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Delhi Riots Case: उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं करेंगे जस्टिस अमित शर्मा, मामले से खुद को किया अलग
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: श्याम जी.
Updated Mon, 22 Jul 2024 06:02 PM IST
सार
दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अमित शर्मा ने उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। न्यायमूर्ति शर्मा ने पहले शरजील इमाम, मीरान हैदर और दिल्ली दंगों के अन्य आरोपियों द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।
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उमर खालिद
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अमित शर्मा ने सोमवार को दिल्ली दंगों की साजिश मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू ) के पूर्व छात्र उमर खालिद द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। यह मामला न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था। न्यायमूर्ति शर्मा ने पहले शरजील इमाम, मीरान हैदर और दिल्ली दंगों के अन्य आरोपियों द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।
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खालिद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था और उस पर आपराधिक साजिश, दंगा, गैरकानूनी सभा के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत कई अन्य अपराधों का आरोप लगाया गया था, तब से वह जेल में है। यह उसकी दूसरी जमानत याचिका है। निचली अदालत ने पहली बार मार्च 2022 में उसे जमानत देने से इनकार कर दिया था। फिर उसने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने अक्तूबर 2022 में उसे राहत देने से इनकार कर दिया, जिससे उसे शीर्ष अदालत के समक्ष अपील दायर करने के लिए प्रेरित किया।
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मई 2023 में, सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा। शीर्ष अदालत के समक्ष उसकी याचिका को तब 14 बार स्थगित किया गया था। खालिद ने 14 फरवरी 2024 को उसने परिस्थितियों में बदलाव का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली। 28 मई को निचली अदालत ने उसकी दूसरी जमानत याचिका खारिज कर दी।