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Delhi NCR News: प्रदूषण पर फूटा गुस्सा, जंतर-मंतर पर प्रदर्शन
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प्रदर्शनकारियों ने लगाए साफ हवा-साफ पानी के नारे, गले में पानी की बोतल और ऑक्सीजन टैंक लिए खड़े दिखे प्रदर्शनकारी
अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर जिम्मेदारों के खिलाफ विभिन्न संस्थाओं ने मंगलवार को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी अपने हाथों में बैनर व पोस्टर लिए नारेबाजी करते नजर आए। प्रदर्शनकारी अपने गले में पानी की बोतल टांगे और ऑक्सीजन टैंक लिए खड़े दिखे। उन्होंने अपने पोस्टर में भी साफ हवा, साफ पानी का नारा लिखा हुआ था।
इसके अलावा, उन्होंने लिखा कि अपना साफ पानी और साफ हवा खुद लेकर चलें। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार प्रदूषण नियंत्रण में पूरी तरह विफल है। यमुना की सफाई का वादा तो किया गया लेकिन नतीजा सिफर है। उन्होंने दावा किया कि यमुना अब नाले से भी बदतर हो चुकी है।
पर्यावरण कार्यकर्ता रीता शर्मा ने बताया कि सरकार ने उन स्थानों पर प्रदूषण मापने की मशीन लगाई है, जहां पर पानी का छिड़काव किया जाता है। इससे एक्यूआई के आंकड़े कृत्रिम रूप से कम दिखाए जाते हैं, जबकि वास्तविक स्थिति भयावह है।
एक अन्य प्रदर्शनकारी राहुल ने बताया कि यमुना एक्शन प्लान के तहत अरबों रुपये खर्च होने के बावजूद नदी की हालत सुधरी नहीं है। उन्होंने दावा करते हुए बताया कि दिल्ली में सांस की बीमारियां, अस्थमा और कैंसर के केसों में 30 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी हुई है। बच्चे, बुजुर्ग और गरीब तबके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
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अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर जिम्मेदारों के खिलाफ विभिन्न संस्थाओं ने मंगलवार को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी अपने हाथों में बैनर व पोस्टर लिए नारेबाजी करते नजर आए। प्रदर्शनकारी अपने गले में पानी की बोतल टांगे और ऑक्सीजन टैंक लिए खड़े दिखे। उन्होंने अपने पोस्टर में भी साफ हवा, साफ पानी का नारा लिखा हुआ था।
इसके अलावा, उन्होंने लिखा कि अपना साफ पानी और साफ हवा खुद लेकर चलें। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार प्रदूषण नियंत्रण में पूरी तरह विफल है। यमुना की सफाई का वादा तो किया गया लेकिन नतीजा सिफर है। उन्होंने दावा किया कि यमुना अब नाले से भी बदतर हो चुकी है।
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पर्यावरण कार्यकर्ता रीता शर्मा ने बताया कि सरकार ने उन स्थानों पर प्रदूषण मापने की मशीन लगाई है, जहां पर पानी का छिड़काव किया जाता है। इससे एक्यूआई के आंकड़े कृत्रिम रूप से कम दिखाए जाते हैं, जबकि वास्तविक स्थिति भयावह है।
एक अन्य प्रदर्शनकारी राहुल ने बताया कि यमुना एक्शन प्लान के तहत अरबों रुपये खर्च होने के बावजूद नदी की हालत सुधरी नहीं है। उन्होंने दावा करते हुए बताया कि दिल्ली में सांस की बीमारियां, अस्थमा और कैंसर के केसों में 30 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी हुई है। बच्चे, बुजुर्ग और गरीब तबके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।