सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttarakhand ›   Dehradun News ›   Uttarakhand News Ulema said there is no Problem in teaching Sanskrit in madrasas but it should not be imposed

Uttarakhand: उलेमा बोले, ज्ञान होना जरूरी...मदरसों में संस्कृत पढ़ाने में कोई बुराई नहीं, पर इसे थोपा न जाए

संवाद न्यूज एजेंसी, पिरान कलियर (रुड़की) Published by: अलका त्यागी Updated Tue, 07 Jan 2025 09:08 PM IST
सार

जमीयत उलेमा-ए- हिंद के उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना आरिफ का कहना है कि संस्कृत के विषय को अगर कोई मदरसा पढ़ाना चाहता हैं और जो बच्चा पढ़ना चाहता है वह पढ़े। लेकिन मदरसा बोर्ड की ओर से इसे थोपना जरूरी नहीं है।

विज्ञापन
Uttarakhand News Ulema said there is no Problem in teaching Sanskrit in madrasas but it should not be imposed
मदरसा के बच्चे। - फोटो : अमर उजाला।
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड में पंजीकृत मदरसों में जल्द ही विषय के रूप में संस्कृत भी पढ़ाई जाएगी। संस्कृत बोर्ड से अनुबंध होते ही मदरसों में संस्कृत पाठ्यक्रम लागू होगा। हालांकि उलेमा का कहना है कि संस्कृत पढ़ाने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन मदरसों पर थोपा न जाए। जो मदरसे पढ़ाना चाहते हैं और जो बच्चे पढ़ना चाहते वह ही संस्कृत पढ़ें।

Trending Videos


उत्तराखंड के मदरसों में संस्कृत की पढ़ाई करने के मामले जमीयत उलेमा-ए- हिंद के उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना आरिफ का कहना है कि संस्कृत के विषय को अगर कोई मदरसा पढ़ाना चाहता हैं और जो बच्चा पढ़ना चाहता है वह पढ़े। लेकिन मदरसा बोर्ड की ओर से इसे थोपना जरूरी नहीं है। वहीं, मुफ्ती रियासत अली का कहना है कि थोपना जरूरी नहीं है। पढ़ाई अच्छी चीज है ज्ञान होना जरूरी है। संस्कृत पढेंगे तो उन्हें भी पता चलेगा कि दीन धर्म क्या है। जो मदरसे पढ़ाना चाहते हैं वह संस्कृत पढ़ाएं।

विज्ञापन
विज्ञापन

Roorkee Accident: रोडवेज बस ने दो बाइक और स्कूटी सवारों को कुचला, हादसे में दो की मौत, हाईवे पर लगा जाम

उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती समून कासमी ने कहा कि मदरसों पर संस्कृत पाठ्यक्रम थोपा नहीं जा रहा है। इसे मदरसों में वैकल्पिक विषय के तौर पर रखा जाएगा। कहा कि अरबी और संस्कृत दोनों ही प्राचीन भाषाएं हैं। मदरसे के छात्रों को अरबी के साथ संस्कृत भी पढ़नी चाहिए। नए सत्र में संस्कृत भाषा भी पढ़ाई जाएगी। इस संबंध में जल्द ही बोर्ड और संस्कृत शिक्षा विभाग के मध्य एमओयू से अनुबंध होते ही मदरसों में संस्कृत पढ़ाई जाएगी। कहा कि उत्तराखंड राज्य में 416 मदरसे हैं।

उन्होंने कहा कि मदरसों में 2023 एनसीआरटी पाठ्यक्रम लागू हुआ था। इससे इस साल बहुत अच्छे नतीजे सामने आए हैं। इससे पता चलता है कि मदरसों के छात्रों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मदरसों के बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ना चाहते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए यह योजना बनी है। उन्होंने बताया कि मदरसों को धर्म की शिक्षा के साथ तकनीकी शिक्षा से जोड़ा जा रहा हैं। उत्तराखंड के नए सत्र से मदरसों में संस्कृत भाषा पढ़ाई जाएगी।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed