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Faridabad News: ग्रीस्टैक पोर्टल पर अब तक 4945 किसानों की आईडी तैयार
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- कृषि योजनाओं का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनकी आईडी पोर्टल पर पंजीकृत होगी
- जिले में अब तक 4945 किसानों की आईडी तैयार
संवाद न्यूज एजेंसी
पलवल। केंद्र सरकार के डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के तहत शुरू किए गए एग्रीस्टेक पोर्टल को लेकर जिले में किसानों का पंजीकरण तेज करने की तैयारी की जा रही है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि आने वाले समय में सरकारी कृषि योजनाओं का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिनकी किसान आईडी एग्रीस्टेक पोर्टल पर पंजीकृत होगी।
अतिरिक्त उपायुक्त सुभिता ढाका ने बताया कि एग्रीस्टेक एक ऐसी डिजिटल प्रणाली है, जिसके माध्यम से किसानों का प्रमाणित और सहमति आधारित डाटा सुरक्षित तरीके से एक ही प्लेटफार्म पर दर्ज होगा। किसान के पंजीकरण के बाद उसकी यूनिक किसान आईडी बनेगी, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे और पारदर्शी तरीके से मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि भविष्य में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, राज्य प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण समेत कृषि विभाग की अन्य योजनाओं का लाभ पंजीकृत किसानों को ही दिया जाएगा। इसके अलावा फसल बुआई रजिस्ट्री के जरिए बोई गई फसल का रियल टाइम डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा, जिससे खेतों और फसली क्षेत्र की सटीक जानकारी उपलब्ध रहेगी। गांवों की डिजिटल मैपिंग भी इसी प्रणाली के तहत की जाएगी।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप-कृषि निदेशक डॉ. बाबू लाल ने बताया कि जिले में अब तक 4945 किसानों की किसान आईडी बनाई जा चुकी है। फील्ड स्टाफ को प्रशिक्षण देने के बाद गांव-गांव जिम्मेदारी सौंपी गई है, जहां कैंप लगाकर पंजीकरण किया जा रहा है। इसके अलावा कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से भी किसान अपनी आईडी बनवा सकते हैं। किसी प्रकार की जानकारी या समस्या के लिए किसान अपने संबंधित खंड कृषि अधिकारी कार्यालय या हल्का पटवारी से संपर्क कर सकते हैं।
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- जिले में अब तक 4945 किसानों की आईडी तैयार
संवाद न्यूज एजेंसी
पलवल। केंद्र सरकार के डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के तहत शुरू किए गए एग्रीस्टेक पोर्टल को लेकर जिले में किसानों का पंजीकरण तेज करने की तैयारी की जा रही है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि आने वाले समय में सरकारी कृषि योजनाओं का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिनकी किसान आईडी एग्रीस्टेक पोर्टल पर पंजीकृत होगी।
अतिरिक्त उपायुक्त सुभिता ढाका ने बताया कि एग्रीस्टेक एक ऐसी डिजिटल प्रणाली है, जिसके माध्यम से किसानों का प्रमाणित और सहमति आधारित डाटा सुरक्षित तरीके से एक ही प्लेटफार्म पर दर्ज होगा। किसान के पंजीकरण के बाद उसकी यूनिक किसान आईडी बनेगी, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे और पारदर्शी तरीके से मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि भविष्य में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, राज्य प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण समेत कृषि विभाग की अन्य योजनाओं का लाभ पंजीकृत किसानों को ही दिया जाएगा। इसके अलावा फसल बुआई रजिस्ट्री के जरिए बोई गई फसल का रियल टाइम डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा, जिससे खेतों और फसली क्षेत्र की सटीक जानकारी उपलब्ध रहेगी। गांवों की डिजिटल मैपिंग भी इसी प्रणाली के तहत की जाएगी।
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कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप-कृषि निदेशक डॉ. बाबू लाल ने बताया कि जिले में अब तक 4945 किसानों की किसान आईडी बनाई जा चुकी है। फील्ड स्टाफ को प्रशिक्षण देने के बाद गांव-गांव जिम्मेदारी सौंपी गई है, जहां कैंप लगाकर पंजीकरण किया जा रहा है। इसके अलावा कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से भी किसान अपनी आईडी बनवा सकते हैं। किसी प्रकार की जानकारी या समस्या के लिए किसान अपने संबंधित खंड कृषि अधिकारी कार्यालय या हल्का पटवारी से संपर्क कर सकते हैं।