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IndiGo Crisis: इंडिगो के विमानों ने फिर भरी उड़ान, मगर यात्रियों का भरोसा हवा में; लोगों ने बताई अपनी मजबूरी

ज्योति सिंह, नई दिल्ली Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Fri, 12 Dec 2025 03:49 AM IST
सार

हालांकि एयरपोर्ट पर वैसी अफरा-तफरी भी नजर नहीं आ रही और शेड्यूल भी काफी हद तक स्थिर है। इन सबके बीच एक चीज जो अब तक वापस नहीं लौटी है वह है यात्रियों का भरोसा।

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Indigo flights have resumed operations, but passenger confidence remains uncertain
पटरी पर लौटते हालात... - फोटो : PTI
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विस्तार
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इंडिगो की फ्लाइट एक बार फिर पहले जैसी चलने लगी हैं। हालांकि एयरपोर्ट पर वैसी अफरा-तफरी भी नजर नहीं आ रही और शेड्यूल भी काफी हद तक स्थिर है। इन सबके बीच एक चीज जो अब तक वापस नहीं लौटी है वह है यात्रियों का भरोसा। भारत का सबसे बड़ा एयर कैरियर जिसे लोग सबसे भरोसेमंद कहते थे लेकिन अब उसे अपनी छवि पहले जैसी बनाने के लिए जूझना होगा।

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पिछले हफ्ते लगातार कैंसिलेशन, घंटों की देरी, रातभर एयरपोर्ट की कुर्सियों पर गुजरी रातें, बिना खाना-पानी के बच्चों के उदास चेहरों ने यात्रियों के मन में एक डर सा बैठा दिया है। नतीजा फ्लाइटें भले चल रही हैं लेकिन लोग इंडिगो में टिकट लेने से पहले दो बार सोच रहे हैं। जबलपुर के लिए फ्लाइट का इंतजार कर रहे सचिन ने बताया कि विश्वास तो अब भी नहीं है। मेरी जबलपुर की फ्लाइट आज फिर देरी से हैं लेकिन आश्वासन मिला है कि पहले से स्थिति बेहतर है, तो ज्यादा देरी नहीं होगी।
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अब टिकट लेते डर लगता है
रांची की स्नेहा दिल्ली में बैंकर हैं। पहले रांची जाने के लिए हमेशा इंडिगो चुनती थीं लेकिन पिछले हफ्ते दिल्ली की फ्लाइट डिले होने के बाद उनका अनुभव बदल गया है। उन्होंने बताया कि पहले वह इंडिगो से दिल्ली आने वाली थीं। इसके लिए फ्लाइट भी बुक की, लेकिन वह कैंसल हो गई। 48 घंटे बीतने पर भी रिफंड नहीं मिला है। स्नेहा कहती हैं कि अब इंडिगो का टिकट लेते डर लगता है। कहीं फिर वही 4-5 घंटे का इंतजार न मिल जाए। ऑफिस की मीटिंग मिस हो जाए तो नुकसान हमारा होता है, एयरलाइन का नहीं।

भरोसा टूट गया
रांची के लिए अपनी फ्लाइट का इंतजार करते सेम बासु ने बताया कि, उन्होंने 29 नवंबर को दिल्ली के लिए फ्लाइट बुक की थी, जो कि दो दिसंबर को उड़ान भरने वाली थी। लेकिन एक दिसंबर को उन्हें पता चला कि फ्लाइट कैंसल हो गई है। उन्होंने जब दुबारा फ्लाइट बुक की तो उन्हें वह 48 हजार का एक ओर का किराया पड़ा। रिर्टन टिकट पहले हो चुकी थी जो कैंसल नहीं थी इसलिए जाने का किराया उन्हें लगभग छह हजार ही पड़ा। बासु कहते हैं कि में स्टील कारोबारी हूं। अक्सर दिल्ली आना-जाना लगा रहता है लेकिन अब इंडिगो को विकल्प के रूप में रखूंगा। ऑफिस ट्रेवल टीम भी बोल रही है फिलहाल इंडिगो को अवॉइड करो।

