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Noida: स्लीपर सेल की पहचान के लिए चल रही वेब ट्रैफिक की गेटवे स्कैनिंग, दिल्ली धमाके के बाद एजेंसियां सक्रिय
सुशांत समदर्शी, नोएडा
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Fri, 21 Nov 2025 03:16 AM IST
सार
इस दौरान देश-विदेश से आने-जाने वाली कॉल व वेब ट्रैफिक की गेटवे स्कैनिंग की जा रही। पिछले कुछ दिनों में हजारों नंबरों की स्कैनिंग हुई है। दरअसल नोएडा से अल फलाह के तार जुड़ने के बाद इस पर एजेंसियों की नजर है।
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दिल्ली में धमाके के बाद जले वाहन
- फोटो : ANI
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विस्तार
अल फलाह विश्वविद्यालय व ट्रस्ट से जुड़े ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एक फ्लैट में छापेमारी के बाद खुफिया व प्रवर्तन एजेंसियां लगातार अलर्ट हैं। इस दौरान देश-विदेश से आने-जाने वाली कॉल व वेब ट्रैफिक की गेटवे स्कैनिंग की जा रही। पिछले कुछ दिनों में हजारों नंबरों की स्कैनिंग हुई है। दरअसल नोएडा से अल फलाह के तार जुड़ने के बाद इस पर एजेंसियों की नजर है।
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दिल्ली बम धमाके के तार फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय से जुड़ने के बाद नोएडा समेत एनसीआर में केंद्रीय व स्थानीय एजेंसियां जांच में जुटी हैं। इस मॉड्यूल से जुड़े स्लिपर सेल के बारे में पता लगा रही है। दरअसल नोएडा व ग्रेटर नोएडा में सैकड़ों की संख्या में अवैध कॉल सेंटर व टेलीफोन एक्सचेंज पकड़े गए हैं। अवैध टेलीफोन एक्सचेंज में भारत सरकार व टेलीकॉम कंपनियों को बाइपास कर जालसाज अपना सेटअप तैयार करते हैं। इसके बाद यहां से कम कीमत पर अंतरराष्ट्रीय कॉल करवाते हैं।
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इसके लिए इंटरनेशनल कॉल को लोकल कॉल में बदल देते हैं। दिल्ली धमाके के बाद पुलिस व एजेंसियां यह पता लगा रहीं कि कहीं कोई ऐसा एक्सचेंज चल तो नहीं रहा है। इसके लिए हजारों नंबर की गेटवे स्कैनिंग की गई। खासकर कश्मीर से लेकर पाकिस्तान व अन्य देशों से आने जाने वाली कॉल व वेब ट्रैफिक पर फोकस किया। इसमें यूपी एटीएस से लेकर कई एजेंसी पड़ताल कर रही हैं।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा के सघन इलाकों से लेकर उन सेक्टर-सोसाइटी पर भी नजर है। जहां पहले कोई न कोई आतंकी कनेक्शन सामने आया हो। हाल के महीने में ही गुजरात एटीएस ने छिजारसी इलाके से एक आतंकी को गिरफ्तार किया था।
जानिए क्या है गेटवे स्कैनिंग
गेटवे स्कैनिंग के तहत किसी नेटवर्क गेटवे के माध्यम से गुजरने वाले डाटा का विश्लेषण होता है। जैसे कॉल, ईमेल, वेब ट्रैफिक या अन्य नेटवर्क डेटा। यह एक तरह का सुरक्षा फीचर है जो किसी नेटवर्क में घुसपैठ या दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों को रोकने के लिए किया जाता है। गेटवे स्कैनिंग का उद्देश्य नेटवर्क में प्रवेश करने वाले डेटा को सुरक्षा के लिए स्कैन करना है। दुर्भावनापूर्ण कोड, वायरस, या अनधिकृत सामग्री को ब्लॉक करना शामिल है।