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Indian Railways: दिल्ली डिवीजन के रेलवे ट्रैक होंगे मजबूत, बढ़ेगी गति, टलेगा हादसों का खतरा

शनि पाथौली, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विजय पुंडीर Updated Fri, 12 Dec 2025 07:40 AM IST
सार

उत्तर रेलवे का दिल्ली मंडल सबसे व्यस्त रेल सेक्शन है। यहां से प्रतिदिन दिल्ली-अंबाला, दिल्ली-सहारनपुर और देश के कई अन्य हिस्सों के लिए सैकड़ों यात्री और मालगाड़ियां गुजरती हैं। लंबे समय से उपयोग में आ रहे ट्रैकों पर लगातार बढ़ते दबाव के चलते कई स्थानों पर मरम्मत की आवश्यकता थी।

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Delhi Division's railway tracks will be strengthened, speed will increase, risk of accidents will be averted
Train Demo - फोटो : Freepik
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विस्तार
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भारतीय रेलवे यात्रियों की सुरक्षा और ट्रेनों की सुगमता को ध्यान में रखते हुए दिल्ली डिवीजन में बड़े पैमाने पर ट्रैक रखरखाव कार्य योजना बना रही। दिल्ली डिवीजन में रोजाना 500 से अधिक यात्री ट्रेनें और मालगाड़ियां गुजरती हैं, जिसके कारण ट्रैक पर भारी दबाव रहता है। 

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इस वजह से दिल्ली सेक्शन और उससे जुड़ी लूप लाइनों पर कई महत्वपूर्ण ट्रैक सुधार काम होने जरूरी हैं। यह मेंटेनेंस न केवल ट्रैक को मजबूत करेगा, बल्कि ट्रेनों की गति बढ़ाने और डिरेलमेंट जैसे हादसों को भी काफी हद तक कम करेगा।
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उत्तर रेलवे का दिल्ली मंडल सबसे व्यस्त रेल सेक्शन है। यहां से प्रतिदिन दिल्ली-अंबाला, दिल्ली-सहारनपुर और देश के कई अन्य हिस्सों के लिए सैकड़ों यात्री और मालगाड़ियां गुजरती हैं। लंबे समय से उपयोग में आ रहे ट्रैकों पर लगातार बढ़ते दबाव के चलते कई स्थानों पर मरम्मत की आवश्यकता थी। पुराने फिटिंग्स, घिसे स्लीपर और ट्रैक पर जमे गाद के कारण ट्रेनों की गति पर भी प्रभाव पड़ रहा था। ऐसे में रेलवे का यह ट्रैक सुधार अभियान लाखों यात्रियों के लिए राहत की बात है।

5.27 करोड़ तय की गई परियोजना की अनुमानित राशि
परियोजना को पूरा करने की अनुमानित राशि करीब 5.27 करोड़ रुपये तय की गई है। इसके लिए निविदा भी आमंत्रित की गई है। यह कार्य 12 महीनों की अवधि में पूरा करने का लक्ष्य है। अधिकारियों का दावा है कि नियमित ट्रैक मेंटेनेंस रेल दुर्घटनाओं में काफी हद तक कमी ला सकता है। पिछले कुछ वर्षों में ट्रैक संबंधी हादसों में कमी आई है, जो इसी तरह के रखरखाव प्रयासों का नतीजा है। 

गाद-सफाई, रेल पैनल पुलिंग व यार्ड की गहन स्क्रीनिंग पर जोर
नई व्यवस्था के तहत रेल पैनल की पुलिंग और पोजिशनिंग, रेल रिन्यूअल, स्लीपरों की रिप्लेसमेंट, फिश प्लेट्स और अन्य फिटिंग्स की मरम्मत, ट्रैक से गाद व मलबे की सफाई, यार्ड में गहन स्क्रीनिंग समेत अन्य आवश्यक कार्य होंगे। विशेष रूप से लंबी रेल पैनलों को सही स्थान पर खींचकर फिट करना, ट्रैक की डिस्मेंटलिंग, रेल रिन्युअल और ट्रैफिक ब्लॉक के दौरान जटिल कार्य होंगे। ये सभी कार्य ट्रेनों की आवाजाही को न्यूनतम प्रभावित करते हुए ट्रैफिक ब्लॉक में पूरे किए जाते हैं।

अमृत भारत स्टेशन और फ्रेट कॉरिडोर से भी जुड़ी योजना
यह ट्रैक सुधार कार्य रेलवे के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स जैसे अमृत भारत स्टेशन योजना और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से भी जुड़ा है। इन योजनाओं का उद्देश्य रेलवे को आधुनिक, सुरक्षित और उच्च गति वाली सुविधाओं से लैस करना है।

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