इंडिगो को भारी नुकसान भी झेलना पड़ेगा
अपनी बहन का इंतेजार कर रहे सक्षम ने बताया कि मैंने तो सफर नहीं किया है, लेकिन मेरी बहन की फ्लाइट कैंसल हो गई थी जिसका रिफंड अभी नहीं आया है। हालांकि अब वो किसी और एयरलाइंस से आ रही है। इस स्थिति से जब मेरा विश्वास थोड़ा डगमगा गया है। तो जिसने यह सब झेला है जाहिर है उनका दुबारा इंडिगो पर विश्वास करना मु्श्किल होगा। अब इंडिगो को इस असुविधा के लिए ग्राहकों का भारी नुकसान भी झेलना पड़ेगा।

इतनी जल्दी विश्वास तो नहीं कर सकता
शिवम पांडे फ्लाइट कैंसल होने की वजह से समय पर घर नहीं पहुंच सके। शिवम अयोध्या के रहने वाले हैं और हैदराबाद में बतौर इंजीनियर कार्यरत हैं। उन्होंने 29 नवंबर को दिल्ली के लिए इंडिगो की फ्लाइट बुक की थी। लेकिन वह कैंसल हो गई। अल्टरनेट फ्लाइट का विकल्प मिला लेकिन समय उनके मुताबिक न होने से उन्होंने कैंसल की दी, जिसका रिफंट एक दिन बाद मिल गया था। शिवम कहते हैं कि अभी मेरे साथ ऐसी घटना ऐसी हो चुकी है, इसलिए इतनी जल्द विश्वास नहीं कर पाया। मैंने दुबारा विकल्प मिलने पर स्पाइसजेट की टिकट बुक की और दिल्ली आया। हैदराबाद के लिए एयर इंडिया की टिकट ली है।

छोटे शहरों के यात्री सबसे ज्यादा डरे
तिरुपति, नागपुर, भुवनेश्वर, त्रिची, राजकोट जैसे शहरों में लोग अभी भी इंडिगो के ऐप पर ‘ऑनटाइम’ देखकर भी बुकिंग करने से झिझक रहे हैं। कारण वही अचानक कैंसिलेशन, लगातार री-शेड्यूल, देर से मैसेज, और रिफंड को लेकर असंतोष।

यानी समस्या तकनीकी नहीं, मानसिक है
दिल्ली एयरपोर्ट के टी1 पर फ्लेक्सी के ट्रैवल एजेंट अनिल (एसोसिएट) ने कहा कि कई यात्री काउंटर पर आकर यही पूछते हैं फ्लाइट सच में जाएगी न? यानी समस्या तकनीकी नहीं, मानसिक है। लोगों के जहन में अब यह बात बैठ चुकी है कि इंडिगो कभी भी फ्लाइट कैंसल कर सकती है। ट्रैवल एजेंट्स का कहना है एयरलाइन चाहे जितना ठीक कहे, यात्री वही मानता है जो उसे जमीन पर दिखता है। दो-तीन हफ्ते लगातार ‘जीरो कैंसिल, जीरो डिले’ दिखेंगे, तभी लोग दोबारा बुक करेंगे। उन्होंने बताया कि इस बीच हमारे कारोबार में काफी गिरावट भी आई। पहले रोजाना 30 सवारियां जाती थी, उस बीच 3-4 सवारी ही मिलती थी। अब जाकर स्थिति ठीक हुई है। रोजाना 8-10 सवारी मिल रहे हैं। पहले से बेहतर है।

परेशान यात्रियों पर इंडिगो का मलहम, प्रभावित यात्रियों को 10 हजार का दिलासा

दिसंबर की ठंड ने इस बार यात्रियों के दिलों में और भी सिहरन पैदा कर दी। उड़ानें थीं पर उड़ी नहीं, एयरपोर्ट पर लोग थे पर पहुंचे नहीं, और भरोसा था… जो कहीं टेकऑफ से पहले ही क्रैश हो गया। हाहाकार इतना कि लगता था जैसे आसमान बंद होकर छुट्टी पर चला गया हो। घंटों की धक्के-खाकर इंतजार करती भीड़ देखकर आखिरकार इंडिगो को भी एहसास हुआ, "अरे हां, ये मुसाफ़िर तो हमारे ही हैं!" और फिर शुरू हुआ मरहम-पट्टी का दौर। 10-10 हजार का मुआवजा, जैसे कह रही हो, थोड़ा ग़ुस्सा ठंडा करो, बाकी बाद में देखेंगे।

