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Alert: दिल्ली के बाजारों में नकली सामान की भरमार, रोजमर्रा की वस्तुओं तक फैला जाल; खरीदार रहें होशियार
पुरुषोत्तम वर्मा, नई दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Fri, 12 Dec 2025 03:49 AM IST
सार
पुलिस ने जितने भी गिरोह पकड़े हैं, उनसे खुलासा हुआ है कि नकली सामान बनाने वाले गिरोह अब सिर्फ लक्जरी नकली उत्पादों तक सीमित नहीं रहे, बल्कि रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुओं तक उनका जाल फैला है।
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नकली घी का कारोबार
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राजधानी में पिछले कुछ महीनों में की गई छापेमारी से पता चलता है कि अब नकली चीजों का जाल फैलता जा रहा है। पुलिस ने जितने भी गिरोह पकड़े हैं, उनसे खुलासा हुआ है कि नकली सामान बनाने वाले गिरोह अब सिर्फ लक्जरी नकली उत्पादों तक सीमित नहीं रहे, बल्कि रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुओं तक उनका जाल फैला है।
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दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नकली देसी घी, एंटासिड पाउडर, इंजन ऑयल, शैंपू, डिटर्जेंट, जींस और यहां तक कि स्कूल की किताबों तक नकली उत्पादों का यह बाजार सीधे-सीधे हर घर में पहुंच रहा है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि काउंटरफिटिंग एक गंभीर अपराध है। हमारी टीमें सतर्क हैं और इसके पीछे शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार, वर्ष 2023 से अब तक नकली सामान के उत्पादन और बिक्री से जुड़े 740 मामलों का खुलासा किया गया है। इस वर्ष जनवरी से सितम्बर के बीच कॉपीराइट एक्ट के तहत 132 मामले दर्ज किए गए हैं।
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अलीपुर में छापे में करीब 1500 किलो मिलावटी देसी घी बरामद किया गया था। यह मशहूर ब्रांडों जैसी पैकिंग में रखा गया था। जांच में पता चला कि यह घी नहीं, बल्कि रिफाइंड ऑयल, कृत्रिम फ्लेवर और निम्न-स्तरीय मिलावट का मिश्रण था, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। पुलिस ने कच्चा माल और पैकिंग मशीनें भी जब्त कीं। बाद में बवाना औद्योगिक क्षेत्र में एक और ऐसी इकाई पकड़ी गई, जहां हजारों लीटर नकली घी अस्वच्छ परिस्थितियों में जमा पाया गया।
नकली एंटासिड का कारखाना उजागर
सबसे चिंताजनक कार्रवाई उस समय सामने आई जब पुलिस ने नकली एंटासिड सैशे बनाने वाली एक इकाई का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने करीब एक लाख पैकेट, कच्चा पाउडर, पैकेजिंग रोल और सीलिंग मशीनें बरामद कीं। पैकेजिंग इतनी असली जैसी थी कि आम उपभोक्ता फर्क नहीं पहचान सकता था। जांच में पाया गया कि इनमें सही दवाइयां नहीं थीं, जिससे आपात स्थिति में उपभोक्ताओं की जान को खतरा हो सकता था।
नकली दवाइयों का बड़ा नेटवर्क
एक अन्य अभियान में पुलिस ने एक लाख से अधिक नकली टैबलेट, कैप्सूल और मलहम बरामद किए, जिनमें स्टेरॉयड और दर्दनाशक शामिल थे। इनका संबंध एक बड़े अंतरराज्यीय नेटवर्क से बताया गया। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई कार्रवाई में पुलिस ने 18000 से ज्यादा नकली टूथपेस्ट ट्यूब और बड़ी मात्रा में खाली ट्यूब व केमिकल पेस्ट जब्त किया। रोहिणी में नकली शैंपू, डिटर्जेंट, साबुन और फ्लोर क्लीनर बनाने वाली एक इकाई भी पकड़ में आई। उत्पादों पर बड़े ब्रांडों के नकली लेबल और होलोग्राम लगाए जाते थे।
पेयजल, कपड़े और ऑटो पार्ट्स भी निशाने पर
पुलिस ने दो व्यक्तियों को नकली पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया, जिसे बोरवेल के पानी से भरकर नकली ट्रेडमार्क चिपकाए जाते थे। एक अन्य मामले में तीन आरोपी नकली ब्रांडेड जींस बेचते पकड़े गए, जिनसे 684 नकली वस्तुएं बरामद हुईं। ऑटोमोटिव सेक्टर भी इससे अछूता नहीं रहा। अपराध शाखा ने एक बड़े अभियान में एक लाख से अधिक नकली ऑटो स्पेयर पार्ट—जैसे ब्रेक पैड, क्लच प्लेट, स्पार्क प्लग और बियरिंग—जब्त किए। ये बेहद घटिया गुणवत्ता के थे और जानलेवा साबित हो सकते थे।
अलीपुर में नकली इंजन ऑयल बनाने वाली एक इकाई से पुलिस ने कम गुणवत्ता वाले तेल के ड्रम, खाली बोतलें, होलोग्राम और मशीनें जब्त कीं। आनंद पर्वत में एक अन्य छापेमारी में 2000 नकली ऑयल फिल्टर बरामद हुए। पुलिस ने 1.7 लाख से अधिक पायरेटेड एनसीईआरटी किताबें बरामद की थीं। इनकी कीमत 2 करोड़ रुपये से अधिक है। एक पिता-पुत्र की जोड़ी को गिरफ्तार किया गया, जो कई गोदामों से छठीं से 12वीं कक्षा की किताबें निम्न गुणवत्ता वाले कागज और स्याही से छाप रहे थे। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे भरोसेमंद विक्रेताओं से ही सामान खरीदें, पैकेजिंग को ध्यान से जांचें और बहुत सस्ता, लेकिन असली जैसा दिखने वाला सामान देखते ही सतर्क हो जाएं।