{"_id":"686bf31b8b6b10b8fa0495e6","slug":"delhi-cm-rekha-gupta-wrote-letter-to-cm-yogi-demanding-action-against-illegal-sand-mining-in-yamuna-2025-07-07","type":"story","status":"publish","title_hn":"Delhi: सीएम रेखा ने योगी को लिखा पत्र, यमुना में अवैध रेत खनन पर रोक की मांग; NGT की चेतावनियों का दिया हवाला","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Delhi: सीएम रेखा ने योगी को लिखा पत्र, यमुना में अवैध रेत खनन पर रोक की मांग; NGT की चेतावनियों का दिया हवाला
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: श्याम जी.
Updated Mon, 07 Jul 2025 09:47 PM IST
विज्ञापन
सार
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से यमुना क्षेत्र में अवैध रेत खनन रोकने का अनुरोध किया। खनन से तटबंध कमजोर होने और बाढ़ के खतरे के साथ पारिस्थितिक क्षति की चिंता जताई गई।

दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ
- फोटो : अमर उजाला
विस्तार
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा। उन्होंने अनुरोध किया है कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे यमुना क्षेत्र में अवैध रेत खनन पर रोक लगाई जाए। अवैध खनन के चलते यमुना के तटबंध कमजोर हो रहे हैं, जिससे बाढ़ का खतरा भी पैदा होता है। मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की चिंताओं से भी सीएम योगी को अवगत कराया है।
विज्ञापन

Trending Videos
सीएम रेखा गुप्ता का यह भी कहना है कि अवैध खनन गंभीर पारिस्थितिक क्षति का कारण भी बन रहा है, जो भविष्य में यमुना के लिए गंभीर परेशानी का कारण बन सकता है। इसके साथ-साथ यमुना के किनारे रहने वाली आबादी भी इस बदलाव से प्रभावित होगी। उनका कहना है कि यह अंतरराज्यीय प्रकृति का मुद्दा है, इसलिए इस अवैध रेत खनन पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाने के लिए दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सरकारों के बीच एक समन्वित और संयुक्त प्रर्वतन तंत्र की आवश्यकता है।
विज्ञापन
विज्ञापन
मुख्यमंत्री ने यूपी सीएम को जानकारी दी कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भी लगातार यमुना में अवैध रेत खनन पर चिंता व्यक्त करता रहा है। एनजीटी की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि ये अवैध खनन कई प्रकार के दुष्प्रभाव ला रहा है, इसलिए इस पर रोक लगाना जरूरी है। उन्होंने योगी से अनुरोध किया है कि अपने अफसरों को इस मसले पर संयुक्त अंतरराज्यीय सीमांकन के आवश्यक दिशा-निर्देश देने की कृपा करें।