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Ram Sutar: 1990 में नोएडा में आ बसे थे विख्यात कलाकार राम सुतार, दलित प्रेरणा स्थल की प्रतिमाओं को दिए थे आकार
ऋषभ कौशल, नोएडा
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Fri, 19 Dec 2025 06:32 AM IST
सार
नोएडा के सेक्टर-95 स्थित दलित प्रेरणा स्थल में स्थापित सभी प्रमुख मूर्तियों का निर्माण भी राम सुतार ने किया था।
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मूर्तिकार राम सुतार का निधन
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
देश-दुनिया में अपनी मूर्तिकला से पहचान बनाने वाले पद्म भूषण सम्मानित मूर्तिकार राम सुतार वर्ष 1990 में नोएडा आकर बसे थे। उसी समय से उनके बेटे अनिल राम सुतार भी कदम से कदम मिलाकर मूर्तिकला के क्षेत्र में सक्रिय हो गए। अनिल, राम सुतार के इकलौते पुत्र हैं और सेक्टर-63 में अपनी कंपनी का संचालन करते हैं। पिता के निधन के बाद भी उनकी कला विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प जताया है।
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नोएडा के सेक्टर-95 स्थित दलित प्रेरणा स्थल में स्थापित सभी प्रमुख मूर्तियों का निर्माण भी राम सुतार ने किया था। अनिल बताते हैं कि पिता ने गुरु रामकृष्ण जोशी से प्रेरणा लेकर मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट में शिक्षा प्राप्त की थी। 1954 से 1958 तक वह औरंगाबाद के पुरातत्व विभाग में मॉडलर रहे और अजंता-एलोरा की गुफाओं में प्राचीन मूर्तियों के पुनर्स्थापन का कार्य किया। इसके बाद 1958-59 में वे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के दृश्य-श्रव्य विभाग में तकनीकी सहायक रहे। 1990 में वे परिवार के साथ नोएडा के सेक्टर-19 में बस गए।
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अनिल के अनुसार, प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने ही राम सुतार को दलित प्रेरणा स्थल की मूर्तियों के निर्माण का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर सहित सभी प्रमुख प्रतिमाओं को तैयार किया, जो आज भी स्थल की पहचान हैं।
राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
मूर्तिकार राम सुतार के निधन की खबर फैलते ही सेक्टर-19 स्थित उनके आवास पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सेक्टर-94 स्थित अंतिम निवास स्थल पर उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
अंतिम संस्कार से पहले गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले उनके आवास पहुंचे। तिरंगे में लिपटा राम सुतार का पार्थिव शरीर अंतिम निवास स्थल लाया गया। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले और महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री जय कुमार जितेंद्र सिंह रावल भी अंतिम संस्कार में मौजूद रहे। अठावले ने कहा कि राम सुतार को पूरी दुनिया जानती है। उम्र अधिक होने के बावजूद उनकी स्मरण शक्ति और सक्रियता अद्भुत थी। छह दिन पहले ही मैं उनसे मिला था, तब वे स्वस्थ लग रहे थे। उनका जाना बेहद दुखद है। उनके बेटे अनिल राम सुतार उनकी परंपरा को आगे बढ़ाएंगे।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर पहुंचे महाराष्ट्र के मंत्री
महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री जय कुमार जितेंद्र सिंह रावल ने कहा कि महाराष्ट्र में शोक की लहर है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों पहले भी उनसे मिलने आए थे। उन्हें महाराष्ट्र भूषण सम्मान दिया गया था। वे महाराष्ट्र की शान थे और हम सभी गमगीन हैं। 14 नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नोएडा में राम सुतार को महाराष्ट्र भूषण सम्मान से नवाज़ा था।
देश-विदेश में बना चुके 450 से अधिक प्रतिमाएं
राम सुतार ने फ्रांस, इंग्लैंड, रूस, मलेशिया और इटली सहित कई देशों में अपनी कला की छाप छोड़ी। भारत में संसद भवन से लेकर लखनऊ और अन्य शहरों में वे 450 से अधिक महात्मा गांधी की प्रतिमाएं बना चुके हैं।
देशभर में जारी है कई प्रतिमाओं का निर्माण
अनिल ने बताया कि मुंबई के दादर में करीब 450 फीट ऊंची डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और यह अगले एक वर्ष में तैयार हो जाएगी। इसके अलावा बरेली में 51 फीट ऊंची भगवान राम की मूर्ति तैयार है जिसका उद्घाटन जल्द किया जाएगा। महाराष्ट्र के मोशी (पुणे) में 140 फीट ऊंची छत्रपति संभाजी महाराज की प्रतिमा का निर्माण भी पूरा किया जा चुका है।