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भारत-चीन सीमा: उत्तरकाशी जिला अस्पताल पहुंचाए गए तीनों पोर्टरों के शव
संवाद न्यूज एजेंसी, उत्तरकाशी
Published by: अलका त्यागी
Updated Thu, 21 Oct 2021 07:21 PM IST
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सार
15 अक्तूबर को आईटीबीपी की टीम चार पोर्टरों के साथ नियमित गश्त के लिए भारत-चीन सीमा पर स्थित नीला पानी चौकी से सीमा के लिए रवाना हुई थी।

शव
- फोटो : प्रतीकात्मक तस्वीर
विस्तार
भारत-चीन सीमा क्षेत्र में मृत मिले तीनों पोर्टरों के शवों को जिला अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए लाया गया है। आईटीबीपी की नेलांग पोस्ट से मातली तक शवों को हेलीकॉप्टर से लाया गया। वहां से सड़क मार्ग से होते हुए जिला अस्पताल पहुंचाया गया। वहीं आईटीबीपी ने मृतकों के परिजनों की हर संभव मदद करने की बात कही है।
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15 अक्तूबर को आईटीबीपी की टीम चार पोर्टरों के साथ नियमित गश्त के लिए भारत-चीन सीमा पर स्थित नीला पानी चौकी से सीमा के लिए रवाना हुई थी। वापसी के दौरान बर्फबारी के चलते पोर्टर राजेंद्र सिंह पुत्र बृजमोहन निवासी स्यूणा, सिरोर तहसील भटवाड़ी, संजय सिंह पुत्र दिलबर सिंह निवासी चिवां, नाल्ड तहसील भटवाड़ी व दिनेश चौहान पुत्र भारत सिंह चौहान निवासी भटवाड़ी गश्ती टीम से बिछुड़ गए थे।
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चौथा पोर्टर टीम के साथ नीलापानी चौकी लौटा। बुधवार शाम को तीनों पोर्टरों के शव आईटीबीपी के रेस्क्यू दल ने नीला पानी चौकी से मात्र डेढ़ किमी की दूरी पर बरामद किए थे। उन्हें नेलांग चौकी लाया गया था। बृहस्पतिवार को तीनों पोर्टरों के शवों को मातली लाया गया। वहां से जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया। आईटीबीपी के द्वितीय कमान अधिकारी नेहाल सिंह भंडारी ने कहा कि मृत पोर्टरों के परिजनों की हर संभव मदद करने का प्रयास किया जाएगा। वहीं जिला प्रशासन ने भी आपदा मद से आर्थिक मदद करने की आश्वासन दिया है।
पोर्टर आईटीबीपी को कांट्रेक्टर की ओर से उपलब्ध कराए गए थे। फिर भी नैतिकता के आधार पर आईटीबीपी पोर्टरों के परिजनों की हर संभव मदद करेगी। मृतको के पाल्यों के रोजगार के लिए हेडक्वार्टर से पत्राचार किया जाएगा।
- नेहाल सिंह भंडारी, द्वितीय कमान अधिकारी, आईटीबीपी
पोर्टरों के परिजनों को आपदा मद से आर्थिक सहयोग का प्रयास किया जाएगा। आईटीबीपी की ओर से क्या सहयोग हो सकता है, इस संबंध में बात की जा रही है।
- मयूर दीक्षित, डीएम उत्तरकाशी।
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