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Virat Kohli: उतार चढ़ाव से भरा रहा है कोहली का टेस्ट करियर, अपने पहले ही ऑस्ट्रेलिया दौरे पर प्रशंसक से भिड़े

स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: स्वप्निल शशांक Updated Tue, 13 May 2025 11:48 AM IST
सार

कोहली का टेस्ट करियर उतार चढ़ाव से भरा रहा है। टेस्ट में कभी उनका औसत 50 से ऊपर था, जो पिछले कुछ वर्षों में काफी गिरा और 50 के अंदर आ गया। कोहली ने हमेशा टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता माना और कभी मेहनत से पीछे नहीं हटे।

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Virat Kohli Test career has been full of ups and downs, First and Last Test Century in Australia, See stats
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विराट कोहली - फोटो : ANI
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विराट कोहली बनना आसान नहीं है। यह बात उनके टेस्ट करियर में आए उतार चढ़ाव से साबित होती है। कोहली ने 14 साल के अपने करियर में कई उतार चढ़ाव देखे। इसका जिक्र उन्होंने सोमवार को संन्यास को लेकर अपने पोस्ट में भी किया। उन्होंने कहा कि इस प्रारूप ने उन्हें जो खुशी और साथ-साथ जो सबक दी है, उसे वह जिंदगी भर याद रखेंगे। कोहली ने 2011 में वनडे विश्व चैंपियन बनने के बाद टेस्ट डेब्यू किया था। डेब्यू अच्छा नहीं रहा, लेकिन कप्तान और कोच के भरोसे से उन्हें आगे भी मौके मिले।
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विराट कोहली - फोटो : ANI
वह अपने देश के लिए अपने पहले ही ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एक ऑस्ट्रेलियाई प्रशंसक तक से भिड़ गए। उस प्रशंसक ने भारतीय टीम और खिलाड़ियों के साथ बदतमीजी की थी, जिसका कोहली ने मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसके बाद इंग्लैंड का एक खराब दौर भी आया जिसने कोहली को परेशान कर दिया था और सोचने पर मजबूर कर दिया था कि वह इस प्रारूप के लिए बने भी हैं या नहीं। हालांकि, इस दौरे से जो सीख उन्हें मिली, उसने आगे चलकर कोहली को एक विराट बल्लेबाज में तब्दील कर दिया। इसके बाद उन्होंने इस प्रारूप में खूब रन बनाए। वह 2014 में यानी डेब्यू के तीन साल बाद ही कप्तान भी बन गए। 2022 तक उन्होंने इस प्रारूप में कप्तानी की और भारत को कई ऐतिहासिक जीत दिलाए।

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कोहली की कप्तानी में भारत ने 68 में से 40 टेस्ट जीते, 17 हारे और 11 ड्रॉ खेले। इससे साबित होता है कि कोहली की टीम अतीत की भारतीय टीमों से कितनी अलग थी। हालांकि, संन्यास से पहले फिर एक समय ऐसा भी आया जब वह इस प्रारूप में शतक के लिए जूझते दिखे। कोहली का टेस्ट करियर उतार चढ़ाव से भरा रहा है। टेस्ट में कभी उनका औसत 50 से ऊपर था, जो पिछले कुछ वर्षों में काफी गिरा और 50 के अंदर आ गया। कोहली ने हमेशा टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता माना और कभी मेहनत से पीछे नहीं हटे। आइए उनके करियर के कुछ अहम पलों पर एक नजर डालते हैं...

2011 में वेस्टइंडीज में टेस्ट डेब्यू
2011 वनडे विश्व कप जीतने के बाद कोहली ने 20 जून को टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया। कैप नंबर 269 उन्हें मिली और वेस्टइंडीज दौरे पर तीन टेस्ट में उन्होंने 76 रन बनाए। इस दौरे के बाद वह चिंतित दिखे थे, लेकिन उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, 'मैं हार नहीं मानूंगा'।
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विराट कोहली - फोटो : ANI
सिडनी में प्रशंसक से भिड़ना
कोहली को 2011-12 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया था। य़ह उनका पहला ऑस्ट्रेलिया दौरा था। इस दौरे पर टीम के खराब प्रदर्शन के बीच वह एक ऑस्ट्रेलिया प्रशंसक द्वारा बदतमीजी किए जाने पर उससे भिड़ गए थे। उस समय ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 4-0 से हराया था। तब ग्रेग चैपल ने कहा था, 'भारतीय टेस्ट क्रिकेट में दिलचस्पी नहीं रखते'। उनके इस बयान के बाद दर्शकों के बर्ताव से गुस्साए कोहली ने एक प्रशंसक की छींटाकशी का उसी अंदाज में जवाब दिया था। तब उन्हें मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना भरना पड़ा था। 

ऑस्ट्रेलिया में पहला टेस्ट शतक
कोहली के टेस्ट करियर का पहला शतक ऑस्ट्रेलिया में ही आया था। तब भारतीय टीम के लिए कोहली छठे-सातवें नंबर पर बल्लेबाजी किया करते थे। क्योंकि तब भारतीय बल्लेबाजी लाइन अप में गंभीर, सहवाग, द्रविड़, सचिन और वीवीएस लक्ष्मण हुआ करते थे। ऐसे में कोहली को छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने का मौका मिला था। शुरुआती तीन टेस्ट में उन्होंने कोई बड़ी पारी नहीं खेली। शुरुआती तीन टेस्ट की छह पारियों में उन्होंने 11, 0, 23, 9, 44, 75 रन की पारियां खेलीं। भारत शुरुआती तीनों टेस्ट हार चुका था। इसके बाद चौथा और आखिरी टेस्ट एडिलेड में खेला गया। इस टेस्ट में भारत ने अपनी पहली पारी में 272 रन बनाए, जिसमें से 116 रन विराट कोहली के थे। यह उनका टेस्ट करियर में पहला शतक रहा। अपनी 213 गेंद की पारी में उन्होंने 11 चौके और एक छक्का लगाया। हालांकि, अगली पारी में वह 22 रन ही बना सके और टीम इंडिया यह टेस्ट भी हार गई। हालांकि, कोहली ने पहला टेस्ट शतक जमाकर उज्जवल भविष्य के संकेत दिए।
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विराट कोहली - फोटो : ANI
दक्षिण अफ्रीका में शानदार प्रदर्शन
इसके बाद कोहली को अगला विदेशी दौरा 2013 में करने को मिला। तब टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर गई थी। भारतीय टीम दो टेस्ट मैचों की सीरीज 1-0 से हार गई, लेकिन कोहली ने पहले टेस्ट ही अपना जलवा बिखेरा। उन्होंने जोहानिसबर्ग में पहले टेस्ट में ही 119 और 96 रन बनाए। इसके बाद किंग्समीड में 46 और 11 रन की पारी खेली। 

इंग्लैंड में खराब प्रदर्शन
कोहली को 2014 में इंग्लैंड के दौरे पर काफी कठिनाइयों को सामना करना पड़ा था। तब पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में वह सिर्फ 134 रन बना पाए थे। इस दौरे पर कोहली बुरी तरह नाकाम रहे थे और उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। वह जेम्स एंडरसन की स्विंग और सीम का सामना नहीं कर पाए। वनडे प्रारूप में खुद को साबित कर चुके कोहली के लिए करारा झटका था।
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