Delhi Trade Fair: उत्तराखंड से कश्मीर तक, पहाड़ी स्वाद का मेला; शॉल, जैकेट और मिठाइयां जमकर खरीद रहे लोग
भारत मंडपम के हॉल 2 पहली मंजिल पर उत्तराखंड पवेलियन में हरिद्वार के ऊनी कपड़ों की दुकानों पर भीड़ बढ़ गई है। कॉटन-ऊन मिक्स, प्योर ऊन की जैकेट, शॉल, मफलर, स्टॉल और कुर्ते की बड़ी रेंज है। हरिद्वार के ऊनी सामान, अल्मोड़ा की मशहूर बाल मिठाई, चॉकलेट और सिंघौड़ी सबसे ज्यादा बिक रही है।
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ट्रेड फेयर में पहाड़ों की मिठास और ऊनी कपड़े गर्माहट दे रहे हैं। ऊनी शॉल, मिठाइयां और पहाड़ी जूस खरीदने के लिए उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के स्टॉलों पर भीड़ उमड़ रही है। अल्मोड़ा और कुमाऊं के मीठे स्वाद और गढ़वाल के खास जूस भी खूब पसंद किए जा रहे हैं।
भारत मंडपम के हॉल 2 पहली मंजिल पर उत्तराखंड पवेलियन में हरिद्वार के ऊनी कपड़ों की दुकानों पर भीड़ बढ़ गई है। कॉटन-ऊन मिक्स, प्योर ऊन की जैकेट, शॉल, मफलर, स्टॉल और कुर्ते की बड़ी रेंज है। दुकानदार अनंत कुमार सिंह ने कहा, बिक्री उम्मीद से ज्यादा हुई है। लोग क्वालिटी देखते ही खरीद रहे हैं।
हरिद्वार के ऊनी सामान, अल्मोड़ा की मशहूर बाल मिठाई, चॉकलेट और सिंघौड़ी सबसे ज्यादा बिक रही है। आनंद स्वीट्स के हरीश दरमवाल ने बताया कि मांग इतनी ज्यादा है, कि हम सामान पूरा नहीं कर पा रहे। सिंघौड़ी सबसे ज्यादा बिकी है। चंपावत और काली कुमाऊं से लाई गई बाल मिठाई और चॉकलेट भी लगातार बिक रही हैं। सोमवार को तकरीबन 69,846 लोग मेले में पहुंचे।
कश्मीर के कपड़ों में है नर्मी और गर्मी
हॉल दो पहली मंजिल पर जम्मू-कश्मीर में पश्मीना शॉल, स्टॉल, ब्लेजर, कोट और स्वेटर अपने डिजाइन और क्वालिटी के कारण खूब खरीदे जा रहे। इनकी कीमत 70 हजार से 3 से 4 लाख रुपये तक है। कपड़ों पर कारीगरी देखकर लोग दाम की परवाह नहीं कर रहे।
लेडीज कॉप्तान के कई नए डिजाइन
हॉल नंबर 1 पहली मंजिल पर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू-मनाली से पहुंचे याक और भेड़ के ऊन से बने शॉल, लेडीज कॉप्तान, स्टॉल, सूट और मफलर ग्राहकों को खूब पसंद आ रहे हैं। संजय शॉल के दुकानदार बीआर प्रेमी बताते हैं कि इस बार हम लेडीज कॉप्तान के कई नए डिजाइन लेकर आए हैं। हर ग्राहक को कुछ नया मिल ही जाता है। हमारी दुकान आईएनए दिल्ली हाट में भी है।
पूर्वोत्तर का रंग भी किसी से कम नहीं
इन सबके बीच नागालैंड से आए कलाकारों के हैंडमेड फ्लावर, थर्माकोल और सॉफ्ट वुड से बने सजावटी सामान लोगों का ध्यान खींच रहे हैं। अलग-अलग जनजातियों के पारंपरिक कपड़े भी यहां की खासियत हैं। कई लोग इन्हें स्मारिका के तौर पर खरीद रहे हैं।
मजेदार है माल्टा, लीची और बुरांश के जूस
पौड़ी गढ़वाल के माल्टा, लीची और बुरांश के फूल से निकाला गया जूस लोगों को भा रहे हैं। हालांकि स्टॉल चलाने वाले प्रकाश थोड़ा निराश दिखाई दिए। उनका कहना है कि दुकान कोने में मिली है, इसलिए कम लोग पहुंच पा रहे हैं। बिक्री अच्छी हो सकती थी लेकिन लोकेशन के कारण मुनाफा कम रहा।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में झारखंड दिवस
भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2025 में मंगलवार को झारखंड दिवस का आयोजन किया जाएगा। झारखंड पवेलियन (हॉल नंबर 3) में राज्य की जीवंत संस्कृति, लोक-संगीत, पारंपरिक कला, उद्योग और पर्यटन की संभावनाओं को आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया जाएगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन होंगे। झारखंड दिवस उत्सव का आयोजन शाम 5 बजे से एम्फीथिएटर-1, प्रगति मैदान में किया जाएगा। जहां दर्शक लोक-नृत्य, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और राज्य की विशिष्ट पहचान से रूबरू होंगे। मेले में झारखंड के हस्तशिल्प, वन उत्पाद आदिवासी कलाएं और निवेश के अवसर भी विशेष आकर्षण बने हुए हैं।
मुख्यमंत्री साय ने पारंपरिक कलाकृतियों की ली जानकारी
अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में छत्तीसगढ़ पवेलियन सोमवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने हस्तशिल्प, वन–उत्पाद, खाद्य प्रसंस्करण सामग्री और पारंपरिक कलाकृतियों से जुड़े प्रदर्शनों की जानकारी ली और उपस्थित प्रतिनिधियों से विस्तारपूर्वक चर्चा की।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की परंपरागत कला, हस्तनिर्मित उत्पाद और वन आधारित सामग्री देश - विदेश के खरीदारों के बीच लगातार लोकप्रिय हो रही है। यह बढ़ता बाजार आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनके साथ छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन, लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल, जनप्रतिनिधि कमलेश जांगड़े सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
ट्रेड फेयर में सोमवार को भी उमड़ी भीड़
अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में जहां रविवार को रिकॉर्ड तोड़ भीड़ देखी गई, वहीं सोमवार को भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। विभिन्न स्टॉलों पर उन्होंने खरीदारी की और प्रदर्शनी का आनंद लिया। देश के अलग-अलग राज्यों के पवेलियनों से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्टॉलों तक, हर जगह अच्छी खासी भीड़ नजर आई। कई परिवार पार्क क्षेत्र में बैठकर पिकनिक जैसा माहौल बनाते दिखे। आगंतुकों ने राज्य पवेलियनों में हस्तशिल्प, मसाले, वस्त्र और पारंपरिक उत्पाद खरीदे, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्टॉलों पर विदेशी वस्तुएं लोगों को आकर्षित करती रहीं। डिफेंस पवेलियन में इसरो की मिसाइल मॉडलों से लेकर राइफल और अन्य रक्षा उपकरणों की प्रदर्शनियों ने लोगों को खूब आकर्षित किया। बच्चे फोटो खिंचवाते नजर आए, वहीं माता-पिता उन्हें आर्मी, अंतरिक्ष और रक्षा तकनीक से जुड़ी बातें समझाते देखे गए।