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जालसाजों का जाल: दिल्ली में सेहत से वाहन तक खिलवाड़... हर तरफ फर्जीवाड़ा, रैकेट का खुलासा; सरगना गिरफ्तार
अमर उजाला नेटवर्क, दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Fri, 19 Dec 2025 02:22 AM IST
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- फोटो : amar ujala
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दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने नामी ब्रांडों के एक्सपायर्ड हो चुके या होने वाले खाद्य व उत्पादों की बिक्री में शामिल एक रैकेट का खुलासा किया है। इसमें कारोबारी सरगना त्रिनगर निवासी अतुल जालान (55) को गिरफ्तार किया है। आरोपी मशहूर ब्रांड की एक्सपायर्ड और मिसब्रांडेड खाने-पीने के सामान को बहुत कम कीमतों पर बेच रहा था। छापा के दौरान पुलिस ने चॉकलेट सहित बड़ी मात्रा में खाद्य पदार्थ बरामद किए हैं। इनकी कीमत कई लाख रुपये है।
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अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त ने बताया कि गिरफ्तार कारोबारी अतुल जालान मुंबई से बिचौलियों के जरिये नामी ब्रांडों के लगभग एक्सपायरी या एक्सपायर्ड उत्पाद बेहद कम कीमत पर खरीदता था। इसके बाद आरोपी एक्सपायरी डेट, निर्माण विवरण, एमआरपी और बैच नंबर से छेड़छाड़ कर इन उत्पादों को ऑनलाइन और दुकानों के माध्यम से रियायती दरों पर बेचता था और आकर्षक ऑफर देकर ग्राहकों को लुभाता था। यह कार्रवाई भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की केंद्रीय लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर की गई, जिसके बाद अपराध शाखा थाने में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
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जांच के दौरान आरोपी से जुड़े दिल्ली के त्रिनगर, भीकाजी कामा प्लेस और मोती नगर क्षेत्रों में स्थित कई परिसरों की तलाशी ली गई और उन्हें सील किया गया। पुलिस ने बताया कि सत्यापन के दौरान द हर्शे कंपनी ने पुष्टि की कि जब्त किए गए उत्पाद असली थे, लेकिन उनके लेबल से छेड़छाड़ कर एक्सपायर्ड वस्तुओं को उपभोग योग्य दिखाया था। जांचकर्ताओं को यह भी पता चला कि चॉकलेट उत्पादों की खरीद के लिए आरोपी द्वारा पेश किया गया एक चालान फर्जी था, क्योंकि संबंधित कंपनी ने ऐसा कोई बिल जारी करने से इनकार किया। आगे की जांच में सामने आया कि एक्सपायर्ड उत्पाद बिचौलियों और कचरा प्रबंधन से जुड़ी इकाइयों के माध्यम से अधिकृत आपूर्ति श्रृंखलाओं से हटाकर बाजार में उतारे जा रहे थे।
पत्नी के नाम पर खोली गई कंपनी से करता था खरीदारी
आरोपी कारोबारी की पत्नी की एक कंपनी है जो खाने-पीने के सामान की ऑनलाइन ट्रेडिंग करती है। पहले वह शेयर मार्केट में काम करता था लेकिन उसे बिजनेस में भारी नुकसान हुआ। उसने रोजाना इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट्स बेचने वाले डिपार्टमेंटल स्टोर का बिजनेस शुरू किया, लेकिन यह नुकसान की भरपाई के लिए काफी नहीं था। उसने मुनाफा कमाने के लिए एक देसी तरीका निकाला। उसे पता था कि आम आदमी हमेशा अपनी जरूरतों के लिए पैसे बचाने में दिलचस्पी रखता है। उसने कम कीमत वाले प्रोडक्ट्स खरीदने और उन्हें फेस्टिव ऑफर के बहाने ऑनलाइन या किसी और तरीके से कम कीमत पर बेचने की संभावना तलाशी। उसे पता चला कि जब एक्सपायरी डेट पास होती है तो बड़े ब्रांड प्रोडक्ट्स कम कीमतों पर बेचते हैं। उसने ऐसे डील करवाने वाले बिचौलियों से संपर्क किया। उसने मुंबई में कुछ लोगों की पहचान की और बहुत कम कीमतों पर सामान खरीदना शुरू कर दिया, जो जल्द ही एक्सपायर होने वाले थे और बेकार हो जाते। इस तरह खरीदे गए सामानों पर अब एक्सपायरी डेट से मेल खाने के लिए दोबारा लेबल लगाया जाता था और आम जनता को कम कीमतों पर बेचा जाता था।
दुबई से संचालित हो रहे अंतरराज्यीय ठगी गिरोह का खुलासा, नौ जालसाज गिरफ्तार
