लेकिन 17 रन से मैच हार गई। मार्को यानसेन ने 39 गेंद पर 70 रन की तूफानी पारी खेली, जबकि कॉर्बिन बॉश ने 51 गेंद में 67 रन बनाए। भारत के लिए कुलदीप यादव ने चार और हर्षित राणा ने तीन विकेट लिए, जबकि अर्शदीप सिंह को दो विकेट मिले।
गुवाहाटी टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका ने भारत पर 548 रन की बढ़त बनाने के बाद अपनी पारी घोषित की। भारत इस असंभव से लक्ष्य के जवाब में 140 रन पर ऑलआउट हो गया। चौथे दिन के खेल के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोनराड ने कहा, 'हम चाहते थे कि भारत मैदान पर थक जाए। हम चाहते थे कि वे बिल्कुल ग्रोवेल करें। यह वाक्य मैं चुरा रहा हूं। हम मैच उनकी जद से बिल्कुल बाहर करना चाहते थे।' यानी उनकी टीम दूसरे टेस्ट के चौथे दिन भारतीय टीम को पूरी तरह घुटनों के बल बैठा दें। हालांकि, इस शब्द ने अनिल कुंबले जैसे दिग्गज और खुद दक्षिण अफ्रीका के महान तेज गेंदबाज डेल स्टेन को नाराज कर दिया था।
‘ग्रोवेल’ शब्द का मतलब होता है- 'घुटनों के बल सिर झुकाकर रेंगना या यूं कहें जमीन के बल लेटना।' लेकिन क्रिकेट इतिहास में यह नस्लवाद और गुलामी की दर्दनाक पीड़ा से जुड़ा शब्द है, विशेषकर अश्वेत खिलाड़ियों के संदर्भ में। दक्षिण अफ्रीकी मूल के श्वेत क्रिकेटर ग्रेग ने यह शब्द दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद और कैरेबियाई खिलाड़ियों के संदर्भ में इस्तेमाल किया था जहां दासता का दर्दनाक इतिहास रहा है।
दक्षिण अफ्रीका का अतीत ही नस्लीय भेदभाव और अपार्थाइड से जुड़ा रहा है। ऐसे में उसी देश के कोच द्वारा यह शब्द इस्तेमाल करना कई लोगों को असंवेदनशील और गैरजरूरी लगा। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना था कि चाहे नीयत अपमान की न रही हो, लेकिन इस शब्द का इतिहास इतना विवादित है कि इसे बोलना ही भड़काऊ माना जाएगा।