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो, जिसने महीने की शुरुआत में लगातार कई उड़ानें रद्द कर दीं। एयरपोर्ट्स पर रात भर इंतजार करते लोग, सुरक्षा कतारों में खड़े छोटे बच्चे, नौकरी व इंटरव्यू के लिए भागते युवा हर कोई परेशान था। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में यात्रियों का धैर्य टूटता दिखा। किसी की विदेश यात्रा छूट गई, किसी की शादी की तारीख पास थी तो किसी को बीमार परिजन तक पहुंचने की जल्दी थी। एयरपोर्ट लाउंज में यात्रियों की भीड़ और नाराजगी साफ झलक रही थी।

इस पूरे हंगामे और नाराजगी के बीच अब इंडिगो ने बड़ा राहत कदम उठाया है। एयरलाइन ने घोषणा की है कि जो यात्री फ्लाइट कैंसिलेशन और घंटों की देरी की वजह से प्रभावित हुए हैं, उन्हें 10-10 हजार रुपये का मुआवज़ा दिया जाएगा।

कंपनी ने क्या कहा...
इंडिगो का कहना है कि तकनीकी कारणों और परिचालन संबंधी दिक्कतों के चलते फ्लाइट्स प्रभावित हुईं। एयरलाइन ने यात्रियों को हुई असुविधा पर खेद जताते हुए कहा कि वह ऐसे यात्रियों की सूची तैयार कर रही है जिन्हें मुआवज़ा मिलेगा। भुगतान सीधे यात्री के रजिस्टर्ड अकाउंट में किया जाएगा।

इन यात्रियों को मिलेगा मुआवजा
इंडिगो ने उन यात्रियों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है, जो 3, 4 और 5 दिसंबर को फ्लाइट कैंसिलेशन और भारी भीड़ के कारण घंटों एयरपोर्ट पर फंसे रहे। एयरलाइन ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर जानकारी देते हुए कहा कि इन दिनों यात्रा करने वाले कई यात्री लंबे समय तक इंतज़ार में रहे और भीड़ के दबाव से कई लोगों को गंभीर असुविधा हुई। ऐसी स्थिति से सबसे ज़्यादा प्रभावित यात्रियों को कंपनी 10 हजार रुपये का ट्रैवल वाउचर देगी। यह वाउचर अगले 12 महीनों तक इंडिगो की किसी भी उड़ान में इस्तेमाल किया जा सकेगा।

कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह मुआवज़ा सरकारी गाइडलाइंस में तय राशि से अलग और अतिरिक्त है। सरकार के नियमों के अनुसार, अगर किसी यात्री की फ्लाइट निर्धारित प्रस्थान समय से 24 घंटे के भीतर रद्द होती है, तो एयरलाइन को उड़ान के ब्लॉक टाइम के हिसाब से पांच हजार से 10 हजार रुपये तक देना होता है। इंडिगो का कहना है कि उनका नया 10 हजार रुपये वाला वाउचर इसी आधिकारिक मुआवज़े के ऊपर दिया जा रहा है।

रिफंड को लेकर इंडिगो का अपडेट
कैंसल हुई फ्लाइट्स के रिफंड पर भी एयरलाइन ने स्थिति स्पष्ट की है। कंपनी ने बताया कि संचालन में आई बाधाओं के बाद सभी आवश्यक रिफंड प्रोसेस कर दिए गए हैं। अधिकांश यात्रियों के पैसे उनके खाते में पहुंच चुके हैं और बाकी रिफंड भी जल्द ही उनके अकाउंट में जमा हो जाएंगे।

कितनी उड़ानें हुईं प्रभावित?
इंडिगो, जो घरेलू एविएशन मार्केट का लगभग 65 फीसदी कंट्रोल करती है, ने इस महीने अब तक 5 हजार से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल कर दी हैं, क्योंकि पायलटों के लिए नए रेस्ट नियम लागू करने में नाकाम रहने के बाद क्रू की भारी कमी हो गई थी। इससे पीक ट्रैवल सीजन के बीच में देश भर के एयरपोर्ट्स पर हजारों यात्री फंस गए। रिपोर्ट्स के अनुसार इस समय एयरलाइन को 2,422 कैप्टन की जरूरत थी, जबकि इसके पास सिर्फ 2,357 ही हैं।

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