पश्चिम जिला साइबर सेल ने कंपनी में निवेश पर मुनाफा देने का झांसा देकर ठगी करने वाले नौ जालसाजों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इन आरोपियों को केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से गिरफ्तार किया। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी से 16 करोड़ रुपये की ठगी को सुलझाने का दावा किया है। पुलिस ने इनके कब्जे से 11 फोन, कई सिम कार्ड, एटीएम कार्ड, चेक बुक और पासबुक और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है। इनके बैंक खातों का संचालन दुबई से हो रहा था। जिला पुलिस उपायुक्त दरादे शरद भास्कर ने बताया कि 12 सितंबर को नेशनल क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के जरिये जिला के साइबर सेल को निवेश धोखाधड़ी की एक शिकायत मिली। इसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये आकर्षक और सुनिश्चित रिटर्न दिखाकर लुभाया था। धोखाधड़ी वालों के झांसे पर भरोसा करके शिकायतकर्ता ने बड़ी रकम का निवेश किया और बाद में उसके साथ धोखाधड़ी हुई। पुलिस ने केस कर जांच शुरू की। जांच में पुलिस ने तकनीकी विश्लेषण और मनी ट्रेल की जांच की।
पुलिस ने शिकायतकर्ता ने लेनदेन के स्क्रीनशॉट लिए, जिससे पता चला कि धोखाधड़ी की गई रकम कई लाभार्थी खातों के जरिये भेजी गई है। साथ ही पता चला कि महत्वपूर्ण लेन-देन एचडीएफसी और बैंक ऑफ बड़ौदा के खातों के जरिये हुआ, जो कर्नाटक के मंगलौर निवासी शौकत अली के नाम पर थे। खाता एसजीएल ट्रेडर्स के नाम पर था और उसमें 10.87 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन हुआ था। खाते में लिंक किया गया मोबाइल नंबर भी उसी के नाम पर था। साक्ष्य मिलने के बाद निरीक्षक विकास कुमार बुडलक के नेतृत्व में टीम ने तकनीकी जांच के जरिए शौकत अली को केरल से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ और तकनीकी जांच से पता चला कि आरोपी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल में काम करने वाले एक अंतरराज्यीय संगठित साइबर धोखाधड़ी सिंडिकेट का हिस्सा था, जिसके लिंक दुबई से जुड़े थे। इसके बाद पुलिस ने तीन टीमें बनाकर अलग अलग राज्यों में छापा मारकर आठ अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पहचान एर्नाकुलम, केरल निवासी बाबू पायनाडथ, एंथोनी बाबू, प्रतापगढ़ यूपी निवासी देवेंद्र पांडे, दुरव राज मिश्रा, नई दिल्ली निवासी फारूक, विजयनगर कर्नाटक निवासी केवी शिव योगी, संभल यूपी निवासी मोहम्मद अदनान रजा उर्फ बिल्ला और तिरुपति आंध्र प्रदेश निवासी अम्मा गुंटा कविता के रूप में हुई।
नांगलोई में नकली इंजन ऑयल इकाई का खुलासा, 1 करोड़ का माल मिला
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बाहरी दिल्ली के नांगलोई इलाके में नकली इंजन ऑयल और लुब्रिकेंट का निर्माण व बेचने वाली एक अवैध इकाई का पर्दाफाश करते हुए एक आरोपी संदीप को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने फैक्टरी से एक करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के नकली उत्पाद और मशीनरी जब्त की है। इसमें 3,950 लीटर कच्चा और नकली लुब्रिकेंट तेल, लगभग 12,000 खाली कैस्ट्रोल बोतलें/बाल्टियां भी हैं। इस फैक्टरी के पर्दाफाश से अंतर-राज्यीय सप्लाई नेटवर्क का खुलासा हुआ है।
अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त आदित्य गौतम ने बताया कि शिकायत मिली थी कि कुछ लोग अवैध रूप से कैस्ट्रोल लुब्रिकेंट तेल, लेबल, पैकेजिंग बना रहे हैं। एसीपी रमेश लांबा, इंस्पेक्टर शिवराज सिंह बिष्ट, एसआई रविंदर कुमार व एसआई संजय कुमार की टीम ने कमरुद्दीन नगर, नांगलोई, दिल्ली में छापा मारा। पुलिस ने नांगलोई, दिल्ली निवासी संदीप (36) को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने परिसर से करीब 3,950 लीटर कच्चा और नकली लुब्रिकेंट ऑयल, लगभग 12,000 खाली बोतलें और बाल्टियां, फर्जी लेबल, पैकिंग सामग्री, रंग मिलाने वाले रसायन और सीलिंग मशीनें बरामद कींं। पुलिस के अनुसार, नकली तेल को ज्यादातर नकद लेनदेन के माध्यम से दिल्ली के बाहर के खरीदारों को बेचा जाता था। जांच में पता चला कि संदीप पहले भी नांगलोई और मुंडका थानों में दर्ज दो इसी तरह के मामलों में शामिल रहा है। आरोपी संदीप हरियाणा के जींद जिला का है। उसने 8वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। पुलिस ने बताया कि मामले की आगे की जांच जारी है।
