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2020 दिल्ली दंगा मामला: मुश्किल में मंत्री कपिल मिश्रा, कोर्ट ने दिया एफआईआर दर्ज करने का आदेश

पीटीआई, नई दिल्ली Published by: विकास कुमार Updated Tue, 01 Apr 2025 09:19 PM IST
सार

न्यायाधीश यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी।

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2020 Delhi riots Court orders lodging of FIR against Delhi minister Kapil Mishra others
कपिल मिश्रा - फोटो : ANI
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विस्तार
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दिल्ली दंगे में कपिल मिश्रा पर एफआईआर दर्ज करने के मामले में न्यायाधीश ने कहा कि यह स्पष्ट है कि मिश्रा कथित अपराध के समय इलाके में थे। अदालत ने दिल्ली पुलिस को मामले में अगली सुनवाई की तारीख 16 अप्रैल तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। 

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दंगों के दौरान इलाके में थे कपिल मिश्रा
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मिश्रा और उनके साथियों के खिलाफ जांच सिर्फ पहली घटना 23 फरवरी, 2020 के संबंध में शुरू की जाए। अदालत ने पुलिस को शिकायतकर्ता और दिल्ली पुलिस के तत्कालीन डीसीपी वेद प्रकाश सूर्या से पूछताछ करने का निर्देश दिया, जो कथित घटना के दौरान घटनास्थल पर घूम रहे थे। उन्होंने कहा था कि अगर आप लोग विरोध प्रदर्शन बंद नहीं करेंगे तो इसका परिणाम यह होगा कि आप सभी मारे जाएंगे। आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया सूर्या से मिश्रा की उपस्थिति और उनके बीच क्या हुआ था, इस बारे में पूछताछ की जानी थी।

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सूर्या घटना के बारे में बताने के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति
अदालत ने कहा कि सूर्या यह बताने के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं कि उस दिन उनके और मिश्रा के बीच क्या हुआ था। उसके बाद डीसीपी वेद प्रकाश सूर्या की ओर से अल्टीमेटम और चेतावनी दी गई थी, जैसा कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है। इसके लिए गंभीर जांच की आवश्यकता है। 

अदालत ने कहा कि यह केवल अभियोजन पक्ष की ओर से दी गई सामग्री पर निर्भर है। आदेश में कहा गया कि सूर्या से व्यक्तिगत पूछताछ जरूरी है। न्यायाधीश ने दंगों के संबंध में अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत सिद्धांत पर विचार किया, जिसमें मिश्रा को बड़ी साजिश का हिस्सा नहीं होने के कारण दोषमुक्त कर दिया गया था। न्यायाधीश ने कहा कि यदि अभियोजन पक्ष की दलीलों पर विस्तार से गौर किया जाए तो यह पता लगाने में असफल रहेगा कि दंगों का तत्काल कारण क्या था।

अभियोजन पक्ष के दावे को खारिज किया
न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की ओर से दर्ज एक अन्य प्राथमिकी की जांच मिश्रा के संबंध में की गई थी। न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन पक्ष के इस तर्क पर कि जांच पहले ही हो चुकी है। कथित तौर पर पुलिस की तरफ की गई पूछताछ अदालत को अन्यथा निर्णय लेने के लिए बाध्य करती है।

कौन हैं कपिल मिश्रा? 
कपिल मिश्रा का जन्म पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में 13 नवंबर 1980 को हुआ था। उनकी मां अन्नपूर्णा मिश्रा भाजपा नेता रही हैं। वे पूर्वी दिल्ली नगर निगम की मेयर भी रहीं। भाजपा में कपिल मिश्रा को हिंदुत्व के बड़े चेहरे के रूप में देखा जाता है। कपिल मिश्रा ने भाजपा के टिकट से करावल नगर विधानसभा से आम आदमी पार्टी के मनोज कुमार त्यागी को 23,355 वोटों से हराया।

आम आदमी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे हैं कपिल मिश्रा
अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहने वाले कपिल मिश्रा को 2015 में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली सरकार में जल और पर्यटन मंत्री बनाया गया था। लेकिन केजरीवाल और सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद उन्हें मंत्रालय हटा दिया गया था। 

आप से बगावत के बाद भाजपा में पहुंचे
कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल पर 2 करोड़ रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। जिसकी शिकायत उन्होंने एसीबी में भी शिकायत की थी। लेकिन मिश्रा इसे साबित करने में असफल रहे। जिसके बाद कपिल मिश्रा को आम आदमी पार्टी ने पहले मंत्री पद से हटाया और उसके बाद पार्टी से भी बाहर कर दिया। 2019 में कपिल मिश्रा ने आम आदमी पार्टी को छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था।

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