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देख लो सरकार: न ऑपरेशन थिएटर, न नीकू वार्ड, 28 KM दूर है बड़ा अस्पताल; कैसे हो गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी?

संवाद न्यूज एजेंसी, बल्लभगढ़ Published by: अनुज कुमार Updated Fri, 12 Dec 2025 05:47 PM IST
सार

बल्लभगढ़ के मेडिकल कॉलेज में नीकू वार्ड और ऑपरेशन थिएटर न होने से गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी नहीं हो पा रही, उन्हें बीके या बल्लभगढ़ अस्पताल भेजा जाता है। रास्ते में जाम व देरी से कई बार मां-बच्चे की मौत हो चुकी है।

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pregnant women not able to delivery Due to absence of NICU ward and operation theatre in Ballabhgarh
कैसे हो गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी? - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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गांव छांयसा स्थित श्री अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी नहीं हो पाती है। जिस वजह से गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी के लिए बी के अस्पताल व बल्लभगढ़ सरकारी अस्पताल में रेफर किया जाता है। उसी वजह से कई बार अस्पताल पहुंचने से पहले ही मां व बच्चे की मौत भी हो जाती थी। अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर और नीकू वार्ड नहीं होने की वजह से डिलीवरी शुरू नहीं हो पा रही है।
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मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में हर रोज करीब 500 से अधिक मरीज उपचार करवाने के लिए आते हैं। उनमें गर्भवती महिलाएं भी होती है। उन गर्भवती महिलाओं का स्त्री रोग विशेषज्ञ से उपचार तो मिल जाता है, लेकिन उसकी डिलीवरी नहीं होती है। उसी वजह से उन महिलाओं को बीके अस्पताल और बल्लभगढ़ के सरकारी अस्पताल में रेफर किया जाता है। इसको लेकर कई बार आसपास के गांव के लोगों ने निर्देशक को कहा है कि वह जल्द से जल्द डिलीवरी को भी शुरू करें।

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नीकू वार्ड के बाद ही शुरू होगी डिलीवरी
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नीकू वार्ड नहीं होने की वजह से डिलीवरी शुरू नहीं हो पा रही है, क्योंकि कई बार डिलीवरी के बाद बच्चों को नीकू वार्ड में रखना अनिवार्य होता है। इसी वजह से डिलीवरी नहीं हो पा रही है। वहीं कई बार कुछ महिलाओं के ऑपरेशन के जरिए डिलीवरी होती है। अभी ऑपरेशन थिएटर बनकर तैयार नहीं हुए हैं।

28 किलोमीटर दूर है बीके अस्पताल
गांव छांयसा से अगर किसी गर्भवती महिला को डिलीवरी के लिए रेफर किया जाता है तो उनको बी के अस्पताल करीब 28 किलोमीटर दूर पड़ता है। इस दौरान मरीज व उनके परिजन को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। इसी वजह से कई बार कई बड़ी घटना घटित हो चुकी है। जिसमें मां और बच्चा की मौत भी हो चुकी है।

निदेशक डॉक्टर बी एम वशिष्ठ का कहना है कि उनकी ओर से जल्द ही ऑपरेटर थिएटर बनकर तैयार हो जाएंगे। इसके बाद नीकू वार्ड को बनाने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। यह दोनों कार्य पूरे होने के बाद उनके मेडिकल कॉलेज में भी डिलीवरी शुरू हो जाएगी।

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