शीला ने बुजुर्ग को बनाया शिकार: गंदा जाल बिछाकर बोली- आपके लिए सहायिका ढूंढती हूं, फिर हुई एक औरत की एंट्री
अगले दिन नौ अगस्त को शीला ने फिर से बुजुर्ग को फोन कर कहा कि कौशल्या अस्पताल में भर्ती है। आपने उसके साथ दुष्कर्म किया है। वह आपके खिलाफ केस कराने जा रही है।

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राजीव कॉलोनी निवासी एक 68 साल के बुजुर्ग को मां-बेटे व महिला ने हनीट्रैप में फंसाकर 2.10 लाख रुपये ऐंठ लिए। आरोपी इतने पर भी नहीं माने। बुजुर्ग से अभी भी 1.10 लाख की मांग की जा रही थी। बुजुर्ग ने मामले की जानकारी क्राइम ब्रांच सेक्टर-65 को दी। टीम ने अपना जाल बिछाया और आरोपी धरे गए। आरोपी रिश्ते में मां-बेटा हैं। आरोपियों का साथ देने वाली अन्य महिला की तलाश की जा रही है। सेक्टर-58 थाना में केस दर्ज किया गया है।

जानकारी के मुताबिक 68 वर्षीय बुजुर्ग एक कंपनी से सेवानिवृत्त हैं। उनके बच्चे अलग रहते हैं। उन्होंने कुछ कमरे भी किराए पर दे रखे हैं। पीड़ित ने शिकायत में बताया कि करीब एक साल से शीला नाम की महिला उनके नजदीक आने की कोशिश कर रही थी। उसने बुजुर्ग से कहा, आप घर में अकेले रहते हो, आपके लिए घरेलू सहायिका का प्रबंध कर देती हूं। बुजुर्ग ने इसके लिए मना कर दिया था। इसके बावजूद सात अगस्त को शीला अपने साथ कौशल्या नाम की एक महिला को ले आई।
उसने बताया कि वह विधवा है। चार हजार रुपये मासिक में वह घर की साफ सफाई और खाना बना देगी। बुजुर्ग ने इसके लिए हां कर दी। आठ अगस्त को शीला अपने बेटे के साथ बुजुर्ग के घर आई और कौशल्या को कपड़े दिलाने के बहाने अपने साथ ले गई। करीब तीन घंटे बाद शीला ने बुजुर्ग को फोन कर कहा कि आपने कौशल्या के साथ दुष्कर्म किया है। वह आपके खिलाफ केस कराने जा रही है। बुजुर्ग इस बात से घबरा गए।
शीला ने फोन कर कहा- कौशल्या अस्पताल में भर्ती है
आरोपी ने उन्हें डरा-धमकाकर बल्लभगढ़ बुला लिया। काफी मिन्नतों के बाद आरोपियों ने शिकायत नहीं देने के नाम पर दो लाख रुपये की मांग की। बुजुर्ग ने 1.90 लाख रुपये उन्हें दे दिए। शीला ने 20 हजार रुपये राजीनामा कराने के नाम पर अलग से लिए। अगले दिन नौ अगस्त को शीला ने फिर से बुजुर्ग को फोन कर कहा कि कौशल्या अस्पताल में भर्ती है। इलाज के लिए 1.10 लाख रुपये चाहिए। बुजुर्ग ने किसी तरह हिम्मत कर क्राइम ब्रांच सेक्टर-65 प्रभारी ब्रह्मप्रकाश को मामले की जानकारी दी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच प्रभारी ने टीम गठित कर बुजुर्ग से आरोपियों को फोन करवाया और रुपये लेने के लिए बुलाया। आरोपी आने को तैयार थे लेकिन बुजुर्ग के पास अब रुपये नहीं थे। क्राइम टीम ने बच्चों के खेलने के आने मिलने वाले नकली नोटों की गड्डियां खरीदकर, उसके ऊपर-नीचे असली नोट लगा दिए। आरोपी बुजुर्ग द्वारा बताए स्थान पर रकम लेने पहुंच गए। आरोपियों ने गड्डी लेकर अपने पास रख ली। पहले से तैयार टीम ने शीला व उसके साथ आए लड़के को दबोच लिया। पूछताछ में सामने आया कि युवक का नाम विजय है। वह शीला का बेटा है। आरोपियों की तीसरी साथी कौशल्या अभी फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।