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Faridabad News: अरावली के फेफड़े मांगर बानी की सुरक्षा अब होगी अभेद्य

Noida Bureau नोएडा ब्यूरो
Updated Tue, 25 Nov 2025 10:51 PM IST
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The security of Mangar Bani, the lungs of Aravali, will now be impenetrable.
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वन्यजीवों की निगरानी के लिए बनेंगे दो हाई-टेक वॉच टावर
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अमर उजाला ब्यूरो
फरीदाबाद। एनसीआर की जीवनरेखा माने जाने वाले अरावली वन क्षेत्र की सुरक्षा अब और मजबूत होने जा रही है। अरावली के सबसे संवेदनशील और जैव विविधता से भरपूर क्षेत्र मांगर बानी लैंडस्केप में वन्यजीव संरक्षण और वन क्षेत्र की चौकसी के लिए दो हाई-टेक वॉच टावर बनाए जाएंगे।
वन एवं वन्यजीव विभाग ने इस कार्य को स्वीकृति दे दी है। उम्मीद जताई जा रही है कि अरावली क्षेत्र में लगातार हो रहे अवैध खनन, अतिक्रमण और वन्यजीवों की मौत जैसी घटनाओं पर रोक लगेगी। मांगर बानी को पूरे एनसीआर के प्राकृतिक फेफड़े कहा जाता है। यह वन्यजीवों के लिए महत्वपूर्ण कॉरिडोर के रूप में काम करता है। यहां लगभग 200 से अधिक प्रकार के पौधे, 90 से अधिक पक्षी प्रजातियां और तेंदुआ, नीलगाय, सियार, मोर जैसे कई वन्यजीव पाए जाते हैं। कुछ दिन पहले अरावली के पास सड़क हादसे में एक तेंदुए की मौत और इसी माह मोर की हत्या जैसे मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए विभाग अब गंभीरता से काम कर रहा है।
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अब 24 घंटे होगी हाईटेक निगरानी

नए वॉच टावरों के निर्माण से यहां निगरानी व्यवस्था 24 घंटे मजबूत बनेगी। वॉच टावर की संरचना एम.एस. स्टील पाइप से बनाई जाएगी वहीं इसमें एम.एस. चेकर प्लेट फ्लोरिंग करने के साथ कंक्रीट बेस पर निर्माण किया जाएगा। इससे ऊंचाई पर तैनात सुरक्षा कर्मचारी पूरे वन क्षेत्र का पैनोरमिक व्यू देख पाएंगे। इसके साथ अवैध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन टावरों से वनकर्मी दूरबीन और उपकरणों की मदद से क्षेत्र में होने वाली हर हलचल पर नजर रख सकेंगे। इससे अवैध खनन, शिकार, पेड़ कटाई, अतिक्रमण और वन्यजीवों के जोखिम को काफी हद तक रोका जा सकेगा।


फटकार के बाद गंभीर हो रहा प्रशासन

बतादें कि निगरानी के अभाव में फरीदाबाद में अरावली के बीच में अवैध रूप से करीब 250 फॉर्महाउस व बैंक्वेट हॉल बने हुए थे, जिन्हें कोर्ट के आदेश के बाद तोड़ा गया है। वहीं अरावली पर खनन पूरी तरह प्रतिबंधित है लेकिन कई जगहों पर चोरी छिपे अवैध खनन चल रहा है। जिससे अरावली के एक बड़े हिस्से को नुकसान हो रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार और प्रशासन को कई बार कड़ी फटकार लगाई है। इसके बाद अब प्रशासन और वन विभाग कार्रवाई में गंभीर दिखाई दे रहा है। वॉच टावरों का फैसला इसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।


अरावली की रक्षा की दिशा में बड़ा और जरूरी कदम

पर्यावरण प्रेमी इस परियोजना का समर्थन कर रहे हैं। उनका कहना है कि मांगर बानी जैसे प्राकृतिक क्षेत्रों को हाईटेक सुरक्षा देकर ही भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित रखा जा सकता है। यह वॉच टावर अरावली के संरक्षण की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है। इससे वन क्षेत्र सुरक्षित होने के साथ फरीदाबाद और पूरे एनसीआर के पर्यावरण को एक नई सांस मिलेगी।
वर्जन



विभाग की तरफ से अरावली की सुरक्षा के लिए हर स्तर पर काम किया जा रहा है। लोगों को भी इसके लिए जागरूक किया जा रहा है। - सुरेन्द्र डांगी, डीएफओ
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