'दिल्ली नहीं डूबेगी': यमुना में बाढ़ से निपटने के लिए सरकार तैयार, खतरे के निशान से इतना नीचे है पानी
दिल्ली मंत्री आतिशी ने यमुना किनारे बाढ़ की तैयारियों का निरीक्षण किया। सरकार ने कहा कि इस बार बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं।
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यमुना का जलस्तर बढ़ने लगा है, लेकिन अभी बाढ़ का खतरा नहीं है। बुधवार शाम को यमुना का जलस्तर 202.60 मीटर दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान 205.33 मीटर से बहुत नीचे है। जैसे ही जलस्तर चेतावनी पॉइंट 204 मीटर के आस पास पहुंचेगा, राजस्व विभाग की ओर से तराई इलाकों में मुनादी शुरू करानी शुरू की जाएगी, साथ ही निचले इलाके खाली कराए जाएंगे।
दिल्ली के राजस्व विभाग की ओर से जानकारी दी गई है वे इस बार संभावित बाढ़ को लेकर युद्धस्तर पर तैयारियां कर रहे हैं, ताकि यदि बाढ़ की स्थिति उत्पन्न भी हो तब भी लोगों की परेशानी का सामना न करना पड़े। इस बाबत राजस्व मंत्री आतिशी ने बुधवार को यमुना नदी पर स्थिति पुराना लोहा पुल और यमुना बाजार इलाके में बाढ़ को लेकर संबंधित विभागों की तैयारियों का जायज़ा लिया। इस दौरान राजस्व विभाग और बाढ़ एवं सिंचाई नियंत्रण विभाग के उच्च अधिकारी इनके साथ थे।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने राजस्व मंत्री को बताया कि बाढ़ को लेकर विभागों की तैयारियां पूरी हैं। बाढ़ की स्थिति में मोटर बोट, गोताखोर और मेडिकल टीमें किसी भी एक्शन के लिए तैयार रहेंगी। साथ ही बाढ़ की स्थिति में राजस्व विभाग द्वारा राहत शिविर लगाने संबंधित तैयारियां भी पूरी हैं।
राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली में पिछले साल यमुना का जलस्तर पिछले 40 सालों में सबसे ऊपर गया था और इस कारण यमुना के निचले इलाकों में बाढ़ की समस्या आ गई थी। इसे देखते हुए इस बार दिल्ली सरकार ने पहले से बाढ़ को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है।
यमुना में बाढ़ के खास तथ्य-
-पिछली बार यमुना का जलस्तर 208 मीटर से ऊपर गया था।
-वर्तमान में ये 202.6 मीटर है, जो खतरे के निशान से बहुत नीचे है।
-बारिश के बाद बढ़ा यमुना का जलस्तर।
-खतरे का निशान 205.33 मीटर। चेतावनी का स्तर 204.50 मीटर-हथिनीकुंड से अभी 300-400 क्यूसेक के बीच पानी छोड़ा जा रहा।
-एक लाख क्यूसेक से ऊपर पानी छोड़ने पर बढ़ता है तेजी से जलस्तर।