नकली दवाओं और जाली कॉस्मेटिक्स सामान बेचने चाले रैकेट का खुलासा, मास्टरमाइंड गिरफ्तार
देश की राजधानी दिल्ली में नकली दवाओं और जाली कॉस्मेटिक उत्पादों के अवैध कारोबार का एक और गंभीर मामला सामने आया है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की साइबर सेल ने मास्टरमाइंड प्रमोद कुमार गुप्ता (67 वर्ष) को गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के बिजवासन इलाके में चल रही एक अवैध मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का भी खुलासा हुआ है, जहां से भारी मात्रा में नकली दवाएं, कॉस्मेटिक उत्पाद, कच्चा माल और मशीनरी बरामद की गई है। इससे पहले दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। साइबर सेल के पुलिस उपायुक्त आदित्य गौतम ने बताया कि रिमांड के दौरान आरोपी श्रीराम ने प्रमोद कुमार गुप्ता की संलिप्तता का खुलासा किया। इसके बाद आरोपी प्रमोद कुमार गुप्ता को हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया।
अवैध मैन्युफैक्चरिंग यूनिट पर छापा
आरोपी की निशानदेही पर दिल्ली के बिजवासन गांव में स्थित उसकी अवैध मैन्युफैक्चरिंग यूनिट पर छापा मारा गया, जो आरोपी द्वारा किराए पर लिए गए एक फार्महाउस से चलाई जा रही थी। ड्रग इंस्पेक्टर ने निरीक्षण के बाद सैंपल लिए गए। मौके से भारी मात्रा में कच्चा माल, तैयार उत्पाद, पैकेजिंग सामग्री और मैन्युफैक्चरिंग मशीनरी बरामद की गई।
कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया, नकली है माल
छापे के दौरान, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के एक प्रतिनिधि को भी मौके पर बुलाया गया। जब्त कॉस्मेटिक उत्पादों की जांच करने के बाद प्रतिनिधि ने स्पष्ट रूप से पुष्टि की कि बरामद फेयर एंड लवली और वीट कॉस्मेटिक क्रीम पूरी तरह से नकली और जाली थे। वह हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड द्वारा निर्मित नहीं थीं। आरोपी ने अपने साथियों की गिरफ्तारी के बाद नकली बेटनोवेट-सी ऑइंटमेंट की लगभग 27000 ट्यूब वाले लगभग २५ कार्टन जला दिए थे। इसके बाद, उसने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को ताला लगाया और दूसरे राज्य में भाग गया।
निवेश और नौकरी के ठगों को म्यूल बैंक खाता उपलब्ध कराने वाले गिरोह का खुलासा
दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन निवेश ठगी, पार्ट-टाइम नौकरी, ‘डिजिटल अरेस्ट’ और अन्य साइबर फ्रॉड मामलों में इस्तेमाल होने वाले म्यूल बैंक खातों की आपूर्ति करने वाले दो अंतरराज्यीय साइबर ठगी रैकेट का खुलासा किया है। पुलिस ने ‘साइहॉक ऑपरेशन’ के तहत दिल्ली, गुरुग्राम, जयपुर और गाजियाबाद में एक साथ छापेमारी कर नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की गिरफ्तारी से कई बड़े साइबर ठगी मामलों को सुलझाने में मदद मिलने की उम्मीद है।
उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजा बंथिया ने बताया कि ये रैकेट अत्यंत संगठित तरीके से काम कर रहे थे। आरोपी पीड़ितों से ठगी गई रकम को ठिकाने लगाने के लिए परतदार बैंकिंग चैनलों, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल कर रहे थे। कार्रवाई के दौरान आठ मोबाइल, आठ सिम कार्ड और डिजिटल साक्ष्य बरामद हुए। पहले मामले में पुलिस ने एक 21 वर्षीय दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की। छात्र ने शिकायत में आरोप लगाया था कि उसे फर्जी पार्ट-टाइम नौकरी का झांसा देकर 93,000 रुपये की ठगी हुई। पुलिस ने बताया कि पीडि़त को पहले विश्वास जीतने के लिए छोटी रकम दी गई और बाद में उससे कई बैंक खातों में बड़ी राशि ट्रांसफर करवाई गई।
