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Delhi Riots: शरजील और उमर खालिद समेत अन्य की जमानत याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित, पढ़ें मामला
एएनआई, दिल्ली
Published by: आकाश दुबे
Updated Wed, 09 Jul 2025 06:16 PM IST
सार
उमर खालिद, इमाम और कई अन्य आरोपियों पर फरवरी 2020 के दंगों का मास्टरमाइंड होने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे।
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दिल्ली हाईकोर्ट
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
2020 के दिल्ली दंगा मामले में आरोपियों शरजील इमाम, उमर खालिद और अन्य की जमानत याचिकाओं पर बुधवार को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति नवीन चावला और न्यायमूर्ति शालिन्दर कौर की पीठ ने आरोपियों की ओर से दी गईं दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। अभियोजन पक्ष ने जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया, कहा कि 'यह आकस्मिक नहीं हुआ, बल्कि सोची-समझी साजिश थी।'
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अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया कि यह वैश्विक स्तर पर भारत को बदनाम करने की साजिश थी। केवल लंबी कैद जमानत का आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर कोई देश के विरुद्ध इस तरह की हरकत करता है तो उसे जेल में ही रहना चाहिए।
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यह है मामला
उमर खालिद, इमाम और कई अन्य आरोपियों पर फरवरी 2020 के दंगों का मास्टरमाइंड होने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से ज़्यादा घायल हुए थे। यह हिंसा सीएए और एनआरसी के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान भड़की थी।