चुनाव 2019: कहीं परेशानी न बन जाए ईवीएम और वीवीपैट, सीलिंग के दौरान ही खराब निकली कई मशीने
लोकसभा चुनाव में शत प्रतिशत मतदान स्थलों पर वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) का इस्तेमाल कराना किसी चुनौती से कम नहीं है। हाल में सीलिंग प्रक्रिया के दौरान देहरादून जिले को आवंटित वीवीपैट में खराबी सामने आ चुकी है।
जिसके बाद आयोग ने सहारनपुर और ऊधमसिंह नगर से 150 वीवीपैट जिले को उपलब्ध कराई है। मतदान के दौरान यदि वीवीपैट बीच में गच्चा दे गई, तो मुश्किलें आ सकती है। हालांकि निर्वाचन आयोग का दावा है कि सभी ईवीएम व वीवीपैट की प्राथमिक स्तर जांच की गई और सीलिंग करने से पहले मॉक पोल से मशीनों की जांच की जा रही है।
प्रदेश में 11 अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए कुल 11238 मतदान स्थल बनाए गए हैं। निर्वाचन आयोग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार प्रत्येक मतदान केंद्र पर वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा। पहली बार शत प्रतिशत मतदान केंद्रों में वीवीपैट को इस्तेमाल कराना आयोग के सामने सबसे बड़ी चुनौती है।
वीवीपैट तकनीकी रूप से बहुत ही संवेदनशील है। इसे मतदान स्थल तक पहुंचाने में सावधानी नहीं बरती गई तो मशीन खराब होने की ज्यादा संभावना है। देहरादून जिले के अंतर्गत टिहरी व हरिद्वार लोकसभा सीट में प्रयोग होने वाले ईवीएम व वीवीपैट की सीलिंग महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज रायपुर में हो रही है।
क्या है वीवीपैट
बैलेट यूनिट पर मतदाता ने जिस प्रत्याशी के पक्ष में मत दिया है। यदि मतदाता यह देखना चाहता है कि उसने जिस प्रत्याशी को वोट दिया है, वह सही है या नहीं। तो इसे वीवीपैट मशीन पर देखा जाएगा। इसके लिए सात सेकेंड का समय होगा। मतदाता के वोट डालने की पर्ची वीवीपैट से आएगी। जो ऑडिट बाक्स में जमा हो जाएगी।
ईवीएम व वीवीपैट की आरओ स्तर पर गहन जांच कराने के बाद ही सीलिंग की जा रही है। साथ ही चुनाव ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों को अलग-अलग चरणों में प्रशिक्षण दिया है। यदि किसी मतदान स्थल पर तकनीकी खराबी आने की सूचना मिलती हैं, तो तुरंत रिजर्व मशीन को मौके पर भेजा जाएगा।
- वी.षणमुगम, अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी
लोकसभा सीट मतदान स्थल
टिहरी 2374
पौड़ी 2253
अल्मोड़ा 2154
नैनीताल 2204
हरिद्वार 2253