जांच के दौरान कॉल डिटेल रिकॉर्ड के आधार पर राजस्थान से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपी बैंक खाते खोलते थे और कमीशन के बदले अन्य ठगों को नेट बैंकिंग क्रेडेंशियल, सिम कार्ड और कॉरपोरेट आईडी उपलब्ध कराते थे। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि आरोपी हैंडलर, समन्वयक और खाता उपलब्ध कराने वालों की भूमिका निभा रहे थे। पहचान राजस्थान के हिमांशु शर्मा (24), चात्रा अभिजीत लांबा (22) और साहिल जोशी (23); दिल्ली के मन्नू (23), अजय (25), परवीन और पीयूष; तथा गाजियाबाद के अनिकेत (22) और गणेश राठी (25) के रूप में हुई है।
अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाले अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का खुलासा, सात गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने अमेरिकी नागरिकों से ठगी करने वाले एक अवैध अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का खुलासा किया है। पुलिस ने इसके सात प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया है। छापेमारी के दौरान पुलिस ने सात हाई-एंड लैपटॉप, 16 फोन, वॉयस ओवर आईपी (वीओआईपी) और नेटवर्किंग उपकरण, तथा माइक्रो एसआईपी सॉफ्टवेयर से लैस डिवाइस बरामद किए, जिनका इस्तेमाल टोल-फ्री नंबरों पर आने वाली कॉल प्राप्त करने के लिए किया जाता था।
अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त आदित्य गौतम ने बताया कि यह गिरोह पिछले चार महीनों से दिल्ली के मॉडल टाउन स्थित गुजरांवाला टाउन में एक फ्लैट से संचालित हो रहा था। मुख्य रूप से एप्पल डिवाइस के लिए तकनीकी सहायता तलाश रहे अमेरिकी नागरिकों को निशाना बना रहा था।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा अमेरिकी नागरिकों के संपर्क विवरण और संवेदनशील बैंकिंग जानकारी से जुड़े कई दस्तावेज, बिटकॉइन वॉलेट के क्यूआर कोड और प्राइवेट की भी जब्त की गई है। आरोपियों की पहचान अमन सिंह (24) और जनप्रीत सिंह (23) के रूप में हुई है, जो कथित तौर पर बिटकॉइन वॉलेट संभालने वाले सुपरवाइजर थे, जबकि पांच टेली-कॉलर मयंक (24), मयंक कुमार (27), दीपांशु (24), करण कपूर (26) और अमन प्रसाद (26) हैं। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि इस मामले में अन्य सहयोगियों, वित्तीय लेन-देन और संभावित अंतरराष्ट्रीय कडय़िों का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है। जांचकर्ताओं के अनुसार, टेली-कॉलर खुद को एप्पल सपोर्ट के अधिकारी बताकर पीड़ितों को उनके डिवाइस पर रिमोट एक्सेस एप्लिकेशन इंस्टॉल करने के लिए राजी करते थे। एक बार एक्सेस मिलने के बाद आरोपी पीड़ितों के व्यक्तिगत और बैंकिंग डेटा से छेड़छाड़ करते थे।
एयर इंडिया और एयर विस्तारा में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी, जालसाज गिरफ्तार
शाहदरा जिला साइबर सेल ने एयर इंडिया और विस्तारा एयरलाइंस में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग सरगना को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान रोहित के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल सबूत जब्त किए। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा आरोपी को ठगी के दो मामलों में पहले भी गिरफ्तार कर चुकी है।
जिला पुलिस उपायुक्त प्रशांत गौतम ने बताया कि रितु सिंह नाम की शिकायतकर्ता ने शाहदरा साइबर सेल में ठगी की शिकायत की थी, जिसमें उसने आरोप लगा कि उन्हें एयरवेज विस्तारा में नौकरी दिलाने के बहाने अज्ञात लोगों ने धोखा दिया है। उनसे नौकरी दिलाने के नाम पर जॉब प्रोसेसिंग फीस, यूनिफॉर्म और अन्य औपचारिकताओं के नाम पर पैसे ले लिए। नौकरी नहीं लगने पर ठगे जाने का अहसास हुआ। निरीक्षक विजय कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की। पुलिस टीम ने आरोपी के मोबाइल नंबर का सीडीआर, तकनीकी निगरानी डेटा और आरोपी के डिजिटल फुटप्रिंट्स का विश्लेषण किया। इसके जरिये पुलिस ने आरोपी की पहचान आदित्य वर्ल्ड सिटी, गाजियाबाद यूपी निवासी रोहित मिश्रा के रूप में की। उसके बाद पुलिस टीम ने छापा मारकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पहले से दर्ज मामले से आशंका है कि वह संगठित साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। पुलिस उससे पूछताछ कर ठगी में शामिल अन्य आरोपियों, पैसे की लेन-देन और धोखाधड़ी की गई रकम वसूली की जांच कर रही है।